Viral Video
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    Viral Video: बेंगलुरु सेंट्रल जेल से एक के बाद एक सामने आ रहे वीडियो ने पूरे देश को चौंका दिया है। पहले आईएसआईएस आतंकवादियों और बलात्कारियों के मोबाइल फोन और टीवी इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया और अब एक नया वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कैदी जेल के अंदर ही शराब पीते, स्नैक्स खाते और डांस करते नजर आ रहे हैं। यह मामला सिर्फ एक सुरक्षा चूक नहीं है, बल्कि पूरी जेल व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करता है।

    Viral Video में क्या दिख रहा है-

    अंग्रज़ी समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, ताजा वायरल हुए वीडियो में जेल के अंदर एक पार्टी जैसा माहौल दिखाई दे रहा है। डिस्पोजेबल गिलासों में शराब भरी हुई है, प्लेटों में कटे हुए फल और तले हुए मूंगफली सजाकर रखे गए हैं। वीडियो में चार छोटी शराब की बोतलें एक कतार में रखी दिख रही हैं, जबकि कुछ कैदी बर्तनों की आवाज पर डांस करते नजर आ रहे हैं। यह देखकर ऐसा लगता है जैसे यह कोई जेल नहीं, बल्कि किसी होटल या पार्टी हॉल का सीन हो।

    हालांकि फैक्ट रिसर्च एफआर इस वीडियो की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है, लेकिन वीडियो में दिख रहे दृश्य काफी चिंताजनक हैं। यह सवाल उठाना लाजमी है, कि आखिर जेल के अंदर इतनी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद यह सब कैसे हो रहा है। क्या जेल स्टाफ सो रहा है या फिर यह सब किसी मिलीभगत का हिस्सा है।

    गृह मंत्री ने लिया सख्त नोटिस-

    कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वरा ने रविवार को इन वायरल वीडियो पर गंभीरता से नोटिस लेते हुए कहा, कि उन्होंने एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (जेल) बी दयानंद से रिपोर्ट मांगी है। मंत्री जी ने साफ शब्दों में कहा, कि अगर रिपोर्ट संतोषजनक नहीं रही, तो वे एक अलग कमेटी बनाएंगे और सुधारात्मक कदम उठाएंगे।

    गृह मंत्री ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “मैं यह बकवास बर्दाश्त नहीं करूंगा। बहुत हो गया, क्योंकि ये चीजें फिर से नहीं होनी चाहिए।” उन्होंने जेल अधिकारियों की स्टाफ की कमी वाली दलील को भी खारिज करते हुए कहा, कि मौजूदा स्टाफ को कम से कम अपने कर्तव्यों का अच्छे से पालन तो करना चाहिए। यह कोई बहाना नहीं हो सकता।

    जेल नहीं, पांच सितारा होटल-

    परमेश्वरा ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया, “अगर वे स्टाफ की कमी के बहाने पर टेलीविजन, मोबाइल फोन और अन्य चीजें उपलब्ध कराते हैं, तो फिर इसे जेल क्यों कहा जाए?” यह सवाल वाकई सोचने पर मजबूर करता है। जेल वह जगह है, जहां अपराधियों को सजा भुगतनी होती है, न कि जहां उन्हें पांच सितारा होटल जैसी सुविधाएं मिलें।

    मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया, कि सिर्फ आतंकवादियों के लिए ही नहीं, बल्कि किसी के भी हाथ में जेल के अंदर फोन या अन्य सुविधाएं नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, कि अगर ऐसा होता रहा, तो कोई भी इसे जेल नहीं कहेगा। सरकार ने पहले ही जेलों में सीसीटीवी कैमरे और जैमर लगाने की मंजूरी दे दी है, जिससे ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।

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    जांच शुरू, लेकिन सवाल बने हुए हैं-

    शनिवार को जेल अधिकारियों ने वीडियो की सत्यता जांचने और जेल में सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए आंतरिक जांच शुरू की है। लेकिन यह जांच काफी नहीं है। जनता जानना चाहती है, कि आखिर जेल के अंदर इतना कुछ कैसे हो रहा है। क्या जेल स्टाफ की मिलीभगत है? क्या अधिकारी रिश्वत ले रहे हैं? या फिर सिस्टम में इतनी बड़ी खामी है, कि कैदी आराम से अपनी मनमानी कर सकते हैं।

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