Adulteration in Milk
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    Adulteration in Milk: आपके दैनिक आहार का अहम हिस्सा माना जाने वाला दूध आज कितना सुरक्षित है, राजस्थान से आई ताजा रिपोर्ट ने इस सवाल पर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है। राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (RCDF) द्वारा चलाए जा रहे, विशेष अभियान "दूध का दूध पानी का पानी" में सामने आया है, कि राज्य में 97 प्रतिशत दूध के सैंपल में मिलावट पाई गई है।

    Adulteration in Milk जनजागरूकता अभियान की पहल-

    10 जनवरी से शुरू हुआ, यह अभियान 17 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान लोग अपने क्षेत्र में मिलने वाले दूध की गुणवत्ता की जांच मुफ्त में करवा सकते हैं। अब तक लिए गए 7,299 सैंपल में से 3,475 सैंपल में पानी की मिलावट पाई गई है। कुल मिलाकर 48.24 प्रतिशत सैंपल में पानी और 1.41 प्रतिशत में रासायनिक पदार्थों की मिलावट की पुष्टि हुई है।

    Adulteration in Milk मिलावट के खतरनाक तरीके-

    विशेषज्ञों के मुताबिक, दूध में मिलावट के लिए कई खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें पानी के अलावा डिटर्जेंट, स्टार्च, यूरिया, सिंथेटिक दूध, फॉर्मलिन, रंग और कृत्रिम मीठा करने वाले पदार्थ शामिल हैं। व्यापारी मुनाफा बढ़ाने के लिए असली दूध की मात्रा कम कर इन पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं।

    स्वास्थ्य पर प्रभाव-

    मिलावटी दूध से न केवल दूध के पोषक तत्वों में कमी आती है, बल्कि यह शरीर में कई तरह के विकार भी पैदा कर सकता है। खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने घर पर ही दूध की शुद्धता जांचने के कुछ आसान तरीके बताए हैं।

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    घर पर जांच का आसान तरीका-

    स्टार्च की जांच के लिए 2-3 मिली दूध को उबालकर ठंडा करें। इसमें आयोडीन के 2-3 बूंद डालें। शुद्ध दूध का रंग नहीं बदलेगा या हल्का पीला होगा। नीला रंग आने का मतलब है कि दूध में स्टार्च की मिलावट है।

    इस तरह के व्यापक अभियान से जहां एक ओर मिलावटखोरों पर लगाम लगेगी, वहीं दूसरी ओर आम जनता में जागरूकता बढ़ेगी। यह पहल न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा करेगी, बल्कि डेयरी उद्योग में पारदर्शिता भी लाएगी।

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