Post Office Scandal: हाल ही में 1999 में ब्रिटेन में पोस्ट ऑफिस स्कैम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। मान लीजिए कि आपने कोई अपराध नहीं किया है, लेकिन उसकी सजा आपको भुगतनी पड़े और सालों की सज़ा काटने के बाद सबको पता चले कि आप निर्दोश हैं तो क्या होगा। ऐसा ही कुछ इस पोस्ट ऑफिस स्कैम में हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की 1999 में ब्रिटेन के पोस्ट ऑफिस में एक स्कैन हुआ था। जिसमें लोगों को दोषी माना गया और उन्हें सजा भी दी गई. उसमें एक भारतीय शख्स भी शामिल था। हाल ही में एक डॉक्यूमेंट्री ड्रामा दिखाया गया जिसमें जो लोग पोस्ट ऑफिस स्कैंम के लिए जिम्मेदार माने गए थे, वह घोटाले का हिस्सा ही नहीं थे। अब ब्रिटेन के लोग गलत तरीके से सजा काट रहे हैं, लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
होराइजन टेक्नीक-
दरअसल ब्रिटेन में 1999 में सरकार के कंट्रोल वाली पोस्ट ऑफिस ने जापानी कंपनी से होराइजन टेक्नीक ली थी। जिसके जरिए पॉस्ट ऑफिस में अकाउंटिंग का काम शुरू किया गया था। थोड़े समय बाद स्थानीय पोस्ट ऑफिस से मास्टर्स को पता चल गया कि खातों में असामान्य तरीके से नुकसान हुआ है। यानी कुछ पैसे गायब है और उसकी भरपाई के लिए पोस्ट मास्टर्स को जिम्मेदार ठहराया गया। एक तरह से नुकसान के लिए जिम्मेदार माना गया।
आईटी सिस्टम-
हालांकि पोस्ट ऑफिस ने अपने आईटी सिस्टम को सही पाया और पोस्ट मास्टर्स को सजा का जिम्मेदार ठहराया। अब जब पोस्ट ऑफिस में आईटी सिस्टम में खामी की जगह पोस्ट मास्टर को जिम्मेदार ठहरा दिया तो इसका असर भी काफी ज्यादा हुआ। साल 2000 से 2014 के बीच 900 कर्मचारियों पर आरोप लगाया। उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया यही नहीं उनमें से कुछ को दोषी ठहराकर जेल में डाल दिया गया। 2009 में भी एक वीकली नाम की मैगजीन ने पहली बार यह बताया कि जिन पोस्टमास्टर के खिलाफ कार्रवाई की गई है उनकी कोई गलती नहीं थी।
भारतीय नागरिक हसमुख सिगड़िया-
वहीं पोस्ट ऑफिस के घोटाले का शिकार एक भारतीय नागरिक हसमुख सिगड़िया भी हुए थे। उन्हें प्रिंस विलियम्स और कैट मिडलटन की शादी में बुलाया भी गया। हंसमुख सिगिड़िया का कहना है कि उन्हें उस गलती की सजा मिली जो उन्होंने की ही नहीं थी। हालांकि वह कैट मिडलटन का धन्यवाद करते हुए कहते हैं कि मुश्किल के वक्त में उन्होंने उनकी काफी मदद की। उन्होंने अपनी जांच में पाया की खामी पोस्ट ऑफिस की आईटी सिस्टम नहीं थी। जिसके बाद जांच शुरू की गई। लेकिन 2015 में पोस्ट ऑफिस की सीईओ ने संस्कृति समिति को बताया कि इस बात के कोई सबूत नहीं है किसी को गलत तरीके से सजा दी गई थी।
कर्मचारियों ने हाई कोर्ट ऑफ लंदन का दरवाजा खटखटाया-
2016 में आरोपी कर्मचारियों ने हाई कोर्ट ऑफ लंदन का दरवाजा खटखटाया। 30 साल की कानूनी प्रक्रियाओं के बाद अदालत में फैसला सुनाया की गलती पोस्ट मास्टर की नहीं बल्कि आईटी कंपनी की है। तमाम बग और खामियों की वजह से अकाउंट होल्डर को नुकसान हुआ। हालांकि अब तक 95 पोस्टमास्टर को राहत मिल चुकी है।वही 1 जनवरी को इस बारे में एक टीवी डॉक्यूमेंट्री मिस्टर बेस्ट पोस्ट ऑफिस को प्रसारित किया गया। जिसमें एलेन बीड्स नाम के पोस्टमार्टम की स्टोरी का जिक्र किया गया था। वह करीब 20 साल तक कोशिश करते रहे कि आखिर गलती किसकी है। वह पोस्ट मास्टर्स के लिए कानून में बदलाव कर रहे है। इसमें वह निश्चित करेंगे कि प्रभावित लोगों को हर्जाना भी दिया जाए।
होराइजन शॉर्ट फॉल स्कीम-
उत्तरी आयरलैंड में करीबन 91 डाकघर के दो सौ कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया था। लेकिन ऐसा माना जाता है कि घोटाले के और भी पीड़ित है। निश्चित रूप से ऐसे लोग हैं जो आगे नहीं आए हैं जिन्हें सजा हुई है और वह आगे आए तो उनकी सजा पलट दी जाएगी। लेकिन लोगों के लिए ऐसा करना काफी मुश्किल है। मुआवजे के बारे में डाकघर दो तरीकों के बारे में सोच रहा है। होराइजन शॉर्ट फॉल स्कीम और ओवरटर्नर कनविक्शन स्कीम सरकार एक तीसरी योजना के बारे में भी सोच रही है।वहीं घोटाले की जांच में मिलियंस ने पहले कहा था कि उन्हें यकीन है कि अगर सरकार और खुद डाकघर अब इसमें शामिल सभी लोगों को मुआवजा देने की योजना तैयार कर रहे हैं।
अतीत में हुई गलतियों को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास-
उन्होंने चेतावनी दी की एक सरकार द्वारा स्थापित की योजना ग्रुप लिपिरेशन ऑर्डर के तहत आखिरी मुआवजा भुगतान 7 अगस्त 2024 की समय सीमा तक प्रत्येक आवेदक को दिया जाना चाहिए। डाकघर का कहना है कि आज तक लगभग 2700 पोस्टमास्टरों को 138 यूरो से ज्यादा के मुआवज़े पेश किए। मिलियन से ज्यादा मुआवज़े पेश किए गए हैं। उत्तरी आयरलैंड में इस योजना के माध्यम से 72 दावेदारों को 3.1m यूरो की पेशकश की गई। एक प्रवक्ता का कहना है कि डाकघर वर्तमान में जांच के उद्देश्यों से पूरी तरह से सहमत है और अतीत में हुई गलतियों को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
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डाकघर और सरकार दोनों प्रभावित लोगों को उचित और अंतिम मुआवजा प्रदान करने के लिए तैयार हैं। ब्रिटेन में गलत तरीके से दोषी पाए गए, अन्य लोगों के नाम पहले ही हटा दिए गए हैं। 2000 से 2014 के बीच डाकघर में 700 से ज्यादा घरों से पैसा गया थाय़ इसे ब्रिटेन के इतिहास में सबसे बड़ा अन्याय बताया गया है।
दोषी ठहराय जाने के बाद बेचैनी-
वहीं दोषी ठहराए गए लोगों का कहना है कि दोषी ठहराय जाने के बाद से उन्हें काफी बेचैनी महसूस होती रही, इसे रद्द किया जाना चाहिए। वहीं श्री मेकलॉघलिन का कहना है कि मुआवजा मांगने की योजना की पुष्टि की गई है आशा है कि अन्य लोगों को अपना नाम साफ करने में मदद मिलेगी। उनका कहना है कि 17 साल तक उनकी छवि धूमल रही। वह अपने खुद को निर्दोष साबित को करने के लिए अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं। मैं होराइजन पोस्ट ऑफिस घोटाले की चल रही कार्यवाही को सार्वजनिक करने में सहायता करने और मुआवज़े के लिए तैयार हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जो गलत तरीके से घोटाले के दोषी ठहराए गए। आशा करता हूं कि उन्हें भी वही समाधान मिलेगा जो मुझे मिला है।
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