Ayodhya Ram Mandir
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Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी यानी कल राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह होने वाला है और यह पूरे देश के लिए ऐतिहासिक क्षण होने वाला है। अगर आप किसी वजह से अयोध्या जाने में असमर्थ हैं, तो आप अपने घर पर ही राम लाल की पूजा कर सकते हैं। प्राण प्रतिष्ठा का दिन बहुत ही शुभ माना गया है, इस दिन भगवान की पूजा करना काफी अच्छा है, ज्योतिष और हस्तरेखा विशेषज्ञयों के मुताबिक, प्राण प्रतिष्ठा (Ayodhya Ram Mandir) के दिन घर पर पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके लिए कुछ विशिष्ट निर्देश दिए गए हैं, (Ayodhya Ram Mandir)समारोह के लिए विवरण और आवश्यक चीजों पर जोर दिया गया है. आईए पूजा की विधि, सामग्री और नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

पूजा के लिए स्थान और पूजा के लिए सामग्री-

पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ स्थान है, पूजा के लिए सबसे पहले आपको एक अच्छा स्थान चुनना है, घर का मंदिर बनाने के लिए पूर्वोत्तर कोने सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि यह अलग-अलग कार्यों से अच्छे भाग्य से जुड़ा होता है। इस क्षेत्र में स्वच्छता पर जोर देते हुए पूजा स्थल को स्थापित करने की सलाह दी जाती है। इसीलिए आपको पूजा के लिए अपने घर का पूर्वोत्तर कोना चुनना है। पूजा के लिए आवश्यक सामग्री की बात की जाए तो इसमें आपको मौली, सुपारी, कुमकुम, गंगाजल अक्षत, तांबे के लोटे में जल, भगवान राम की मूर्ति, देसी घी, फूल-फल, मिठाई, कपूर, अगरबत्ती, चंदन आदि जरूर लाना चाहिए। मंदिर में स्थापना करते समय अपने घर में पूजा की थाली और एक घंटी जरूर रखें।

साफ सफाई का ध्यान और पूज की विधि –

पूजा के समय साफ सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। पूरी तरह से साफ सफाई करके यह सुनिश्चित करें कि घर का मंदिर बेदाग और व्यस्तता से मुक्त हो, पुरानी हो चुकी हर चीज को हटा दे, पुरानी हो गई मालाओं हटा दें या जल में प्रवाहित कर दें, सकारात्मक उर्जा बनाए रखने के लिए मंदिर में देवी देवताओं की सभी तस्वीरों को शुद्ध करें, खासकर घर के पूर्वोत्तर कोने को। पूजा से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर व्यक्तिगत स्वच्छता अपनाएं और सुनिश्चित करें कि घर का हर सदस्य इस दिनचर्या का पालन करे। Ayodhya Ram Mandir

पूजा की विधि की बात की जाए तो भगवान श्री राम की मूर्ति को निर्धारित विधि से रखें, इसे लाल कपड़े से ढकें और पूजा की शुरुआत में हथेली में जल लेकर संकल्प करना जरूरी होता है। अगरबत्ती और दीपक जलाएं और भगवान राम को कुमकुम, अक्षत, चंदन, फल-फूल, मिठाई, पंचामृत और खीर का भोग लगाएं। आरती के साथ समारोह का समापन करने के लिए कपूर जलाएं, शाम के समय घर मुख्य द्वार पर घी का दीपक जरूर चलाएं।

क्या ना करें-

पूजा के समय कभी भी टूटी हुई मूर्ति का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, यह जरूरी है कि आप अपने घर के मंदिर में टूटी हुई मूर्ति ना रखें। इसके बजाय एक नई मूर्ति को खरीदें और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के शुभ दिन पर इसे सम्मान पूर्वक अपने घर में लाएं। यह सुनिश्चित करें की मूर्ति की स्थापना अभिजीत मुहूर्त जैसे सुबह के समय होनी चाहिए। पूजा शुरू करने से पहले मूर्ति का जलाभिषेक करें और पंचामृत से स्नान कराएं, नियमित रूप से पूजा की थाली में भगवान के सामने घी का दीपक जलाकर रखें।

नियमों का पालन करना जरूरी-

पूजा के लिए आपको बहुत से नियमों का पालन करना भी जरूरी है, पुरानी मालाओं, फूलों को हटाना और स्थान पर प्रतिदिन नई माल चढ़ाना जरूरी है। पूजा के दौरान ताजा फूल चढ़ाने की प्रथा है। पुराने या मुरझाए फूलों को हटा देना चाहिए और घर का मंदिर सुगंधित बनाए रखना चाहिए, घर के मंदिर में हमेशा रोशनी होनी चाहिए। इसके अलावा आप श्री राम की पूजा से पहले घर या मंदिर में श्री राम तत्व को आकर्षित और प्रसारित करने वाली सात्विक रंगोली बनाएं, पर्यावरण श्री राम तत्व से है और भक्तों को इसका लाभ भी मिलता है।

राम रक्षा स्त्रोत के पाठ के लाभ-

इसके अलावा आप श्री राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इक बार भगवान ऋषि बुद्धि कौशिक के स्वप्न में प्रकट हुए और उन्हें श्री राम रक्षा स्त्रोत सुनाया, सुबह जब वह उठे तो ऋषि ने इसे लिख लिया, संस्कृत में स्त्रोत का पाठ करने से परेशानियां दूर होती है और आत्माएं भी तृप्त हो जाती है। स्त्रोत का पाठ करने से होने वाले लाभ में लंबी आयु, संतान खुशी, विजय और विनम्रता शामिल है। इसके अलावा स्रोत में श्री राम का वर्णन रामायण का सार, श्री राम के भक्तों की प्रशंसा प्राचीन ऋषि मुनियों का अभिनंदन, श्री राम की स्तुति और श्री राम नाम जप का महत्व बताया गया है।

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मंत्र का जाप-

इसमें न सिर्फ देवता की स्तुति शामिल की गई है, बल्कि मंत्र का जाप करने वाले के चारों ओर एक कवच बनाने की भी शक्ति है। यह शरीर की रक्षा के लिए देवता से प्रार्थना है और इसमें मंत्रों का इस्तेमाल करके व्यक्ति के शरीर के चारों ओर एक सुरक्षा कवच तैयार हो जाता है। मंत्रों का ये कवच यथूल कवच से भी शक्तिशाली माना जाता है। एक स्थूल कवच बंदूक की गोलियां जैसे स्थूल हथियारों से बचाता है।

जबकि एक सूक्ष्म कवच हमलों के साथ-साथ नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाता है। श्री राम रक्षा स्त्रोत का नियमित पाठ सभी संकटों को दूर करता है और घर में भूतों को भी दूर करने मदद करता है। स्रोत में इसके पाठ के लाभों का उल्लेख किया गया है। क्योंकि इसमें रचयिता का संकल्प शामिल है, इसलिए इसका पाठ करने वाले को वह लाभ जरूर मिलता है।

विभिन्न रूप से लाभ-

पूजा के समय विभिन्न रूप से लाभ मिलते हैं, इन सभी की अपनी सीमाएं होती है। इसलिए लाभ भी सीमित होते हैं। देवता तत्व में निरंतर लाभ के लिए देवता की पूजा भी निरंतर होनी चाहिए और ऐसी पूजा का एक ही रूप है। कलयुग में यह पूजा का सहज एवं उत्तम स्वरूप है। श्री राम नाम के कुछ लाभ है और जाप से आप इन सब का लाभ उठा सकते हैं।

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