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MSP: हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली में जाने के लिए बॉर्डर पर अड़े हुए हैं और लगातार पुलिस किसानों को वापस करने की कोशिश कर रही है। आसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। हर तरफ बेकाबू होते नजारे देखने को मिल रहे हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में कूच की कोशिश में है। ऐसे में कांग्रेस के किसानों की मांगों के समर्थन में कांग्रेस के राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि किसान भाइयों आज का दिन ऐतिहासिक है। कांग्रेस ने हर किसान को फसल का पर स्वामी नाथन कमीशन के मुताबिक MSP की कानून गारंटी देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा यह एक कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित करेगा और उनका जीवन बदल देगा।

कांग्रेस की पहली गारंटी-

न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी होगी, इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि कांग्रेस ने ऐतिहासिक फासला ले लिया है और अब स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक किसानों को MSP कानून बनाकर उचित मूल्य की गारंटी जरूर देंगे। इससे 15 करोड़ किसान परिवारों को फायदा मिलेगा। किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वह किसानों को कानूनी मदद देंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शंभू बॉर्डर के बाद जींद बॉर्डर पर पंजाब में किसानों की हरियाणा पुलिस से झड़प हुई।

आंसू गैस के गोले-

जहां पर आंसू गैस के गोले दागे गए, पुलिस ड्रोन द्वारा आंसू गैस के गोले दाग रही थी। वहीं अब कुछ किसानों के ऊपर शंभू बॉर्डर पर लगातार आंसू गैस के दागे जा रहे हैं। वहीं किसान भी उग्र हो चुके है और उन्होंने बॉर्डर पर एक ओवर ब्रिज की रेलिंग को भी तोड़ दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रदर्शन की अगुवाई कर रही पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंडित ने कहा है कि शंभू बॉर्डर पर 10,000 किसान हैं और उन्होंने कहा कि किसान शांति बनाए हुए हैं। लेकिन हमारे ऊपर ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। जब तक हमारी यह मांग नहीं मानी जाएगी, तो हमारा प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा।

किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश-

किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने की मांग कर रहे हैं। आंदोलन में शामिल किसान कृषि ऋण माफ करने की मांग कर रहे हैं। किसानों की सबसे खास मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाना है और किसान लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की भी मांग कर रहे हैं। दूध उत्पादन, सब्जियों, फलों, मांस और कृषि वस्तुओं पर शुल्क कम करने के लिए भत्ते बढ़ाने चाहिए।

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पेंशन योजना-

किसानों को और 58 साल से ज्यादा उम्र के बाद पेंशन योजना लागू करनी चाहिए। 10,000 रुपए प्रति माह पेंशन के रूप में मिलनी चाहिए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार कर सरकार की ओर से स्वयं बीमा अधिनियम का भुगतान करना, सभी फसलों की योजना का हिस्सा बनना और नुकसान का आकलन करते हुए खेत एकड़ को एक इकाई के रूप में मानकर नुकसान का आकलन करना है। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को इस तरीके से लागू किया जाना चाहिए। ऐसी मांगो को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं।

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