Puri Jagannath Temple Protest: ओडिशा के पवित्र पुरी जगन्नाथ मंदिर के बाहर आज सुबह से ही भारी भीड़ जमा हो गई। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मंदिर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ नारेबाजी की। “बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो”, “हिंदुओं की रक्षा करो” जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। प्रदर्शनकारियों ने मांग की, कि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाए और वहां हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करवाए।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमलों ने भारत में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। मैमनसिंह में दीपू चंद्र दास और राजबाड़ी जिले में अमृत मंडल की मोब लिंचिंग के बाद देशभर में हिंदू संगठनों और राजनीतिक दलों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। दीपू चंद्र दास को निंदा के आरोप में भीड़ ने मार डाला, जबकि अमृत मंडल को वसूली के आरोप में पीट-पीटकर जान से मार दिया गया।
देशभर में फैला विरोध का माहौल-
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता विभिन्न शहरों में बांग्लादेशी दूतावासों और कार्यालयों के सामने जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में भी बांग्लादेशी मिशनों के सामने धरना दिया जा रहा है। BJP और कांग्रेस भी इस मुद्दे पर एकजुट होकर केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं, कि वह बांग्लादेश से सख्ती से पेश आए और वहां हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करवाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है, कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार को डिप्लोमैटिक और आर्थिक दबाव बढ़ाना चाहिए।
#WATCH | Puri, Odisha: Bajrang Dal and Vishwa Hindu Parishad took out a protest rally in front of Puri Jagannath Temple to protest against the atrocities committed against Hindus in Bangladesh pic.twitter.com/dHldYLPs7h
— ANI (@ANI) December 26, 2025
मुहम्मद यूनुस सरकार मुश्किल में-
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के बाहर होने, कई मोब लिंचिग की घटनाएं, एक प्रमुख छात्र नेता की हत्या, न्याय की मांग के लिए हिंसक प्रदर्शन और मीडिया हाउस के साथ सांस्कृतिक समूहों पर हमलों ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। यूनुस की सरकार जो छात्र आंदोलन की लहर पर सत्ता में आई थी, अब उसी को संभालने में मुश्किल महसूस कर रही है।
हसीना की अवामी लीग पर ब्लैंकिट बैन ने जिया और रहमान की BNP के लिए चुनाव को आसान बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने इस पर चिंता जताई है और प्रशासन से मतदाताओं के चुनावी अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। कुछ ही दिनों में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के दो लोगों की लिंचिंग ने भारत में भी विरोध प्रदर्शन को जन्म दे दिया है।
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अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल-
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमले अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गए हैं। मौब लिंचिंग की ये घटनाएं न केवल बांग्लादेश में कानून व्यवस्था की विफलता को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी साबित करती हैं, कि वहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। यूनुस सरकार पर अब अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है, कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। पुरी जगन्नाथ मंदिर सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शन यह संदेश दे रहे हैं।
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