India Pakistan Ceasefire: दो पड़ोसी देशों के बीच हालिया तनावपूर्ण घटनाक्रम में एक नया मोड़ आया है। भारत और पाकिस्तान ने आपसी सहमति से युद्धविराम का फैसला लिया था, लेकिन मात्र कुछ घंटों के भीतर ही पाकिस्तान ने इस समझौते का उल्लंघन कर दिया। रक्षा सूत्रों के अनुसार, सीमा पर फिर से गोलीबारी शुरू हो गई है और भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है।
"हमने पूरी संयमित तरीके से कार्रवाई की है और पाकिस्तान को उसकी हरकतों का जवाब दिया है," सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया। "हमारे जवाबी हमलों से पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ है।"
India Pakistan Ceasefire क्या था युद्धविराम का प्लान?
शनिवार की दोपहर लगभग 3:35 बजे पाकिस्तानी डीजीएमओ (महानिदेशक, सैन्य संचालन) ने अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया था। दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत में यह तय हुआ कि शाम 5 बजे से सभी मोर्चों - जमीन, हवा और समुद्र में - युद्धक गतिविधियां रोक दी जाएंगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया, "समझौते के अनुसार, दोनों देशों की सेनाओं को अपनी-अपनी पोजिशन पर रहते हुए हर तरह की फायरिंग रोकने के निर्देश दिए गए थे। आगे की रणनीति बनाने के लिए 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर से डीजीएमओ स्तर पर वार्ता होनी थी।"
यह समझौता दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत का परिणाम था, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता शामिल नहीं थी। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस समझौते का स्वागत करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट से इसकी जानकारी साझा की थी।
India Pakistan Ceasefire क्या-क्या हुआ उल्लंघन?
"दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, समझौते के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान की ओर से फिर से अशांति फैलाने की कोशिश की गई," विदेश सचिव ने अपने बयान में कहा। "हमारे पास पुख्ता सबूत हैं कि सीमा पार से घुसपैठ की नई कोशिश की गई है और हमारी सैन्य चौकियों पर स्नाइपर फायरिंग की गई है।"
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने न केवल पंजाब सेक्टर में बल्कि जम्मू-कश्मीर में भी कई जगहों पर युद्धविराम का उल्लंघन किया है। भारतीय सेना हर मोर्चे पर सतर्क है और स्थिति पर नज़र रखे हुए है।
India Pakistan Ceasefire नगरोटा में आतंकी घुसपैठ का प्रयास-
तनावपूर्ण माहौल के बीच, जम्मू-कश्मीर के नगरोटा क्षेत्र में सैन्य प्रतिष्ठान के पास एक संदिग्ध व्यक्ति देखा गया। सुरक्षा गार्ड ने जब उसे रुकने का इशारा किया, तो उसने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
"हमारे जवान ने तुरंत अपनी पोजीशन संभाली और जवाबी कार्रवाई की। इस झड़प में उसे हल्की चोटें आईं हैं, लेकिन वह खतरे से बाहर है," क्षेत्रीय सैन्य कमांडर ने बताया। "पूरे इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और सभी संभावित छिपने के स्थानों की जांच की जा रही है।"
यह घटना सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने की पाकिस्तान की नीति का एक और उदाहरण है, जिसकी भारत लगातार निंदा करता रहा है।
बढ़ी सुरक्षा: मुंबई में अलर्ट-
हालांकि वर्तमान तनाव मुख्य रूप से सीमावर्ती इलाकों तक सीमित है, फिर भी सुरक्षा एजेंसियों ने देश के अन्य महत्वपूर्ण शहरों, विशेषकर मुंबई में अलर्ट जारी कर दिया है।
"समुद्री सीमा पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मछली पकड़ने वाली नावों और उनके चालक दल की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है," एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया। "26/11 जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए हम हर संभव कदम उठा रहे हैं।"
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं: चीन की भूमिका-
इस बीच, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से टेलीफोन पर बातचीत की। चीन ने दोनों देशों के बीच व्यापक और स्थायी युद्धविराम का समर्थन करते हुए कहा कि वह पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता है।
चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, "वांग यी ने आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करते हुए कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता सभी पड़ोसी देशों के हित में है।"
इस फोन वार्ता में डोभाल ने स्पष्ट किया कि पहलगाम हमले में कई भारतीय नागरिकों की जान गई थी और भारत को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करनी ही थी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत युद्ध का पक्षधर नहीं है, लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा।
कूटनीतिक विकल्प-
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता है।
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"यह सिर्फ सीमा पर गोलीबारी का मुद्दा नहीं है। इसके पीछे लंबे समय से चली आ रही समस्याएं हैं, जिनका समाधान बातचीत के जरिए ही संभव है," अंतरराष्ट्रीय संबंधों के एक विशेषज्ञ ने कहा। "हालांकि, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक स्थायी शांति की उम्मीद करना बेमानी है।"
भारत की स्थिति स्पष्ट है - आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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