Swiggy Zomato Platform Fees
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    Swiggy Zomato Platform Fees: फेस्टिवल सीजन शुरू होने से ठीक पहले फूड डिलीवरी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आया है। Zomato के प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाने के एक दिन बाद ही उसके मेन कॉम्टिटर Swiggy ने भी अपने चार्जेस को बढ़ा दिया है। Swiggy ने सेलेक्ट हाई-डिमांड मार्केट्स में प्लेटफॉर्म फीस 1 रुपये बढ़ाकर 15 रुपये प्रति ऑर्डर कर दी है। यह टाइमिंग काफी इंटरेस्टिंग है, क्योंकि फेस्टिवल के दौरान फूड डिलीवरी की वॉल्यूम आमतौर पर पूरे भारत में काफी बढ़ जाती है।

    यह एक महीने से भी कम समय में Swiggy की तीसरी फीस हाइक है। 14 अगस्त को कंपनी ने फीस 12 रुपये से बढ़ाकर 14 रुपये की थी। इंडस्ट्री वॉचर्स का कहना है, कि Swiggy फेस्टिवल रश खत्म होने के बाद प्लेटफॉर्म फीस वापस 12 रुपये कर सकती है। यह स्ट्रैटेजी दिखाती है, कि कंपनी फेस्टिवल सीजन की हाई डिमांड का फायदा उठाना चाहती है।

    क्या है प्लेटफॉर्म फीस का गेम-

    प्लेटफॉर्म फीस, जो पहली बार Swiggy द्वारा इंट्रोड्यूस की गई थी, हर ऑर्डर पर लगने वाला एक फ्लैट चार्ज है, चाहे ऑर्डर की वैल्यू कुछ भी हो। भले ही यह फीस औसत ऑर्डर साइज (500-700 रुपये) के मुकाबले रिलेटिवली स्मॉल लगती हो, लेकिन फूड डिलीवरी कंपनियों के लिए मार्जिन इंप्रूव करने में यह बहुत हेल्प करती है। खासकर उस सेक्टर में जहां प्रॉफिटेबिलिटी अभी भी एक बड़ी चैलेंज बनी हुई है।

    आम कस्टमर के लिए यह बात समझना जरूरी है, कि यह फीस ऑर्डर वैल्यू पर निर्भर नहीं करती। मतलब चाहे आप 100 रुपये का ऑर्डर करें या 1000 रुपये का, प्लेटफॉर्म फीस एक जैसी ही लगेगी। यही वजह है, कि कई बार छोटे ऑर्डर्स महंगे पड़ते हैं।

    Zomato भी पीछे नहीं-

    मंगलवार को Zomato ने अपनी प्लेटफॉर्म फीस 10 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये कर दी थी। दोनों कंपनियों पर फाइनेंशियल परफॉर्मेंस इंप्रूव करने का प्रेशर है, खासकर तब जब वे अपने क्विक कॉमर्स बिजनेसेज का एक्सपेंशन भी कर रही हैं। यह एक डेलिकेट बैलेंसिंग एक्ट है, जहां कंपनियों को कस्टमर्स को खुश रखना है और साथ ही प्रॉफिट भी कमाना है।

    Zomato की पैरेंट कंपनी ने हाल ही में कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 90% year-on-year डिक्लाइन रिपोर्ट की है। अप्रैल-जून क्वार्टर में यह प्रॉफिट एक साल पहले के 253 करोड़ रुपये से घटकर सिर्फ 25 करोड़ रुपये रह गया है, हालांकि रेवेन्यू में 70% का जंप आया है। यह दिखाता है, कि रेवेन्यू ग्रोथ के बावजूद प्रॉफिटेबिलिटी एक बड़ी चुनौती है।

    Swiggy के नुकसान दोगुने-

    दूसरी तरफ Swiggy के लॉसेस इसी पीरियड में दोगुने होकर 1,197 करोड़ रुपये हो गए हैं। यह नुकसान मुख्यत: उसकी Instamart क्विक कॉमर्स आर्म में इन्वेस्टमेंट्स के कारण है, हालांकि ऑपरेटिंग रेवेन्यू 54% बढ़कर 4,961 करोड़ रुपये हो गया है। यह साफ दिखाता है, कि कंपनी फ्यूचर की ग्रोथ के लिए हेवी इन्वेस्टमेंट कर रही है, लेकिन इससे शॉर्ट टर्म लॉसेस भी बढ़ रहे हैं।

    नए खिलाड़ी Rapido की एंट्री-

    Swiggy और Zomato की ड्यूओपॉली को अब मोबिलिटी स्टार्टअप Rapido से फ्रेश कम्पटीशन मिल रहा है। Rapido ने हाल ही में बेंगलुरु के कुछ हिस्सों जैसे कोरमंगला, HSR लेआउट और BTM लेआउट में अपनी फूड डिलीवरी सर्विस Ownly लॉन्च की है। यह एक इंटरेस्टिंग डेवलपमेंट है, क्योंकि Rapido पहले से ही बाइक टैक्सी सर्विस में एस्टेब्लिश्ड प्लेयर है।

    Swiggy और Zomato के उलट, जो आमतौर पर रेस्टोरेंट्स से 16-30% तक कमीशन चार्ज करती हैं, Ownly की उम्मीद है, कि वह 8-15% पर फीस रखेगी। यह पोटेंशियली इसके बड़े प्रतिद्वंद्वियों को अंडरकट कर सकता है। अगर यह स्ट्रैटेजी सफल होती है तो यह मार्केट में एक बड़ा शेकअप ला सकती है।

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    फेस्टिवल सीजन की रणनीति-

    फेस्टिवल डिमांड बिल्डअप के साथ एनालिस्ट्स का कहना है, कि फीस हाइक्स दोनों प्लेटफॉर्म्स की हेवी क्विक कॉमर्स इन्वेस्टमेंट्स को ऑफसेट करने की कोशिश को रिफ्लेक्ट करती हैं। यह एक क्लेवर मूव है क्योंकि फेस्टिवल सीजन में लोग ज्यादा ऑर्डर करते हैं और प्राइस सेंसिटिविटी भी कम होती है।

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