Smallest Creatures: दोस्तों इस दुनिया में बहुत से ऐसे क्रिएचर्स हैं, जिन्हें शायद ही आपने कभी देखा होगा, तो आज हम आपको दुनिया के कुछ सबसे छोटे क्रिएचर्स के बारे में बताने वाले हैं, जो साइज में आपकी उंगलियों से भी छोटे हैं। यह क्रिएचर्स दुनिया के अलग-अलग कोने में पाए जाते हैं। इसलिए हम सभी इन जीवों को कभी देख भी नहीं पाते। चलिए शुरु करते हैं-
हॉग-नोज़्ड बैट(Smallest Creatures)-
हॉग-नोज़्ड बैट, जिसे भौंरा चमगादड़ भी कहा जाता है, यह दुनिया की सबसे छोटी बैट की प्रजाति है, जो मुख्य रूप से थाईलैंड और म्यांमार के कुछ विशेष क्षेत्र में पाई जाती है। यह आकार में करीब 3 से 4 सेंटीमीटर बड़ी और 2 ग्राम जितना होता है। इसलिए इसका नाम भौंरा चमगादड़ रखा गया है यह जीव हमेशा एक झुंड में रहते हैं, जिसमें करीब 10 से लेकर 100 सदस्य होते हैं। यह अक्सर चूना पत्थर की गुफाओं और नदियों के आसपास ही रहते हैं। उनके पास एक पतले झिल्लीदार होते हैं, जिससे यह आसानी से उड़ सकते हैं। यह अपने भोजन को हवा में उड़ते हुए पकड़ लेते हैं और उसे हवा में ही खा जाते हैं।
माउस लिमर (Smallest Creatures)-
यह मेडास्कर के जंगलों में पाया जाने वाला एक छोटा और बंदर जैसा दिखने वाला जीव है। जो साइज में करीब 9 से 10 सेंटीमीटर ही बड़ा होता है और इनका वजन मात्र 30 से 60 ग्राम के बीच होता है। लेकिन इनकी आखें काफी बड़ी होती हैं, जो इन्हें रात में देखने में मदद करती है। जिससे यह आसानी से शिकार कर पाते हैं, इनकी पूंछ भी काफी बड़ी होती है, जो इन्हें पेड़ों पर संतुलन बनाए रखने में मदद करती है, यह पेड़ों पर चढ़ने में काफी माहिर होते हैं, यह खाने में मुख्य रुप से फल-फूल और पेड़ खाते हैं। यह जीव ज्यादातर मेडास्कर के जंगलों में ही पाए जाते हैं।
फेनिक फॉक्स(Smallest Creatures)-
फेनिक फॉक्स यह दुनिया की सबसे छोटी लोमड़ी है, जो उत्तरी अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में पाई जाती है। बात करें इसकी लंबाई की तो इसकी लंबाई 24 से लेकर 40 सेंटीमीटर तक होती है और इसका वजन 1 से लेकर डेढ़kg के बीच होता है, लेकिन इसके कान काफी बड़े होते हैं, जो 10 से लेकर 15 सेंटीमीटर तक बड़े होते हैं। ये इन्हें ना सिर्फ सुनने में मदद करते हैं, बल्कि यह इन्हें धूप से बचाने में भी मदद करते हैं। यह जानवर अक्सर दिन में आराम करते हैं और रात के समय में अपने भोजन की तलाश में निकल जाते हैं। यह मुख्य रूप से छिपकली, फल, छोटे पक्षियों और उनके अंडों को खाते हैं। यह जीव बहुत ही कम पानी पीते हैं, यह अक्सर पानी की कमी को अपने खाने से ही पूरा कर लेते हैं। यह जीव जहां पर रहते हैं, वहां पर सरवाइव करना बहुत ही मुश्किल होता है। इसलिए दुनिया में इनकी संख्या काफी कम बची है।
पेडोस्थे हेनेली-
पेडोस्थे हेनेली यह दुनिया का सबसे छोटा मेंढक है। जिसे 2009 में पपुआ न्यू गिनी में खोजा गया था। यह साइज में सिर्फ 7 मिली मीटर ही बड़े होते हैं, यह न सिर्फ सबसे छोटे मेंढक हैं, बल्कि अब तक का खोजा गया ऐसा छोटा जीव है, जिसके अंदर रीड की हड्डी होती है। वैसे तो यह एक मेंढक ही है, लेकिन यह अपनी जिंदगी में कभी भी पानी के अंदर नहीं जाता है। यह जमीन पर रहता है और अपने से छोटे जीवों का शिकार करता है। यह अपने छोटे आकार की वजह से आसानी से इन पत्तों के बीच में छिप जाता है और तब इन्हें देख पाना बड़ा मुश्किल होता है। लेकिन इनकी एक खास बात है, इसकी आवाज काफी तेज होती है। भले ही साइज़ में यह छोटे हैं, लेकिन इनकी आवाज़ काफी तेज़ होती है, यह अपने खाए हुए भोजन को पचाने के लिए हमेशा तेज-तेज आवाज़ निकालते हैं और अन्य जीवों की नज़र में आ जाते हैं। यह जीव दुनिया में और कहीं नहीं पाए जाते।
पिग्मी मार्मोसेट-
पिग्मी मार्मोसेट यह दुनिया के सबसे छोटे बंदरों में से एक हैं, जिनकी लंबाई मात्र 5 से 6 इंच बड़ी होती है। यानी की यह आपके हाथ के पंजों से भी छोटे हैं। लेकिन इनकी पूंछ इनके शरीर से भी ज़्यादा बड़ी होती है। यह बंदर मुख्य रूप से अमेजॉन के जंगलों में पाए जाते हैं, क्योंकि इन्हें जीने के लिए सबसे शुद्ध ऑक्सीजन की ज़रुरत होती है और इसीलिए अमेजॉन का जंगल इनके रहने के लिए सबसे बेस्ट है। लेकिन यहां इनकी जान को खतरा भी बना रहता है, क्योंकि आकार में छोटे होने की वजह से यह सांप और पक्षियों का शिकार हो जाते हैं। यह बंदर खाने में पेड़ों की छाल और फलों खाते हैं। यह बंदर इंसानों के साथ बहुत ही जल्द घुल मिल जाते हैं। इसलिए लोग इन्हें अपने घरों में भी पालना पसंद करते हैं। वै
बी हर्मिंग बर्ड-
यह दुनिया के सबसे छोटे पक्षियों में से एक है, जिनकी लंबाई 5 से 6 सेंटीमीटर और वजन मात्र 2 ग्राम होता है। यह मुख्य रूप से क्यूबा और मुख्य रुप से उनके आसपास के द्वीपों पर ही पाई जाती है। यह पक्षी हवा में स्थिर रहने और पीछे की ओर उड़ने के लिए जानी जाती है। दरअसल यह अपने पंखों को एक सेकंड में 80 बार फड़फड़ा सकती है। जिससे यह हवा में स्थिर रहने के साथ-साथ पीछे की ओर भी उड़ सकती है। यह पीछे की ओर उड़ने वाली एकमात्र पक्षी है। यह खाने में मुख्य रूप से फूलों के रसों को पीती है। यह अपनी नुकीली चोंच से इन फूलों के रसों को चुस्ती हैं और साथ ही यह मधुमक्खी और छोटे जीव को भी खा जाती है। यह पक्षी एक बार में कम से कम दो अंडे देती है, जो साइज में मटर के दाने के बराबर होते हैं। इसके साथ ही इसका जीवनकाल लगभग 7 से 12 साल तक होता है।
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फेरी फ्लाई-
फेरी फ्लाई यह दुनिया के सबसे छोटे कीटों में से एक है, इसकी लंबाई मात्र 5 मिली मीटर होती है। यह मुख्य रूप से छोटे तालाबों, पौधों और नमी वाले स्थान पर पाए जाते हैं। यह आमतौर पर अन्य कीटों के अंडों में अपने अंडे छोड़ देते हैं। जिससे यह परिजीवी के रुप में जाने जाते हैं, इनके पंख बड़े पतले और पारदर्शी होते हैं, यह जीव कृषि के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। क्योंकि यह अन्य कीटों के अंडों को खा जाते हैं, जिससे उनकी संख्या कंट्रोल में रहती है।
फायरफ्लाई-
फायरफ्लाई जिन्हें हम जुगनू के नाम से भी जानते हैं, यह छोटे आकार के चमकने वाले जीव होते हैं, जो आकार में मात्र एक से दो सेंटीमीटर ही बड़े होते हैं, यह अपने शरीर में बनने वाले लूसी फेरिन नाम के एक रसायन का इस्तेमाल करके रोशनी पैदा करते हैं, जो हमें चमकता हुआ दिखाई देता है। यह प्रकाश अन्य फायरप्लाई के साथ संचार करने का माध्यम होता है। यह जीव दिन में सोते हैं और रात के समय में निकलते हैं, लेकिन अब इनकी संख्या काफी तेज़ी से कम हो रही है। जिसके चलते यह कई जगहों से गायब हो चुके हैं। इनके विलुप्त होने का मुख्य कारण मोबाइल टावरों से निकलने वाला रेडिएशन है। हम सभी 5जी 6जी के पीछे तेज़ी से भगते जा रहे हैं, लेकिन हम सब इन्हें पीछे छोड़ रहे हैं।
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