Overcome Laziness
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    Overcome Laziness: अक्सर ऐसा होता है कि हम अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक गोल बनाते हैं, लेकिन जब हम उस गोल को पूरा करने जाते हैं, तो हमारा माइंड, हमारी बॉडी हमारा साथ नहीं देती और आलस हमारी सफलता के बीच में आ जाता है, ऐसे में इससे दूर बागना बहुत मुश्किल हो जाता है, अगर आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है तो यह लेख आप ही के लिए है, आज हम आपको जापान के कुछ ऐसे ही टिप्स के बारे में बताएंगे, जो आपको इस आलस से दूर होने में मदद करेंगे। साथ ही यह आपको आपकी मंज़िल की ओर जाने में भी आपका साथ देंगे।

    जापान एक ऐसा देश है , जो बाढ़ भूकंप और ज्लवालामुकी जैसी बहुत सी प्राकृतिक आपदाओं से गुज़रा है। इसके साथ ही यह दुनिया का एकलौता देश है जिस पर दो बार न्यूक्लियर बॉम से हमला हुआ है। इन सब चीज़ों के बाद भी जापान दुनिया की सबसे बड़ी सुपर पावर्स में से एक है। यह देश बार बार गिर कर फिर से उठा है। यह देश खुद ही एक बहुत बड़ी मिसाल है, सफलता की। इस सफलता के पीछे वहां के लोग हैं, जो डिसिप्लिन को फॉलो करते हैं, वह अनुशासन आज हम आपको बताएंगे।

    काइज़न (Overcome Laziness)-

    दरअसल जब भी हम अपने किसी काम या दिनचर्या में बदलाव करते हैं, तो उस बदलाव को अपनाने में सबसे बड़ी रुकावट हमारा दिमाग होता है, जो अचानक आए बदलाव को एक्सेप्ट नहीं करता है। (Overcome Laziness) यह आपको कोई ना कोई बहाना दे देता है, जैसे सोना या फिर काम को आगे टाल देना। इसी को देखते हुए जापान के एक फेमस डॉक्टर ने काइज़न टेक्निक को डिस्कवर किया। इस टेक्नीक को ना सिर्फ आपके करियर में काम आती है, बल्कि यह आपकी डिसिज़न मेकिंग पावर को बेहतर बनाती है।

    काइज़न एक जापानी शब्द है जिसमें काइ का मतलब बदलाव और ज़न का मतलब अच्छा है। यानि कुछ अच्छा करने के लिए बदलाव। जब आप अपनी दिनचर्या में धीरे-धीरे बदलाव करते हैं, तो आप अब अपनी सफलता की ओर आगे बढ़ते हैं। लेकिन अब सवाल यह है कि आप काइज़न को अपनी ज़िंदगी में कैसे आपना सकते हैं। इसके लिए बस आपको अपने काम और टाइम को छोटे-छोटे पार्ट्स में डिवाइड करना है और रोज़ थोड़ा-थोड़ा बदलाव करना है। हमेशा यह सोचना है कि चीज़ें कितनी भी बुरी क्यों ना हो वह बेहतर हो सकती है।

    जैसे मान लिजिए की आपको नए प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका नहीं मिल रहा है तो आप अहने टीवी या मोबाइल देखने के टामइम को रोज़ 10 से 15 मिनट तक कम कर दो। ऐसे आप एक वीक में 1 से डेढ़ घंटे बचा पाओगे और िस समय में आप नए प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ ना कुछ तो काम कर ही सकते हैं। ऐसे धीरे- धीरे आप रोज़ अपना एक से तीन घंटे तक बचा सकते हो। ऐसे ही आप रोज़ सुबह 15 से 20 मिनट पहले उठ कर एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। रोज़ एक सिगरेट कम पीकर अपनी लत को छुड़ा सकते हो।

    ईकीगाय (Overcome Laziness)-

    भारत में यह आम बात है कि जैसे ही आप 12वी पास करते हैं लोग आपको तरह-तरह की एडवाइज़ देते हैं। कोई कहता है जो मन करे वह करो, कोई कहता है जिसमें ज्यादा पैसे मिले वह करो और कोई कहता है कि जो दुनिया को अच्छा लगे वह करो। लेकिन अगर आप इनमें से किसी की भी बात मानते हैं तो आप अपनी ज़िंदगी में बैलेंस नहीं कर पाते और ईकीगाय वह टेक्नीक है जो इसी बैलेंस को बनाता है, तो आपको ऐसा काम चुनना है जो आपका पेशन भी हो प्रोफेशन भी हो, एम्बिशन हो और वॉकेशन भी हो। इससे ना तो आप उस काम से बोर होएंगे ना पछताएंगे और ना ही इसके लिए आपको किसी तरह कि मोटिवेशन की ज़रुरत भी हो। एग्ज़ाम्पल के सचिन तेंदुलगर जिनका क्रिकेट पेशन था, फिर उन्हें पैसे मिलने लगे तो वह प्रोफेशन बन गया और दुनिया को उनका काम पसंद भी आया।

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    पोमोडोरो टेक्नीक-

    इस टेक्नीक से आप अपनी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी बढ़ा सकते हो और बिना थके अपने बहुत से कामों को पूरा कर सकते हो। दरअसल जब भी हम किसी ऐसे काम को करने जाते हैं, जिसमें ज्यादा समय लगेगा या काम बड़ा है तो आपका दिमाग उस काम में नेगेटिवीटी फील करेगा। पोमोडोरो टेक्नीक में आप अपने काम को छोटे-छोटे पार्ट और टाइम के साथ डिवाइड कर सकते हैं। जैसे आप किसी काम को लगाता 25 मिनट करेंगे, फिर 5 मिनट का ब्रेक लेंगे, फिर 25 मिनट कर उस काम को करते रहेंगे। ऐसे आप दो घंटे में 20 मिनट का ब्रेक ले लेंगे। जिससे आपके दिमाग पर बोझ भी नहीं होगा और आप बिना थके अच्छे से अपना काम कर पाएंगे। इससे हमारे सोशल मीडिया को य़ूज़ करने की टाइमिंग भी कम होने लगती है।

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