Sumit Antil Paralympic 2024
    Photo Source - Twitter

    Sumit Antil ने तीन बार तोड़ा अपनी ही वर्ल्ड रिकॉर्ड, भारत को मिला एक और गोल्ड मेडल

    Last Updated: 3 सितम्बर 2024

    Author: sumit

    हमें फ़ॉलो करें >

    Sumit Antil Paralympic 2024: भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या को बढ़ाते हुए, सुमित अंतिल ने इसे तीन कर दिया है। सुमित अंतिल ने पैरालंपिक 2024 में F64 फाइनल में 70.59 मीटर के सबसे ऊंचे थ्रो के साथ पैरालंपिक भाला फेक रिकॉर्ड को दो बार तोड़ा है और स्वर्ण पदक जीता। इसके साथ ही उन्होंने पैरालंपिक में नए रिकॉर्ड को बनाने के लिए अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। 26 वर्षीय एथलीट ने स्टेट डी फ्रांस में 70.59 मीटर के नए पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ उपलब्धि हासिल की। हैरान करने वाली बात यह है कि सोमवार को सुमित ने टोक्यो 2020 में स्वर्ण पदक जीतने के लिए बनाए गए, पिछले पैरालंपिक रिकॉर्ड को तीन बार तोड़ दिया।

    73.29 मीटर का वर्ल्ड रिकॉर्ड (Sumit Antil Paralympic 2024)-

    सुमित अंतिल ने अपने पहले प्रयास में 59.11 मीटर के नए पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ शुरुआत की, जिसने उनके पिछले 68.55 मीटर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। इसने उन्हें चार्ट पर नंबर वन पर पहुंचा दिया। सुमित अंतिल ने अपनी दूसरी कोशिश में 70.59 मीटर की छलांग लगाकर इसे ज्यादा बेहतर बना दिया, साथ ही एक और नया रिकॉर्ड बनाया। वहीं उनकी पांचवी कोशिश में वह 59.4 मीटर पर पहुंचे, जो फिर से टोक्यो 2020 के रिकॉर्ड से बेहतर था। सुमित के नाम एफ64 वर्ग में 73.29 मीटर का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।

    दोनों श्रेणियां के एथलीट शामिल-

    इस सबके बीच F44 में शामिल संदीप चौधरी 62.80 मीटर की सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ लगातार, तीसरी बार चौथे स्थान पर रहे हैं। F44 एथलीट संदीप चौधरी 58.03 मीटर के थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रहे। भाला फेंक के फाइनल में F44 और F64 दोनों श्रेणियां के एथलीट शामिल थे। दोनों ही खेल वर्गों का हिस्सा हैं, जिन्हें उन एथलीट के लिए डिजाइन किया गया है। जिनके अंगों में कमियां है, जैसे की जन्म से अंग निषेचन या अंग छोटे होना इन वर्गों में सभी एथलीट खड़े होकर कॉम्पटीशन करते हैं।

    ये भी पढ़ें- Virat Kohli: कितनी है विराठ कोहली की नेटवर्थ? क्या हैं कमाई के सोर्स..

    पैरों की विकलांगता वाले एथलीट-

    वर्ग F42 से F44 में पैरों पर विकलांगता का प्रभाव पड़ता है, जबकि पैरों की विकलांगता वाले एथलीट, जो कृत्रिम के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। वह F61, F64 वर्ग में पार्टिसिपेट करते हैं। सुमित अंतिल का पदक मौजूदा खेलों में भारत का तीसरा स्वर्ण पदक था। बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार ने पहले दिन पुरुषों के सेल श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। जबकि अवनि लेखरा ने शुक्रवार को 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग स्टैंडिंग SH1 के खिताब का बचाव किया।

    ये भी पढ़ें- Sheetal Devi Archery: कौन हैं शीतल देवी, जिन्होंने पैरों से तीरंदाज़ी में जीता स्वर्ण पदक