S400 Air Defence System
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    S400 Air Defence System: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, सोशल मीडिया पर कई भ्रामक दावे वायरल हो रहे हैं। इन दावों में पाकिस्तान द्वारा भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को मार गिराने और एक महिला भारतीय वायु सेना (IAF) पायलट को पकड़ने की अफवाहें शामिल हैं। भारत सरकार ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और जनता से गलत सूचनाओं का शिकार न होने का आग्रह किया है।

    S400 Air Defence System महिला पायलट के कब्जे का झूठा दावा-

    सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा वायरल होने वाले झूठे दावों में से एक भारतीय वायु सेना की अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर शिवानी सिंह से संबंधित था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल पोस्ट्स में दावा किया गया था कि सीमा पार की झड़पों के दौरान पाकिस्तान ने उन्हें पकड़ लिया है। हालांकि, प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने सोशल मीडिया पर स्थिति स्पष्ट की।

    "पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया हैंडल्स का दावा है कि एक भारतीय महिला वायु सेना पायलट, स्क्वाड्रन लीडर शिवानी सिंह, को पाकिस्तान में पकड़ा गया है। यह दावा फर्जी है," PIB फैक्ट चेक ने X पर पोस्ट किया। सरकार ने पुष्टि की है कि कोई भी IAF कर्मी, पुरुष या महिला, पाकिस्तानी हिरासत में नहीं है।

    "यह अफवाह पूरी तरह से निराधार है और देश के नागरिकों को गुमराह करने के लिए फैलाई जा रही है," एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया। "हमारे सभी जवान सुरक्षित हैं और अपनी ड्यूटी पर मुस्तैदी से तैनात हैं।"

    S400 Air Defence System पर हमले का झूठा दावा-

    एक अन्य निराधार आरोप यह था कि पाकिस्तान ने सफलतापूर्वक भारत के S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया और नष्ट कर दिया, जिसे दुनिया में सबसे उन्नत प्रणालियों में से एक माना जाता है। यह दावा भी मैसेजिंग ऐप्स और सोशल मीडिया चैनलों पर तेजी से फैला। जवाब में, PIB फैक्ट चेक ने कहा, "S-400 सिस्टम के विनाश या किसी भी नुकसान की खबरें बेबुनियाद हैं।" S-400 से जुड़ी किसी भी घटना का कोई आधिकारिक पुष्टि या विश्वसनीय सबूत नहीं मिला है।

    रक्षा विशेषज्ञ कुलदीप शर्मा के अनुसार, "S-400 हमारे वायु रक्षा नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और पूरी तरह से सुरक्षित है। ऐसी अफवाहें फैलाने का उद्देश्य भारतीय जनता में भय और अविश्वास पैदा करना है।"

    सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का प्रसार-

    संघर्ष के समय में फेक न्यूज का प्रसार एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। कई वीडियो और छवियां जो पुराने हैं या अलग-अलग संदर्भों से हैं, उन्हें वर्तमान परिस्थिति से जोड़कर दिखाया जा रहा है। ऐसे में, भारत सरकार ने जनता को सावधान रहने और ऑनलाइन मिलने वाली किसी भी जानकारी को सत्यापित करने की सलाह दी है।

    PIB फैक्ट चेक टीम राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित झूठी खबरों का मुकाबला करने में तेजी से सक्रिय हो गई है। PIB के अनुसार, नागरिकों से अपडेट के लिए सत्यापित सरकारी चैनलों और प्रतिष्ठित समाचार आउटलेट्स पर भरोसा करने का आग्रह किया गया है, खासकर बढ़े हुए भू-राजनीतिक तनाव के दौरान।

    सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे किसी भी संदिग्ध जानकारी को आगे शेयर करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में जिम्मेदारी से आचरण करना हम सभी का कर्तव्य है।"

    सीमा पर स्थिति-

    सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है, और सशस्त्र बल पूरी तरह से सतर्क हैं। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हमारी सेनाएं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। नागरिकों को घबराने की जरूरत नहीं है और अफवाहों पर ध्यान न दें।"

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हम कूटनीतिक माध्यमों से मुद्दों को हल करने में विश्वास रखते हैं और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हैं। किसी भी तरह की गलत सूचना फैलाना न केवल अनुचित है बल्कि खतरनाक भी है।"

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    नागरिकों से अपील-

    विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे संवेदनशील समय में, नागरिकों को अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध जानकारी को आगे शेयर करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करनी चाहिए। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रोहित गुप्ता के अनुसार, "सोशल मीडिया पर शेयर करने से पहले हमेशा पूछें - क्या यह सच है? इसका स्रोत क्या है? क्या यह विश्वसनीय स्रोत से आया है?"

    PIB फैक्ट चेक ने नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जहां वे किसी भी संदिग्ध समाचार या दावे की सत्यता की जांच करा सकते हैं। "हमारी टीम 24x7 उपलब्ध है और किसी भी संदिग्ध जानकारी की त्वरित जांच करने के लिए तैयार है," PIB के एक अधिकारी ने बताया।

    इस बीच, सोशल मीडिया कंपनियों से भी झूठी खबरों से निपटने में सहयोग करने का आग्रह किया गया है। सरकार ने फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स से भारत-पाकिस्तान संबंधों पर फैलाई जा रही गलत सूचनाओं को हटाने के लिए कहा है।

    राष्ट्रीय हित में, हम सभी नागरिकों से संयम बरतने और सत्यापित सूचनाओं पर ही भरोसा करने का आग्रह करते हैं।

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