Bhojpuri Songs: बिहार पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर "डबल-मीनिंग" वाले भोजपुरी गानों के बजने पर सख्त कार्रवाई का आदेश जारी किया है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार, ये गाने एक "ज्वलंत सामाजिक समस्या" बन चुके हैं, जो न केवल महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि बच्चों के मानसिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
शुक्रवार को जारी किए गए एक परिपत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक कार्यक्रमों, बसों, ट्रकों और ऑटो-रिक्शा में ऐसे गाने बजाने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। यह परिपत्र सभी इंस्पेक्टर जनरल (आईजी), डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) और रेलवे पुलिस को भेजा गया है।
Bhojpuri Songs अभियान चलाकर होगी पहचान-
"पूरे राज्य में एक विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए, जिसमें उन लोगों की पहचान की जाए जो ऐसी गतिविधियों में शामिल होते हैं और अश्लील और डबल-मीनिंग वाले भोजपुरी गानों को बढ़ावा देते हैं," परिपत्र में कहा गया है।
पुलिस के मुताबिक, "जब महिलाएं सार्वजनिक स्थानों, कार्यक्रमों, बसों, ट्रकों और ऑटो रिक्शा में ऐसे अश्लील और डबल-मीनिंग वाले भोजपुरी गाने सुनती हैं, तो यह उनके लिए शर्मनाक स्थिति पैदा करता है। कई बार वे असुरक्षित भी महसूस करती हैं जब ऐसे गाने बजाए जाते हैं।" परिपत्र में आगे कहा गया, "इस संबंध में निर्देश का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।"
Bhojpuri Songs विधानसभा में भी उठा था मुद्दा-
यह मुद्दा पहले विधानसभा में भी उठाया गया था। कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी ने दो साल पहले विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था और ऐसे गानों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। राज्य सरकार ने विधायकों को आश्वासन दिया था कि फिल्मों और सोशल मीडिया पर "अश्लील और डबल मीनिंग" वाले भोजपुरी गानों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Bhojpuri Songs समाज पर प्रभाव-
सामाजिक विशेषज्ञों का मानना है कि अश्लील भोजपुरी गानों का बढ़ता प्रचलन बिहार की संस्कृति और सामाजिक तानेबाने पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। डॉ. अनिता सिंह, समाजशास्त्री, कहती हैं, "ये गाने महिलाओं को केवल वस्तु के रूप में पेश करते हैं, जिससे समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना कम होती है। इसका नकारात्मक प्रभाव युवा पीढ़ी पर पड़ता है, जो इन गानों से प्रभावित होकर गलत धारणाएं बना लेते हैं।"
Bhojpuri Songs जनता की प्रतिक्रिया-
इस फैसले पर बिहार के विभिन्न हिस्सों से मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। पटना की रहने वाली सुनीता देवी ने कहा, "यह बहुत जरूरी कदम था। मैं अक्सर ऑटो में सफर करती हूं और कई बार ड्राइवर इतने जोर से अश्लील गाने बजाते हैं कि बैठना मुश्किल हो जाता है। मुझे उम्मीद है कि इस नियम से कुछ सुधार आएगा।"
वहीं, भोजपुरी संगीत उद्योग से जुड़े कुछ लोगों का मानना है कि इससे उनका व्यवसाय प्रभावित होगा। संगीत निर्माता राजेश यादव कहते हैं, "हम भी अश्लील गानों के खिलाफ हैं, लेकिन इस फैसले से पूरे भोजपुरी संगीत उद्योग को नुकसान न हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। ज्यादातर भोजपुरी गाने संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देते हैं।"
आगे की चुनौतियां-
पुलिस के इस फैसले के बावजूद, इसके क्रियान्वयन में कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि "डबल-मीनिंग" की परिभाषा क्या होगी और कौन-से गाने इस श्रेणी में आएंगे, इसका निर्धारण कैसे होगा। बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया, "हमने विशेषज्ञों के साथ मिलकर कुछ मापदंड तैयार किए हैं, जिनके आधार पर गानों को वर्गीकृत किया जाएगा। हम जल्द ही इसे लागू करेंगे और ट्रेनिंग सेशन भी आयोजित करेंगे।"
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण-
अधिकारियों के सामने एक और बड़ी चुनौती है - डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इन गानों का प्रसार। यूट्यूब, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे गाने आसानी से उपलब्ध हैं। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रंजन कुमार बताते हैं, "डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण के लिए हमें इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) और सोशल मीडिया कंपनियों के साथ मिलकर काम करना होगा। इसके लिए एक व्यापक नीति की आवश्यकता है।"
राज्य सरकार ने इस दिशा में कदम उठाए हैं और डिजिटल कंटेंट को मॉनिटर करने के लिए एक विशेष टीम गठित की है। इस टीम में साइबर विशेषज्ञ और पुलिस अधिकारी शामिल हैं। बिहार सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक योजना बनाई है। इसमें जागरूकता अभियान, कड़ी कानूनी कार्रवाई और सकारात्मक भोजपुरी संगीत को बढ़ावा देना शामिल है।
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संस्कृति मंत्री ने हाल ही में एक बयान में कहा, "हम भोजपुरी संगीत की समृद्ध परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहित करेंगे जो सकारात्मक संदेश देने वाले गाने बनाते हैं।" इस पहल के तहत, राज्य सरकार भोजपुरी गायकों और संगीतकारों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करेगी और उन्हें प्रशिक्षित करेगी कि कैसे वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखते हुए आधुनिक और प्रगतिशील संगीत बना सकते हैं।
बिहार पुलिस का यह कदम सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि भोजपुरी संगीत की समृद्ध परंपरा को भी संरक्षित किया जा सकेगा।
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