Viral Video
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    Viral Video: बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल से सामने आए कुछ वीडियोज ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इन वीडियोज में खतरनाक अपराधी और सीरियल रेपिस्ट उमेश रेड्डी समेत कई कैदी जेल के अंदर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते और अन्य सुविधाओं का मजा लेते दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों में गुस्से की लहर दौड़ गई है। कर्नाटक प्रिजन डिपार्टमेंट ने अब इस मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है, कि कैदियों को ये प्रतिबंधित चीजें कैसे मिलीं।

    सीरियल रेपिस्ट उमेश रेड्डी की कहानी-

    उमेश रेड्डी एक ऐसा नाम है, जो कर्नाटक में दहशत का प्रतीक बन चुका है। यह शख्स 1996 से 2022 के बीच 20 बलात्कार और 18 हत्याओं का दोषी है। रेड्डी पहले एक पुलिस कांस्टेबल था, लेकिन उसने अपनी वर्दी का दुरुपयोग करते हुए महिलाओं के साथ जघन्य अपराध किए। उसके अपराधों की गंभीरता को देखते हुए उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी मानसिक स्थिति के दावों को ध्यान में रखते हुए उसकी फांसी की सजा को बदलकर 30 साल की कैद में बदल दिया, भले ही मेडिकल रिपोर्ट्स ने उसे पूरी तरह से स्वस्थ बताया था। ऐसे खतरनाक अपराधी को जेल में मोबाइल फोन और टीवी जैसी सुविधाएं मिलना न सिर्फ कानून का मजाक है, बल्कि यह उन पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ भी बहुत बड़ा अन्याय है।

    वायरल वीडियो में क्या दिखा-

    वायरल हुए वीडियोज में साफ देखा जा सकता है, कि उमेश रेड्डी अपने बैरक में कई मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा है। वीडियो में एक टेलीविजन सेट भी दिखाई देता है, जो यह साबित करता है, कि जेल के अंदर उसे विशेष सुविधाएं दी जा रही थीं। जेल एक ऐसी जगह है, जहां अपराधियों को सजा दी जाती है और उन्हें सुधारने की कोशिश की जाती है, लेकिन यहां तो ऐसा लग रहा है, जैसे कैदी किसी होटल में रुके हुए हों। यह देखकर आम जनता में रोष फैल गया है और लोग सवाल कर रहे हैं,- कि क्या अमीर और ताकतवर लोगों के लिए कानून अलग है।

    गोल्ड स्मगलिंग केस का आरोपी भी शामिल-

    इस पूरे मामले में एक और बड़ा नाम सामने आया है और वह है तरुण राजू। तरुण राजू पर रानिया राव गोल्ड स्मगलिंग केस में आरोप हैं। एक वीडियो में कथित तौर पर तरुण राजू को मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वह जेल परिसर के अंदर खाना भी पका रहा है।

    जेल प्रशासन पर उठे सवाल-

    इन वीडियोज के वायरल होने के बाद कर्नाटक जेल विभाग की निंदा हो रही है। लोग पूछ रहे हैं, कि जेल के अंदर इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद कैदियों को मोबाइल फोन कैसे मिले। क्या जेल के अधिकारियों ने रिश्वत लेकर ये सुविधाएं दीं। क्या सुरक्षा में इतनी बड़ी खामी है, कि कोई भी चीज जेल के अंदर पहुंचाई जा सकती है। ये सवाल बेहद गंभीर हैं और इनका जवाब मिलना जरूरी है। जेल प्रशासन ने अब जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है, कि इस पूरे मामले में कौन-कौन शामिल था और किन अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी में लापरवाही बरती।

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    जांच की शुरुआत-

    कर्नाटक प्रिजन डिपार्टमेंट ने पुष्टि की है, कि इस मामले की गहन जांच शुरू हो चुकी है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है, कि कैदियों तक ये प्रतिबंधित डिवाइसेज कैसे पहुंचीं और क्या इस पूरे मामले में जेल के किसी अधिकारी का हाथ था। अगर किसी अधिकारी की मिलीभगत साबित होती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जेल विभाग ने यह भी कहा है, कि वे यह सुनिश्चित करेंगे, कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। लेकिन सवाल यह है, कि अब तक ऐसा क्यों नहीं किया गया।

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