Janakpuri NGO Theft: दिल्ली के जनकपुरी इलाके में एक एनजीओ ऑफिस से हुई चोरी की घटना में वेस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने सफलता पाई है। पुलिस ने 19 वर्षीय युवक रोहन उर्फ खंका को गिरफ्तार किया है, जिसने इस महीने की शुरुआत में जनकपुरी स्थित एक एनजीओ ऑफिस में चोरी की थी। यह केस दिखाता है, कि कैसे आधुनिक तकनीक और पुलिस की मेहनत से अपराधियों को पकड़ना आसान हो गया है।
महावीर एंक्लेव से गिरफ्तार किए गए, इस आरोपी के पास से पुलिस ने एक चुराया गया मोबाइल फोन और 11 टैबलेट बरामद किए हैं। यह गिरफ्तारी इस बात का सबूत है कि दिल्ली पुलिस की निगरानी कितनी मजबूत है और कैसे वे तकनीकी साधनों का इस्तेमाल करके अपराधियों तक पहुंचती है।
Janakpuri NGO Theft कैसे हुई यह चोरी-
एनडीटीवी के मुताबिक, वेस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, यह घटना 13 मई 2025 को हुई थी। जनक सिनेमा कॉम्प्लेक्स में स्थित ‘प्रोत्साहन इंडिया फाउंडेशन’ नामक एनजीओ ऑफिस में चोरी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि जब वह सुबह ऑफिस पहुंचा तो देखा कि स्लाइडिंग विंडो टूटी हुई थी और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज गायब थे।
Burglar arrested by the team of PS Janak Puri
👉🏼 Accused person namely Rohan @ Khanka arrested
👉🏼 Had stolen mobiles and tablets from the office of an NGO
👉🏼 One stolen mobile phone and 11 stolen tablets recovered#DPUpdates pic.twitter.com/f7iVvCf1Av— DCP West Delhi (@DCPWestDelhi) May 30, 2025
चोरी में तीन मोबाइल फोन, 12 टैबलेट और एक लैपटॉप चार्जर शामिल थे। यह सभी सामान एनजीओ के काम में इस्तेमाल होता था, जिससे संस्था के काम में बाधा आई। इस तरह की चोरी न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाती है बल्कि समाज सेवा के काम में भी रुकावट डालती है।
Janakpuri NGO Theft पुलिस की स्मार्ट इंवेस्टिगेशन-
चोरी की शिकायत मिलते ही पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। जनकपुरी पुलिस स्टेशन के एसएचओ के.के. तिवारी के नेतृत्व में एक स्पेशल पुलिस टीम बनाई गई। इस टीम को राजौरी गार्डन की एसीपी सुश्री नीरज तोकस का गाइडेंस मिला। टीम में हेड कांस्टेबल संदीप, हेड कांस्टेबल रामकिशन, हेड कांस्टेबल अंकित, महिला हेड कांस्टेबल वंदना और कांस्टेबल समरजीत शामिल थे।
इस टीम ने बहुत ही व्यवस्थित तरीके से इंवेस्टिगेशन शुरू की। सबसे पहले उन्होंने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज कलेक्ट की और उसका विश्लेषण किया। साथ ही तकनीकी निगरानी के साधनों का भी इस्तेमाल किया गया। यह दिखाता है कि आजकल पुलिस कैसे साइंटिफिक मेथड से अपराधियों को पकड़ती है।
तकनीकी ट्रैकिंग से मिली सफलता-
प्रेस रिलीज में बताया गया है कि “इंवेस्टिगेशन के दौरान कई सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया और फुटेज कलेक्ट करके उसका एनालिसिस किया गया। तकनीकी निगरानी की मदद से चुराए गए मोबाइल फोन में से एक को महावीर एंक्लेव, दिल्ली में ट्रैक किया गया।”
यह बात दिलचस्प है, कि आजकल मोबाइल फोन को ट्रैक करना इतना आसान हो गया है। हर फोन में जीपीएस और इंटरनेट कनेक्शन होता है, जिससे पुलिस उसकी लोकेशन पता कर सकती है। इस केस में भी यही तकनीक काम आई और पुलिस को सीधे आरोपी के ठिकाने तक पहुंचने में मदद मिली।
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रेड और गिरफ्तारी-
जैसे ही पुलिस को पता चला कि चुराया गया फोन महावीर एंक्लेव में है, तुरंत उस लोकेशन पर रेड की गई। वहां आरोपी रोहन उर्फ खंका के पास चुराया गया मोबाइल फोन मिला। इसके बाद उसके घर की तलाशी ली गई जहां से 12 में से 11 चुराए गए टैबलेट भी बरामद हुए। यह गिरफ्तारी दिखाती है कि अगर सही तरीके से काम किया जाए तो चोरी जैसे अपराधों में भी जल्दी सफलता मिल सकती है। आरोपी अभी भी पुलिस कस्टडी में है और उससे पूछताछ चल रही है कि कहीं वह और भी ऐसे अपराधों में शामिल तो नहीं है।
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