Google AI: हाल ही में Google ने एक बड़ा दावा किया है। Google का कहना है कि उसके एआई ने सात दिन पहले ही आने वाले बाढ़ की सफलतापूर्वक भविष्यवाणी की है। जिससे लगभग 80 देश को लोगों को बाढ़ आनो वाले बाढ़ की सटीक भविष्यनाणी मिलती है। Science General Nature में छपी एक रिपोर्ट ने दुनिया में सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा मानी जाने वाली बाढ़ के बारे में पहलो ही जान लेने वाली मशीन लर्निंग पर प्रकाश डाला। Google के इस AI ने आने वाले बाढ़ के बारे जानने के लिए वैश्विक स्तर पर जानने के लिए एक क्रांति लाने का काम किया है।
इसके लिए कंपनी ने क्या-क्या किया-
इसके लिए कंपनी ने ऐतिहासिक घटनाओं नदी के स्तर की रीडिंग की, इलाके के डाटा इक्ट्ठा किए, ऊंचाई के क्षेत्रों साथ बहुत सी मशीन लर्निंग मॉडल को प्रशिक्षित किया. स्थानीयकृत मैप तैयार किया और हर जगह के लिए सैकडो हजारो एंड-टू-एंड सिमुलेशन चलाए। इस अलग नजरिए ने मॉडलों को सीमित डाटा वाले क्षेत्रों में भी आने वाले बाढ़ की सटीक भविष्यवाणी करने में सक्षम बना दिया।
कई देशों में अनुमान मुश्किल था-
प्रौद्योगिकी विशेष के रूप में अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों में प्रभावशाली रहे हैं। जहां ज्यादातर नदियों में धारा प्रवाह गैज़ की कमी की वजह से बाढ़ का पूर्वानुमान प्रारंभिक रूप से चुनौती पूर्ण रहा है। गूगल के AI ने उपलब्ध डाटा का लाभ उठाकर और यूनेसिनो में मशीन लर्निंग मॉडल लागू करके इस बाधा को दूर कर लिया है, जहां डाटा उपलब्ध नहीं था। 80 देश में 460 मिलियन की कुल आबादी के साथ गूगल ने इस बार पुर्वानुमान को अलग-अलग प्लेटफार्म के माध्यम से सुलभ बना दिया है।
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बेहतर पूर्वानुमान मॉडल (Google AI)-
जिसमें गूगल सर्च, गूगल मैप, एंड्रॉयड नोटिफिकेशन और कंपनी के स्वामित्व वाले फ्लड हब वेब एप शामिल है। जिन्होंने 2022 में परिसंचरण शुरू किया था। भविष्य को देखते हुए Google बेहतर पूर्वानुमान मॉडल बनाने में मशीन लर्निंग की क्षमता की खोज जारी रखने का प्लान बना रहा है। कंपनी ने वैश्विक स्तर पर बाढ़ पुर्वानुमान (भविष्यवाणी) स्टेज को विकसित करने के अंतिम लक्ष्य के साथ AI संचालित दृष्टिकोण को बेहतर बनाने के लिए अकादमी शोधकर्ताओं के साथ पाटनर्शिप की है।
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Google के इस एआई से उन देशों को फायदा होगा जहां पर इस समय बाढ़ के बारे में पहले ही पता लगाना यानी बाढ़ का पता लगाना मुश्किल है। इस नए AI के ज़रिए बाढ़ प्रभावित होने वाले क्षेत्र को लोगों को आगाह किया जा सकेगा।