Gurugram Road Development Plan: गुरुग्राम शहर में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। जनवरी 2026 की शुरुआत से पूरे जिले में दस मॉडल सड़कें विकसित की जाएंगी, जो न सिर्फ शोर-शराबे से मुक्त होंगी, बल्कि वाहनों के प्रदूषण को भी कम करेंगी। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया, कि यह प्रोजेक्ट शहर की मौजूदा 50 किलोमीटर लंबी सड़कों के नेटवर्क पर लागू होगा, जो ईस्ट और वेस्ट जोन में फैला हुआ है।
एमजी रोड से होगी पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत-
इस योजना की शुरुआत एमजी रोड से होगी। अधिकारियों ने बताया, कि सड़क पर मौजूद टूटे हुए हिस्सों और गड्ढों की मरम्मत की जाएगी। साथ ही हॉर्न-फ्री जोन बनाए जाएंगे और ट्रैफिक सिग्नल को सिंक्रोनाइज किया जाएगा, ताकि जाम की समस्या से निपटा जा सके। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (ट्रैफिक) डॉ राजेश मोहन ने एक हाई-लेवल मीटिंग की अध्यक्षता की, जिसमें गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी और इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों के लिए खास इंतजाम-
डीसीपी मोहन ने कहा, कि कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की सिफारिशों के आधार पर सिविक अथॉरिटीज मिलकर काम करेंगी। इन सड़कों को धूल-रहित बनाया जाएगा और शोर तथा ट्रैफिक जाम को न्यूनतम स्तर पर रखा जाएगा। इन मॉडल सड़कों पर पैदल चलने वालों के लिए पर्याप्त रोशनी, बेहतर सिग्नल सिस्टम, दिशा-निर्देशों के लिए साइन बोर्ड और चलने के लिए ज्यादा जगह दी जाएगी। यह कदम खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा, जो रोजाना पैदल या साइकिल से अपने काम पर जाते हैं।
33 सड़कों और जंक्शन पर होगा रेनोवेशन-
अधिकारियों के मुताबिक, वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से 33 शहरी सड़कों और जंक्शन का नवीनीकरण किया जाएगा। शुरुआती चरण में ईस्ट और वेस्ट जोन में पांच-पांच मुख्य सड़कों पर काम शुरू होगा। एक वरिष्ठ ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने बताया, कि एमजी रोड से शुरू होने वाले बदलावों को इफको चौक से सिटी बस डिपो तक की सड़कों पर भी लागू किया जाएगा। सिग्नल सिंक्रोनाइजेशन से ट्रैफिक जाम में कमी आएगी, जो वायु और ध्वनि प्रदूषण का एक बड़ा कारण है।
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सुरक्षा के लिए भी होंगे खास इंतजाम-
सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। पूरी सड़क पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, रोड मार्किंग की जाएगी और ट्रैफिक मैनेजमेंट को स्मूद बनाया जाएगा। हालांकि अभी तक कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन अधिकारियों को उम्मीद है, कि मार्च 2026 तक दस मॉडल सड़कें तैयार हो जाएंगी। डीसीपी मोहन ने कहा, कि खतरनाक जगहों की मार्किंग, लेन एनफोर्समेंट और इंटरसेक्शन डिजाइन में सुधार जैसे उपाय किए जाएंगे ताकि घातक दुर्घटनाओं को रोका जा सके। म्युनिसिपल अथॉरिटीज भी धूल और निर्माण कचरे से निपटने के लिए मैन्युअल सफाई और स्क्रैपिंग का काम करेंगी।
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