AI Career Guide 2025: आज के डिजिटल युग में एक नया पेशा तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, जो न केवल भविष्य की तकनीक को आकार दे रहा है। बल्कि युवाओं को आकर्षक सैलरी पैकेज भी दे रहा है। एआई डेटा साइंटिस्ट की नौकरी आज भारत में छात्रों और पेशेवरों के लिए सबसे चर्चित करियर विकल्प बन गई है। चाहे आप कोडर हों, सांख्यिकीविद् हों या एमबीए ग्रेजुएट, सभी इस क्षेत्र की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इसकी वजह सिर्फ अच्छी सैलरी नहीं बल्कि यह भी है, कि यह करियर भविष्य में तकनीक और व्यापार की दुनिया को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
एआई डेटा साइंटिस्ट का काम क्या होता है-
एक एआई डेटा साइंटिस्ट का मुख्य काम कच्चे और बिखरे हुए डेटा को मतलब की जानकारी में बदलना होता है। ये पेशेवर ट्वीट्स, मेडिकल स्कैन या रसीदों जैसे अव्यवस्थित डेटा को समझदार सिस्टम डिजाइन करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। वे सांख्यिकी और मशीन लर्निंग का उपयोग करके पैटर्न खोजते हैं, भविष्य की भविष्यवाणी करने वाले मॉडल बनाते हैं और यहां तक, कि स्वचालित निर्णय लेने वाले उपकरण भी तैयार करते हैं।
तकनीकी काम पूरा होने के बाद ये पेशेवर अपने नतीजों को सरल भाषा में समझाते हैं, ताकि व्यापारिक नेता, सीईओ और ग्राहक आसानी से समझ सकें। अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक इंजन है, तो एआई डेटा साइंटिस्ट उसके मैकेनिक और नेवीगेटर दोनों की भूमिका निभाते हैं।
भारत में एआई डेटा साइंटिस्ट की सैलरी 2025-
भारत में एआई डेटा साइंटिस्ट का करियर न केवल मांग में है, बल्कि बेहद फायदेमंद भी है। 2025 में इस भूमिका के लिए सैलरी की प्रवृत्ति प्रभावशाली वृद्धि दिखाती है क्योंकि उद्योग तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपना रहे हैं।
नए पेशेवर यानी फ्रेशर्स जिनके पास शून्य से दो साल का अनुभव है, वे 6 से 10 लाख रुपये सालाना तक की सैलरी पा सकते हैं। टॉप संस्थानों से निकले छात्रों को 12 लाख रुपये तक का पैकेज मिल सकता है। इन एंट्री लेवल की नौकरियां खासकर आईटी कंपनियों, स्टार्टअप्स और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में मिलती हैं।
तीन से सात साल के अनुभव वाले मिड लेवल पेशेवरों की सैलरी 12 से 28 लाख रुपये सालाना तक होती है। इनकी टेक, फाइनेंस और हेल्थकेयर सेक्टर में जबरदस्त मांग है। वरिष्ठ पेशेवर जिनके पास 8 से 12 साल का अनुभव होता है, वे 35 से 55 लाख रुपये सालाना तक कमा सकते हैं। इसमें बोनस, नेतृत्व के फायदे और स्टॉक ऑप्शन भी शामिल होते हैं।
सैलरी में अंतर-
भारत में एआई डेटा साइंटिस्ट की सैलरी कई कारकों से प्रभावित होती है, जिसमें जीवन यापन की लागत, कंपनी का मुख्यालय और शहर में स्टार्टअप्स व टेक कंपनियों की संख्या शामिल है। इसलिए स्थान सैलरी तय करने में बड़ी भूमिका निभाता है।
बंगलुरु में सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है, जो 14 से 30 लाख रुपये सालाना तक होती है। यह शहर स्टार्टअप हब है और एआई व मशीन लर्निंग इनोवेशन का अग्रणी केंद्र है। हैदराबाद में 12 से 28 लाख रुपये की सैलरी मिलती है। क्योंकि यहां फार्मा और आईटी कंपनियों की मजबूत उपस्थिति है, जो एआई अपना रही हैं।
पुणे में 11 से 25 लाख रुपये मिलते हैं, क्योंकि आईटी सेवाओं और ऑटोमोटिव एआई रिसर्च लैब्स में वृद्धि हो रही है। गुड़गांव और नोएडा में 13 से 27 लाख रुपये की सैलरी है, जहां कंसल्टिंग, फिनटेक और आईटी फर्मों में अच्छी मांग है। चेन्नई में 10 से 22 लाख रुपये मिलते हैं, क्योंकि यहां मैन्युफैक्चरिंग और एंटरप्राइज सोल्यूशन में एआई का इस्तेमाल हो रहा है।
भारत और विदेश में सैलरी की तुलना-
कई पेशेवर जानना चाहते हैं, कि भारत में एआई डेटा साइंटिस्ट की सैलरी अन्य देशों की तुलना में कैसी है। वैश्विक वेतन स्तर में स्पष्ट अंतर दिखता है, लेकिन यह याद रखना जरूरी है, कि भारत में जीवन यापन की लागत बहुत कम है।
अमेरिका में औसतन 125,000 डॉलर यानी लगभग 1.04 करोड़ रुपये मिलते हैं। ब्रिटेन में 65,000 पाउंड यानी लगभग 67 लाख रुपये, सिंगापुर में 95,000 सिंगापुर डॉलर यानी 58 लाख रुपये और जर्मनी में 80,000 यूरो यानी 72 लाख रुपये मिलते हैं। भारत में 12 से 28 लाख रुपये का पैकेज जीवन यापन की कम लागत को देखते हुए काफी अच्छा माना जाता है।
फ्रेशर्स के लिए सैलरी पैकेज-
भारत में एआई डेटा साइंटिस्ट की सैलरी टेक इंडस्ट्री में नए ग्रेजुएट्स के लिए सबसे अच्छी एंट्री लेवल नौकरियों में से एक है। टॉप संस्थानों में कैंपस प्लेसमेंट के दौरान आईआईटी और आईआईआईटी के ग्रेजुएट्स को अक्सर एआई संबंधित भूमिकाओं के लिए 10 से 12 लाख रुपये का ऑफर मिलता है।
मिड टियर कॉलेजों के छात्रों को आमतौर पर 6 से 8 लाख रुपये के बीच ऑफर मिलते हैं, जो मुख्यतः टीसीएस, इन्फोसिस या एक्सेंचर जैसी आईटी सेवा कंपनियों से आते हैं। एडवांस सर्टिफिकेशन प्रोग्राम पूरे करने से फ्रेशर ऑफर को 9 से 11 लाख रुपये तक ले जाया जा सकता है, बिना टॉप टियर संस्थान की डिग्री के।
एआई डेटा साइंटिस्ट की सैलरी क्यों इतनी ज्यादा है-
भारत में एआई डेटा साइंटिस्ट की तेजी से बढ़ती सैलरी के तीन मुख्य कारण हैं। पहला, भारत एक डेटा हब बन गया है, जहां यूपीआई लेनदेन, फूड डिलीवरी ऐप्स और ई-कॉमर्स से आने वाली बड़ी मात्रा में डेटा स्ट्रीम है। व्यापारिक संस्थानों को इस जानकारी का विश्लेषण और उपयोग करने के लिए विशेषज्ञों की जरूरत है।
दूसरा कारण है, कि अब लगभग हर उद्योग समस्याओं को सुलझाने और दक्षता बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग कर रहा है। बैंकिंग और हेल्थकेयर से लेकर कृषि और मनोरंजन तक हर क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल हो रहा है। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण कारण है कुशल प्रतिभा की कमी। नैसकॉम 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, एआई और मशीन लर्निंग की भूमिकाओं में 25 प्रतिशत की प्रतिभा की कमी है। यह कमी स्वाभाविक रूप से सैलरी को पारंपरिक आईटी पदों से अधिक बढ़ाती है।
करियर ग्रोथ के अवसर-
एआई डेटा साइंटिस्ट करियर 5 से 10 साल के अनुभव के बाद विकास के कई अवसर प्रदान करता है। पेशेवर अक्सर अधिक वेतन और प्रभाव वाली उच्च स्तरीय भूमिकाओं में चले जाते हैं।
एआई आर्किटेक्ट बनकर 40 से 55 लाख रुपये सालाना कमा सकते हैं, जो एंटरप्राइज में बड़े पैमाने पर एआई सिस्टम डिजाइन और प्रबंधन करते हैं। एआई प्रोडक्ट मैनेजर की भूमिका में 30 से 45 लाख रुपये मिलते हैं, जो तकनीक को व्यापारिक जरूरतों से जोड़ते हैं। चीफ डेटा ऑफिसर के रूप में 50 लाख रुपये से अधिक मिल सकते हैं, जो डेटा रणनीति और गवर्नेंस की जिम्मेदारी संभालते हैं।
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इंडस्ट्रीवार सैलरी में अंतर-
भारत में एआई डेटा साइंटिस्ट की सैलरी इंडस्ट्री के अनुसार अलग-अलग होती है। जो सेक्टर निर्णय लेने, ऑटोमेशन या कस्टमर एक्सपीरियंस के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बहुत निर्भर करते हैं, वे आमतौर पर अधिक वेतन पैकेज देते हैं।फाइनेंस और फिनटेक सेक्टर में 15 से 30 लाख रुपये, हेल्थकेयर में 14 से 28 लाख रुपये, ई-कॉमर्स में 13 से 25 लाख रुपये, मैन्युफैक्चरिंग में 10 से 20 लाख रुपये और आईटी सेवाओं में 12 से 22 लाख रुपये तक की सैलरी मिलती है।
आने वाले समय में एआई डेटा साइंटिस्ट की मांग और भी बढ़ने वाली है। जैसे-जैसे अधिक कंपनियां डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अपना रही हैं और एआई को अपने व्यापारिक मॉडल में शामिल कर रही हैं, इन पेशेवरों की जरूरत लगातार बढ़ती जाएगी। यह करियर न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि तकनीकी नवाचार में योगदान देने का मौका भी देता है, जो भविष्य की दुनिया को आकार देगा।
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