Surya Arghya
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Surya Arghya: हिंदू धर्म में सभी देवी देवताओं के लिए एक दिन समर्पित होता है, इसमें भगवान सूर्य को रविवार का दिन समर्पित है। इनमें से भगवान सूर्य और भगवान चंद्र विशेष महत्व रखते हैं। क्योंकि हम उन्हें पृथ्वी से देख पाते हैं, भगवान सूर्य और भगवान चंद्र की पूजा प्राचीन काल से ही की जाती है। इसका उल्लेख महाभारत और रामायण की कहानियों में भी पढ़ा जा सकता है। उदाहरण के लिए रामायण में यह उल्लेख किया गया है कि भगवान राम ने खुद भगवान सूर्य की पूजा की थी और उन्हें जल से अर्घ दिया था।

Surya Arghya हिंदू मान्यताओं के मुताबिक-

महाभारत में बताया गया है की पांच पांडवों की मां कुंती ने भगवान सूर्य के आशीर्वाद से कर्ण नामक एक लड़के को जन्म दिया था। आज भी बहुत से लोग हर सुबह सूर्य को अर्घ देकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। सुबह सूर्य को अर्घ देना यानी सूर्य को जल चढ़ाना, सिर्फ एक धार्मिक कार्य नहीं है, बल्कि इसका हमारे जीवन पर बहुत असर पड़ता है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक सूर्य में बहुत ज्यादा शक्ति होती है, ऐसा कहा जाता है कि अगर सूर्य प्रसन्न है, तो हमारे जीवन को बेहतर बना सकते हैं और हमें स्वस्थ रखते हैं।

Surya Arghya के बहुत से लाभ-

सूर्य को जल चढ़ाने से कुछ बहुत से लाभ भी होते हैं, जैसे सूर्य को जल चढ़ाने से हमारी आंखें स्वस्थ रहती है, यह लोगों के लिए विशेष सुख लाभदायक है, जिन्हें आंखों की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा अगर आप अपनी नौकरी में तरक्की पाना चाहते हैं या अच्छी नौकरी पाना चाहते हैं, इससे आपको इसमें मदद मिलेगी। यह आपको ज्यादा आत्म विश्वास और सक्रिय महसूस कराता है। सूर्य को अर्घ देने से हृदय स्वास्थ्य से जुड़े समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।

साइंटिफिक रीजन-

ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं कि माने तो यह हमारे पारिवारिक जीवन और संपत्ति से जुड़ा होता है। सूर्य की नियमित पूजा करने से पारिवारिक विवादों को सुलझाने में मदद मिलती है, खास तौर पर माता-पिता के साथ। साइंटिफिक रीजन देखा जाए तो सूर्य को जल चढ़ाने में से हमारे दिन की शुरुआत ताजी हवा और धूप से करने में मदद मिलती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है। सुबह पानी के माध्यम से सूर्य को देखना हमारी आंखों के लिए काफी अच्छा माना जाता है।

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सभी ग्रहों का राजा-

सूर्य को सभी ग्रहों का राजा कहा गया है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को जल चढ़ाकर दर्शन करने से हमारा जीवन भाग्यशाली बन जाता है। सूर्य को जल चढ़ाते समय बहुत सी बातों का हमें ध्यान रखना चाहिए। हमें हमेशा सूरज को अर्घ तांबे के बर्तन में देना चाहिए। क्योंकि यह शुभ मानक शुभ माना जाता है, वहीं सम्मान स्वरूप जल में एक फूल या फिर कुछ चावल के दाने डालें और सुनिश्चित करें कि आप पानी में सूर्य की किरणें देख पाएं।

ध्यान देने वाली बात-

हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुंह करें और निश्चित करें कि पानी आपके पैरों पर ना गिरे। क्योंकि यह अपमानजनक होता है। भले ही बादल आ जाए और आप सूर्य को नहीं देख पा रहे हैं, फिर भी आपको पूर्व दिशा कि ओर मुख करके अनुष्ठान करना चाहिए। इसके अलावा आप जल चढ़ाते समय भगवान सूर्य के मंत्र गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। सूर्य उदय के समय जल चढ़ाते समय भगवान सूर्य के 12 नाम का जाप करना हिंदू रीति रिवाज में पूजनीय है।

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