Kalkaji Temple Murder: दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के कालकाजी इलाके में शुक्रवार रात एक मंदिर के 35 वर्षीय सेवादार की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह दुखद घटना एक साधारण प्रसाद विवाद से शुरू हुई थी, जो अंततः एक निर्दोष व्यक्ति की मौत का कारण बन गई। दिल्ली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
घटना की शुरुआत-
शुक्रवार रात लगभग 9 बजे यह घटना घटी। मंदिर के सेवादार योगेंद्र सिंह, जो उत्तर प्रदेश के हरदोई के मूल निवासी थे, पिछले डेढ़ दशक से इस मंदिर में सेवा कर रहे थे। उस रात कुछ लोग मंदिर में आए और उन्होंने चुन्नी प्रसाद की मांग की। चुन्नी प्रसाद एक परंपरागत धार्मिक प्रसाद है, जिसमें पवित्र सिर ढकने का कपड़ा और धार्मिक खाद्य प्रसाद शामिल होता है।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, योगेंद्र सिंह ने उन्हें कुछ मिनट रुकने को कहा, लेकिन इस बात पर वे लोग भड़क गए। एक अन्य सेवादार ने बताया, कि “मुझे जो पता है, रात 9 बजे के आसपास वे उसे धर्मशाला से ले गए। वहां 10-15 लोग थे। उनके पास लोहे की रॉड और डंडे थे और उन्होंने उसे पीट-पीटकर मार डाला। वे प्रसाद की मांग कर रहे थे और उसने उन्हें कुछ मिनट रुकने को कहा, जिसके बाद उन्होंने उसे धमकाना शुरू कर दिया।”
#WATCH | Delhi: Raju, a servitor (sewadaar) at the Kalkaji Temple, says, "What I know is, around 9 pm, they took him from the Dharamshala. There were 10-15 people. They had iron rods and sticks, and they beat him to death. The deceased's name is Yogesh… They were asking for… https://t.co/DJkAwtraJh pic.twitter.com/uj0ZIiYdrC
— ANI (@ANI) August 30, 2025
दर्दनाक हमला और CCTV फुटेज में दिखा क्रूर सच-
घटना का विवरण जितना सुनने में दुखदायी है, उतना ही देखने में भी भयावह था। CCTV फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है, कि कम से कम तीन लोग योगेंद्र सिंह को जमीन पर गिराकर डंडों से बेरहमी से पीट रहे हैं। पहले तो हमलावरों ने उन्हें मुक्कों से पीटा, फिर लाठी-डंडों का इस्तेमाल किया।
सेवादार ने आगे बताया, कि जब भी ये लोग मंदिर आते थे, तो हमेशा आक्रामक रवैये के साथ आते थे और उम्मीद करते थे, कि हम उन्हें जो भी चाहिए वो दे दें।
पुलिस की तत्काल कार्रवाई और मेडिकल इमरजेंसी-
पुलिस कंट्रोल रूम को शुक्रवार रात 9:30 बजे इस घटना की सूचना मिली। दक्षिण-पूर्व दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस हेमंत तिवारी के अनुसार, पीड़ित को तुरंत एम्स ट्रामा सेंटर ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। योगेंद्र सिंह एक साधारण व्यक्ति थे, जो अपनी आजीविका के लिए मंदिर में काम करते थे और भक्तों की सेवा करना अपना कर्तव्य समझते थे।
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कानूनी कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी-
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) (हत्या) और 3(5) (संयुक्त दायित्व) के तहत कालकाजी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया है।
DCP तिवारी ने बताया, कि “आरोपियों में से एक, जिसकी पहचान दक्षिणपुरी निवासी अतुल पांडे के रूप में हुई है, को स्थानीय लोगों ने मौके पर ही पकड़ लिया था और पुलिस के हवाले कर दिया।” 30 वर्षीय यह आरोपी अब पुलिस हिरासत में है। पुलिस अन्य आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यह मामला दिखाता है, कि कैसे छोटी सी बात भी हिंसा में बदल सकती है और एक निर्दोष जीवन की हानि हो सकती है।
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