Bengaluru Metro
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    Bengaluru Metro: बेंगलुरु की नम्मा मेट्रो में एक 25 साल की महिला के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना ने एक बार फिर महिला सुरक्षा के मुद्दे को सामने ला दिया है। दरअसल मैजेस्टिक इंटरचेंज के पास मेट्रो ट्रेन में हुई इस घटना में आरोपी 55 वर्षीय मुत्तप्पा नाम के व्यक्ति ने नशे की हालत में महिला के साथ अभद्र व्यवहार किया।

    ऑफिस से घर जा रही थी महिला-

    अंग्रेज़ी समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के मुताबिक, महिला अपने ऑफिस से घर लौट रही थी, जब ये हादसा हुआ। शुरुआत में वह एक पुरुष और एक महिला के बीच बैठी थी। जब बगल में बैठा व्यक्ति अपने स्टेशन पर उतर गया, तो मुत्तप्पा उसकी जगह आकर बैठ गया। महिला ने बताया, कि यह व्यक्ति असामान्य रूप से करीब बैठा, जिससे उसे बहुत असहज महसूस हुआ।

    करीब 15 मिनट की यात्रा के दौरान महिला को लगा, कि कोई जानबूझकर उसके शरीर को छू रहा है। पहले उसने सोचा, कि शायद गलती से हो रहा है, लेकिन जब बार-बार ऐसा हुआ और उस व्यक्ति ने अपनी टांग उसकी टांग से सटा दी, तो उसे समझ आ गया, कि यह जानबूझकर किया जा रहा है।

    गुस्से में महिला ने लिया फैसला-

    महिला ने अपने बयान में कहा, “उस पल मुझे एहसास हुआ, कि यह कोई गलती नहीं है। यह जानबूझकर किया जा रहा है। मैं स्तब्ध रह गई। फिर मुझे बहुत गुस्सा आया।” जब उसका स्टेशन आया, तो उसने उठकर उस व्यक्ति को थप्पड़ मारा और उसे खड़े होने के लिए कहा। संयोग से वह व्यक्ति भी उसी स्टेशन पर उतर रहा था।

    प्लेटफॉर्म पर महिला ने उसे दोबारा थप्पड़ मारा। उसके मुताबिक, वह व्यक्ति रो रहा था, गिड़गिड़ा रहा था, लेकिन बीच-बीच में मुस्कुरा भी रहा था। वह कन्नड़ में कुछ बोल रहा था, जो महिला को समझ नहीं आया।

    पुलिस ने दर्ज की NCR रिपोर्ट-

    मेट्रो सुरक्षा कर्मियों ने हस्तक्षेप किया और दोनों को साथ लेकर गए। महिला ने पुलिस कंप्लेंट दर्ज कराने की जिद की। उप्परपेट पुलिस स्टेशन में NCR (नॉन-कॉग्निजेबल रिपोर्ट) दर्ज की गई। पुलिस ने बताया, कि आरोपी नशे में था और करीब एक घंटे से बिना किसी स्टेशन पर उतरे मेट्रो में घूम रहा था। पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया, चेतावनी दी और फिर छोड़ दिया।

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    पुलिस की सलाह पर सवाल-

    महिला ने पुलिस की सलाह पर नाराजगी जताई। उसने कहा, कि उसे बताया गया, कि अगली बार खतरा महसूस हो तो बस उठकर चली जाएं। इस पर उसने सवाल किया, “सबसे पहले, मुझे कैसे पता चलेगा, कि मेरे बगल में बैठा व्यक्ति ऐसा है? क्या मुझे हर आदमी से पूछना चाहिए, कि ‘क्या आप शिकारी हैं?'” इससे पता चलता है, कि महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ कानून बनाने से नहीं, बल्कि जागरूकता और संवेदनशील व्यवहार से सुनिश्चित होती है।

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    By sumit

    मेरा नाम सुमित है और मैं एक प्रोफेशनल राइटर और जर्नलिस्ट हूँ, जिसे लिखने का पाँच साल से ज़्यादा का अनुभव है। मैं टेक्नोलॉजी और लाइफस्टाइल टॉपिक के साथ-साथ रिसर्च पर आधारित ताज़ा खबरें भी कवर करता हूँ। मेरा मकसद पढ़ने वालों को सही और सटीक जानकारी देना है।