Viral Video
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    Viral Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है, कि भारतीय सैनिकों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास चीन की ओर एक संदिग्ध ‘स्पाई रोबोट’ को देखा है। यह क्लिप कथित तौर पर ऊंचाई वाले इलाके से फिल्माई गई है, जिसमें सीमा की चीनी साइड पर एक विशाल घाटी में अकेला खड़ा ह्यूमनॉइड जैसा फिगर दिखाई दे रहा है। इस वीडियो ने दुनिया की सबसे संवेदनशील सीमाओं में से एक पर रोबोटिक निगरानी को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।

    रोबोटिक गार्ड की तरह-

    द् इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, वीडियो में एक स्थिर, सीधी खड़ी वस्तु दिखाई देती है, जो रोबोटिक गार्ड की तरह प्रतीत होती है। कैमरामैन फिर बंजर पहाड़ी इलाके को दिखाता है, जो यह संकेत देता है, कि यह संरचना बॉर्डर जोन में चीन के सिक्योरिटी सेटअप का हिस्सा हो सकती है। कई ऑनलाइन पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है, कि यह ऑब्जेक्ट सैनिकों की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए तैनात एक पूरी तरह फंक्शनल रोबोट है।

    हालांकि अभी तक भारतीय या चीनी रक्षा अधिकारियों की ओर से इस वीडियो की पुष्टि नहीं हुई है। कुछ यूजर्स का मानना है कि यह कोई स्टैंड, टेरेन की वजह से विजुअल डिस्टॉर्शन, या निगरानी के लिए रखा गया डमी स्ट्रक्चर भी हो सकता है।

    चीन की एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर बढ़ती बहस-

    यह क्लिप ऐसे समय में सामने आई है जब चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोनॉमस सर्विलांस टूल्स और ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स जैसी एडवांस्ड मिलिट्री टेक्नोलॉजी में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अगर यह दावे सही साबित होते हैं, तो यह आधुनिक बॉर्डर मॉनिटरिंग के तरीकों में एक बड़े बदलाव का संकेत होगा। दिलचस्प बात यह है कि चीन ने हाल ही में वियतनाम बॉर्डर पर क्राउड कंट्रोल और गाइडेंस के लिए ह्यूमनॉइड रोबोट्स के ट्रायल की घोषणा की है।

    टेस्टिंग प्रोजेक्ट-

    शेन्ज़ेन स्थित यूबीटेक रोबोटिक्स ने वियतनाम के साथ चीन की सीमा के पास एक टेस्टिंग प्रोजेक्ट के लिए अपने लेटेस्ट मॉडल्स की सप्लाई का बड़ा कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। इस ट्रायल का केंद्र वॉकर एस2 है, जो जुलाई 2025 में लॉन्च हुआ एक इंडस्ट्रियल-ग्रेड ह्यूमनॉइड रोबोट है। इसे दुनिया का पहला सेल्फ-रिप्लेसमेंट बैटरी सिस्टम वाला ह्यूमनॉइड बताया जा रहा है, जो कस्टम्स, लॉजिस्टिक्स और लगातार बॉर्डर मैनेजमेंट के लिए जरूरी लंबे समय तक ऑटोनॉमस ऑपरेशन को संभव बनाता है।

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    इंडस्ट्रियल एरिया में भी तैनात-

    रिपोर्ट्स के अनुसार, दिसंबर 2025 से रोबोट्स की यह फ्लीट न केवल चेकपॉइंट्स पर बल्कि इंडस्ट्रियल एरिया में भी तैनात होगी। वहां ये स्टील, कॉपर और एल्युमीनियम फैक्ट्रियों में इंस्पेक्शन का काम करेंगे। यह कदम चीन की एक व्यापक राष्ट्रीय रणनीति को उजागर करता है, जिसमें मल्टी-पर्पस रोबोट्स का इस्तेमाल कर सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में दोहराए जाने वाले श्रम को कम करना और ऑपरेशनल दक्षता बढ़ाना शामिल है।

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