Brain Exercise
    Photo Source - Google

    Brain Exercise: क्या आपको पता है, कि जिस तरह जिम में एक्सरसाइज करने से आपका शरीर फिट रहता है, ठीक उसी तरह दिमाग की एक्सरसाइज से आपका ब्रेन भी स्ट्रॉन्ग बनता है? आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर भूल जाते हैं, कि हमारे दिमाग को भी रोजाना वर्कआउट की जरूरत होती है। CARE हॉस्पिटल, मलकपेट के कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट का कहना है, कि मेंटल एक्सरसाइज आपके फोकस, मेमोरी और पूरी कॉग्निटिव फंक्शन को बेहतर बना सकती है। दिमाग की एक्सरसाइज करना उतना ही जरूरी है, जितना कि शारीरिक व्यायाम। इससे न सिर्फ आपकी याददाश्त तेज होती है बल्कि आपका कंसंट्रेशन भी बढ़ता है।

    Brain Exercise न्यूरोप्लास्टिसिटी का कमाल-

    द् इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, न्यूरोप्लास्टिसिटी के बारे में समझाते हैं, कि यह हमारे दिमाग की वो अद्भुत क्षमता है जिससे वह नए कनेक्शन बना सकता है। सीधी भाषा में कहें, तो आपका दिमाग जिंदगी भर नई चीजें सीखने और अपने आप को बेहतर बनाने की क्षमता रखता है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे आपकी मांसपेशियां एक्सरसाइज से मजबूत बनती हैं, वैसे ही आपके दिमाग के न्यूरल पाथवे भी मेंटल एक्सरसाइज से स्ट्रॉन्ग होते हैं।

    जब आप अपने दिमाग को चुनौती देते हैं तो यह नए न्यूरल कनेक्शन बनाता है। इससे आपकी लर्निंग एबिलिटी बढ़ती है, मेमोरी तेज होती है और नई परिस्थितियों में एडजस्ट करने की क्षमता भी बेहतर होती है।

    Brain Exercise उम्र के साथ दिमाग की सुरक्षा-

    सबसे खुशी की बात यह है, कि रेगुलर ब्रेन एक्सरसाइज से आप अपने दिमाग को उम्र के साथ होने वाली कमजोरी से बचा सकते हैं। डॉक्टर कहते हैं, कि यह अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों के रिस्क को कम करने में मदद कर सकता है। यानी आप आज जो मेहनत कर रहे हैं, वो आपको बुढ़ापे में भी तेज दिमाग का मालिक बनाए रखेगी।

    मेंटल एक्सरसाइज से आपकी कंसंट्रेशन पावर भी बढ़ती है क्योंकि इन एक्सरसाइज में आपको लगातार फोकस करना पड़ता है और वर्किंग मेमोरी का इस्तेमाल करना पड़ता है। समय के साथ यह आपकी कॉग्निटिव एबिलिटी को मजबूत बनाता है।

    डॉक्टर के 3 शानदार तरीके-

    मेडिटेशन और माइंडफुलनेस की शक्ति-

    डॉक्टर का पहला सुझाव है, मेडिटेशन और माइंडफुलनेस प्रैक्टिस। इसमें आपको अपने मन को एकाग्र करना होता है और अपने विचारों, भावनाओं और संवेदनाओं के प्रति जागरूक होना होता है बिना किसी जजमेंट के। रेगुलर मेडिटेशन से आपका अटेंशन स्पैन बढ़ता है, स्ट्रेस कम होता है और मेमोरी बेहतर होती है।

    रोजाना 10-20 मिनट एक शांत जगह पर बैठकर अपनी सांस पर फोकस करें या किसी मंत्र पर ध्यान लगाएं। जब आपका मन भटके तो धीरे से वापस अपना अटेंशन लेकर आएं। यह एक्सरसाइज आपके प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स और हिप्पोकैम्पस को मजबूत बनाती है, जो फोकस और मेमोरी के लिए जिम्मेदार होते हैं।

    मेमोरी गेम्स और पजल्स का मजा-

    दूसरा तरीका है मेमोरी गेम्स और पजल्स खेलना। सुडोकू, क्रॉसवर्ड पजल और मेमोरी कार्ड गेम्स आपकी शॉर्ट टर्म मेमोरी और कॉग्निटिव फ्लेक्सिबिलिटी को बेहतर बनाते हैं। ये गतिविधियां आपके दिमाग को चुनौती देती हैं और न्यूरल कनेक्शन को मजबूत बनाती हैं।

    रोजाना मेमोरी कार्ड गेम खेलें जहां आपको जोड़े मिलाने हों, क्रॉसवर्ड पजल हल करें या सुडोकू पजल कंप्लीट करें। यह न सिर्फ मजेदार है बल्कि आपके दिमाग के लिए बेहद फायदेमंद भी है। आजकल मोबाइल ऐप्स की मदद से यह और भी आसान हो गया है।

    नई स्किल सीखने का रोमांच-

    तीसरा और सबसे रोमांचक तरीका है कोई नई स्किल या भाषा सीखना। जब आप कुछ नया सीखते हैं तो आपका दिमाग नई इंफॉर्मेशन को प्रोसेस करता है और स्टोर करता है, इससे नए न्यूरल पाथवे बनते हैं। यह आपकी मेमोरी और फोकस दोनों को इम्प्रूव करता है।

    ये भी पढ़ें- Teej 2025 Calendar: जानिए हरियाली, कजरी और हरतालिका तीज की तारीखें, परंपराएं और महत्व

    डुओलिंगो जैसे ऐप्स से नई भाषा सीखना शुरू करें, कोई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाना सीखें या किसी ऐसे कोर्स में एनरोल करें जो आपको इंटरेस्ट करे। यह न सिर्फ आपके दिमाग को तेज बनाता है बल्कि आपकी लाइफ में एक नया रंग भी भरता है।

    आज से ही शुरू करें-

    डॉक्टर का कहना है, कि ब्रेन एक्सरसाइज कोई रॉकेट साइंस नहीं है। छोटी शुरुआत करें और धीरे-धीरे इसे अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं। याद रखिए, जिस तरह आप जिम जाकर अपने शरीर को फिट रखते हैं, उसी तरह अपने दिमाग को भी रोजाना एक्सरसाइज दें। आपका दिमाग आपको इसके लिए जरूर धन्यवाद देगा।

    ये भी पढ़ें- जानिए क्या हैं DNA Diets? क्या वाकई जीन्स तय करेंगे कि आपको क्या खाना चाहिए?