Haridwar Stampede
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    Haridwar Stampede: उत्तराखंड के पवित्र शहर हरिद्वार में आज एक ऐसी घटना घटी जिसने हर किसी का दिल दहला दिया। मंसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुखद घटना उस समय हुई जब हजारों भक्त माता के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे थे। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने इस दुखद खबर की पुष्टि करते हुए बताया, कि मुख्य मंदिर तक जाने वाली सीढ़ियों पर यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा, कि मंदिर में भारी भीड़ थी और वे खुद घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं।

    श्रद्धा और आस्था का समय-

    यह त्रासदी हिंदू धर्म के पवित्र सावन महीने के दौरान हुई है, जब देशभर से लाखों श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं। इस महीने में शिव भक्त कांवड़िये भी गंगा का पानी लेने के लिए यहां आते हैं। सावन में हरिद्वार की सभी तीर्थ स्थलों पर भक्तों का तांता लगा रहता है। मंसा देवी मंदिर हरिद्वार के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां रोजाना हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। खासकर सावन के महीने में यहां की भीड़ और भी बढ़ जाती है।

    कैसे हुआ यह हादसा-

    प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर की मुख्य सीढ़ियों पर अचानक भगदड़ मच गई। भारी भीड़ के कारण लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। इस हादसे में जो लोग घायल हुए हैं, उन्हें तुरंत एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। घटनास्थल से मिली तस्वीरों में घायल श्रद्धालुओं को एम्बुलेंस में ले जाते हुए देखा जा सकता है। कई लोग अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई और राहत कार्य शुरू किया।

    मुख्यमंत्री का बयान-

    उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “हरिद्वार में मंसा देवी मंदिर के रास्ते पर भगदड़ की खबर अत्यंत दुखदायी है। राज्य आपदा मोचन बल, स्थानीय पुलिस और अन्य बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और राहत व बचाव कार्य में लगे हैं।” मुख्यमंत्री ने आगे कहा, कि वे इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन के साथ निरंतर संपर्क में हैं और स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और कल्याण के लिए माता से प्रार्थना की।

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    सुरक्षा की चुनौती-

    यह घटना एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण की समस्या को उजागर करती है। त्योहारी समय में जब हजारों श्रद्धालु एक साथ आते हैं, तो प्रशासन के लिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बन जाती है। ऐसी जगहों पर बेहतर भीड़ नियंत्रण प्रणाली और आपातकालीन जवाब देने की जरूरत होती है। मंदिरों में सुरक्षा कैमरे, उचित कतार व्यवस्था और प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था करनी चाहिए।

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