Paush Purnima 2025: हिंदू धर्म में पौष की पवित्र पूर्णिमा को एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। देश भर के हिंदू इस दिन को पूजा, उपवास और सत्यनारायण पूजा करके मानते हैं। ऐसा कहा जाता है, कि इस दिन पवित्र स्नान करने, सूर्य देव की पूजा करने और गरीबों को दान देने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे मुक्ति की ओर ले जाते हैं। पौष पूर्णिमा माघ महीने की शुरुआत का भी प्रतीक होता है, जो बड़े पैमाने पर महाकुंभ मेले के उत्सव के साथ मिलकर आता है। इस पवित्र दिन से जुड़ी सही तारीख और महत्व के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं।
पोष पूर्णिमा तिथि (Paush Purnima 2025)-
इस साल पौष पूर्णिमा हिंदू पंचांग के मुताबिक, 13 जनवरी 2022 के सोमवार को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 13 जनवरी 2025 की सुबह 5:03 बजे शुरू होगी और 14 जनवरी 2025 की सुबह 3:56 बजे खत्म हो जाएगी। पौष पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है, जो लोगों को उनके पापों का प्रायश्चित करने का अवसर देता है। इस दिन से जुड़े अनुष्ठान, आध्यात्मिक विकास, विकास और पुनर्जन्म को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। भक्तों का मानना है, कि जैसे ही चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर अपना चक्कर पूरा करता है, वैसे ही आध्यात्मिक उन्नति में आने वाली बधाओ को दूर करता है। जिससे व्यक्ति भावनात्मक और शारीरिक दर्द से मुक्त हो जाता है।
पौष पूर्णिमा क्या करते हैं भक्त-
पौष पूर्णिमा पर भक्त पवित्र जल में स्नान, भगवान विष्णु और सूर्य देव की अर्चना और दान पुण्य करते हैं और साथ ही कई शुभ कार्य भी करते हैं। बहुत से लोग सत्यनारायण व्रत भी रखते हैं, यज्ञ और हवन का आयोजन करते हैं और ब्राह्मण को भोजन और दान देते हैं। ऐसा कहा जाता है, कि यह कार्य पिछले पापों को खत्म करते हैं और मोक्ष दिलाते हैं।
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भोग-
वहीं शादी के लिए इच्छुक जोड़े को पोष पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को खीर और प्रार्थना अर्पित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसा कहा जाता है, कि चंद्रमा और सूर्य दोनों की पूजा करने से आशीर्वाद मिलता है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कुल मिलाकर पोष पूर्णिमा एक पवित्र दिन है, जो व्यक्तियों को मोक्ष, दिव्य आशीर्वाद और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
पौष पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है, पौष का महीना सूर्यदेव को समर्पित है। इस दौरान सूर्य दे को अर्घ्य देने का बड़ा महत्व माना जाता है। इस दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है।
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