UAE
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    UAE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी US के दौरे पर आज शाम को अबू धाबी में बने पहले मंदिर के उद्घाटन के लिए पहुंचे। मंदिर को बनाने की शुरुआत खुद पीएम मोदी की गुजारिश पर ही की गई थी। उन्होंने मोदी कार्यक्रम के दौरान खुद पहुंच स्वामीनारायण संस्था के बनाए गए इस मंदिर की कहानी बताइ। उन्होंने कहा कि साल 2015 में उन्होंने यूएस के राष्ट्रपति और अपने भाई नहयान से इस मंदिर के लिए जमीन देने की गुजारिश की थी। जिस पर राष्ट्रपति ने तुरंत एक पल भी ना गवाएं हां कर दी। उन्होंने यह कहा कि जिस जमीन पर आप फिर लकीर खींच दोगे मैं आपको वह दे दूंगा।

    मंदिर बनने की चर्चा पूरी दुनिया में-

    इस्लामिक देश में मंदिर बनने की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। वह आज भी मुझे एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए थे। उनकी गर्म जोशी वही थी, उनका अपनापन वही है। यही बात उन्हें खास बनाती है और उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है हमें भी चार बार भारत में उनका स्वागत करने का अवसर मिला है। कुछ दिन पहले ही वह भारत में आए थे, तब वहां लाखों लोगों से सड़को के दोनों और जाम लग गया था।

    आपके हितों की चिंता-

    वह जिस तरह से अपनो का ध्यान रख रहे हैं, वह जिस तरह आपके हितों की चिंता कर रहे हैं। वैसा काम ही देखने को मिलता है और इसलिए मैं चाहता हुँ कि उन्हें धन्यवाद बोलने के लिए वह सभी लोग घरों से बाहर निकलें। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2015 में उनके सामने आप सब की ओर से अबू धाबी में एक मंदिर का प्रस्ताव मैंने रखा था और राष्ट्रपति ने तुरंत उसे पर हामी भर दी थी। उन्होंने भावी मंदिर के निर्माण के लिए ऐतिहासिक लोकार्पण किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री ने अबू धाबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले हिंदू मंदिर का बुधवार को उद्घाटन किया।

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    वैज्ञानिक तरीके और प्राचीन वास्तुकला के इस्तेमाल से बनाया-

    इस मंदिर को वैज्ञानिक तरीके और प्राचीन वास्तुकला के इस्तेमाल से बनाया है। शेख जायद हाईवे के समीप स्थित वह चंदवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्था द्वारा इसका निर्माण किया गया है। हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है और इस मंदिर के तापमान मापने और भूकंप पर गतिविधी पर नजर रखने के लिए भी उच्च तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। जिसके लिए 300 से ज्यादा सेंसर लगाए गए हैं। मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का इस्तेमाल नहीं हुआ है।

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