India Secret Memo: रविवार को विदेश मंत्रालय ने हरदीप सिंह निज्जर की उस रिपोर्ट का खंडन किया, जिसमें दावा किया था की नई दिल्ली ने पश्चिमी देशों में सिख प्रवासी संगठनों के खिलाफ कार्यवाही की योजना शुरू करने के लिए उत्तरी अमेरिका में वाणिज्यिक दूतावास को एक गुप्त ज्ञापन भेजा था। मंत्रालय ने इंटरसेप्ट की रिपोर्ट को फर्जी और पूरी तरह से मनगढ़ंत बताया है और कहा कि ऐसा कोई मेमो नहीं था। विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह भारत के खिलाफ एक निरंतर दुष्प्रचार के अभियान का ही हिस्सा है। पाकिस्तानी खुफिया द्वारा फैलाए गए फर्जी ज्ञापन को प्रचारित करने के लिए जाना जाता है। लेखकों के पोस्ट इस संबंध की पुष्टि करते हैं। बयान में कहा गया जो लोग ऐसे फर्जी खबरों को बढ़ावा देते हैं, वह ऐसा सिर्फ अपनी विश्वसनीयता की कीमत पर करते हैं।
गुप्त ज्ञापन-
इंटरसेप्ट की रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि अप्रैल 2023 में गुप्त ज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर समेत भारत की खुफिया एजेंसियों द्वारा जांच के तहत संतुष्टों की एक सूची है। रिपोर्ट को सरकार ने फर्जी करार दिया है। जिसमें दावा किया है कि यह मेमो वैंकूवर में हरदीप सिंह गुर्जर की हत्या से 2 महीने पहले भेजा गया था। कनाडा और भारत के संबंध तब खराब हुए थे, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था, कि भारत का हाथ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे है।
निज्जर की हत्या का आरोप-
भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया और आश्वासन दिया है कि अगर कनाडा सबूत मुहैया कराएगा तो वह जांच प्रक्रिया में सहयोग जरुर करेंगे। दोनों देशों के बीच राजनीतिक विवाद हो चुका है और भारत ने कनाडा में अपनी वीजा सेवाओं को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया। सेवाओं को फिर से शुरू किया गया, लेकिन ओटावा को भारत से लगभग 40 राजनयिकों को वापस लेना पड़ा। क्योंकि नई दिल्ली ने भारत और कनाडा के बीच राजनायिकों की संख्या में असमानता की ओर इशारा किया था।भारत में राजनायिकों पर आंतरिक मामलों में दखल देने का भी आरोप लगाया।
हरदीप सिंह निज्जर है कौन?
अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह हरदीप सिंह निज्जर है कौन? इसी साल जून में कनाडा के एक प्रमुख खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और कनाडा में स्थित मौजूद गुरु नानक सिख गुरुद्वारा के पास दो अज्ञात हमलावरों को निज्जर पर हमला किया था और इसी हमले के दौरान उसकी मौत हो गई। भारतीय एजेंसी एनआईए ने निज्जर को भगोड़ा घोषित किया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें की निज्जर गुरु नानक सिख गुरुद्वारे का अध्यक्ष और कनाडा में चरमपंथी संगठन से जस्टिस फॉर सिख का एक प्रमुख चेहरा भी था, खालीस्तानी फोर्स का प्रमुख भी था। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने कुछ समय पहले आरोप लगाया था कि भारत सरकार का निज्जर की हत्या के पीछे हाथ हो सकता है।
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वाणिज्यिक मंत्री पीयूष गोयल-
भारत और कनाडा के रिश्ते खराब होने के बाद से दिल्ली के व्यापारी संगठन सीटीआई ने भी केंद्र सरकार ने कनाडा से मसूर की दाल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के आग्रह किए थे। वाणिज्यिक मंत्री पीयूष गोयल को लिखे गए पत्र में आर्थिक दबाव बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया और दालों के लिए सिंगापुर रूस और तुर्की जैसे देशों से संपर्क करने के विकल्प दिए गए। भारत की वार्षिक दाल लगभग 23 लाख टन होने का अनुमान है। जिसमें से 15 से 16 लाख टन का उत्पादन घरेलू स्तर पर किया जाता है और बाकी के अन्य देशों से आयात किया जाता है। सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि पिछले वित्तीय साल में 4.85 लाख टन मसूर का आयात भारत में कनाडा से किया गया था।
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