Kailash Mansarovar Yatra
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    Kailash Mansarovar Yatra: भारत और चीन के रिश्तों में एक नई सुबह की किरण दिखाई दे रही है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही तनातनी में कुछ नरमी आती दिख रही है। बीजिंग में हुई एक अहम बैठक में दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति जताई है, जिसमें पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली और सीधी हवाई सेवाओं की शुरुआत शामिल है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने बीजिंग में चीनी उप-मंत्री लिउ जिआनचाओ से मुलाकात की।

    Kailash Mansarovar Yatra-

    यह मुलाकात विदेश सचिव-उप मंत्री तंत्र की बैठक के तहत हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। यह फैसला हजारों श्रद्धालुओं के लिए बेहद खुशी की खबर है, जो पिछले कुछ वर्षों से इस पवित्र यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे थे।

    Kailash Mansarovar Yatra शुरू करने की व्यवस्था-

    मौजूदा समझौतों के तहत इस यात्रा को शुरू करने की व्यवस्था 2025 की गर्मियों में की जाएगी। बैठक में एलएसी से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई। लद्दाख में हुए गतिरोध के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई थी। हालांकि डेमचोक और डेपसांग में डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी होने के बाद, दोनों देशों की सेनाएं साढ़े चार साल के अंतराल के बाद इन क्षेत्रों में गश्त करना फिर से शुरू कर चुकी हैं।

    हवाई सेवाओं को बहाल करने पर भी सहमति-

    दोनों देशों ने सीधी हवाई सेवाओं को बहाल करने पर भी सहमति जताई है। तकनीकी अधिकारियों की एक बैठक जल्द ही इस संबंध में एक अपडेटेड फ्रेमवर्क तैयार करेगी। इसके अलावा मीडिया और थिंक-टैंक के बीच बातचीत सहित लोगों के आपसी संपर्क को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाने पर भी सहमति बनी है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है, कि यह द्विपक्षीय तंत्र नेतृत्व स्तर पर हुए समझौते का परिणाम है, जिसमें भारत-चीन संबंधों के अगले चरण पर चर्चा की गई।

    चीन के साथ संबंध-

    भारत का स्पष्ट मत है, कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी, चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते। हालांकि, आज की बैठक से यह संकेत मिलता है कि दोनों देश अपने मतभेदों को सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ने को तैयार हैं। यह कदम भारत-चीन संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत है।

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    कैलाश मानसरोवर यात्रा-

    कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली न केवल धार्मिक महत्व की है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास का भी प्रतीक है। सीधी हवाई सेवाओं की शुरुआत व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगी, जबकि लोगों के बीच संपर्क से सांस्कृतिक संबंध मजबूत होंगे। हालांकि इस सकारात्मक विकास के बावजूद, सीमा विवाद जैसे कुछ मुद्दे अभी भी हल होने बाकी हैं, जिन पर दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा।

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