Diet for Brain Health
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    Diet for Brain Health: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य उतना ही जरूरी है, जितना शारीरिक स्वास्थ्य। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि आपकी थाली में रखा खाना आपके मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है? जी हां, हमारा भोजन सिर्फ शरीर को ही नहीं बल्कि दिमाग को भी पोषण देता है। अच्छा पोषण भले ही किसी बीमारी का पूरा इलाज न हो, लेकिन यह हमारे मूड, ऊर्जा और तनाव से लड़ने की क्षमता को जरूर बढ़ा सकता है।

    जब हम स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाते हैं, तो हम न सिर्फ बेहतर महसूस करते हैं, बल्कि जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार रहते हैं। तो आइए जानते हैं उन दस खास खाद्य पदार्थों के बारे में जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बना सकते हैं।

    घर का बना दही-

    हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, दही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो हर भारतीय घर में आसानी से मिल जाता है। यह जीवित संस्कृतियों का बेहतरीन स्रोत है, जो आपके पेट को स्वस्थ रखता है। मुख्य आहार विशेषज्ञ लवलीन कौर बताती हैं, कि अच्छे पेट स्वास्थ्य का सीधा संबंध बेहतर दिमागी कार्यप्रणाली से है। रोजाना आधा से एक कप घर का बना दही खाना फायदेमंद होता है। इसमें भुना हुआ जीरा और काली मिर्च मिलाने से न सिर्फ स्वाद बढ़ता है बल्कि पाचन भी बेहतर होता है।

    जई और साबुत अनाज-

    जई में घुलनशील रेशे खासकर बीटा-ग्लूकन भरपूर मात्रा में होता है, जो रक्त शर्करा स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है। स्थिर रक्त शर्करा स्तर का मतलब है, अच्छा मूड और लगातार ऊर्जा। आप जई को अपने आहार में आसानी से शामिल कर सकते हैं, चाहे जई का उपमा बनाएं, रात भर भिगोकर रखें या फिर दलिया बनाएं। इसके अलावा भूरा चावल और क्विनोआ जैसे अन्य साबुत अनाज भी समान फायदे देते हैं।

    केला-

    केला एक पौष्टिक त्वरित नाश्ता है, जो विटामिन बी6 का अच्छा स्रोत है। यह विटामिन सेरोटोनिन बनाने में मदद करता है, जो एक ऐसा रसायन है, जो खुशी की भावनाओं को बढ़ाता है। अपनी ऊर्जा स्थिर रखने और अच्छे मूड के लिए एक छोटा केला मुट्ठी भर मेवे के साथ खाएं।

    प्रोटीन के अच्छे स्रोत-

    प्रोटीन दिमाग में तंत्रिका संदेशवाहक बनाने के लिए बेहद जरूरी है। सेरोटोनिन और डोपामाइन बनाने के लिए जरूरी अमीनो अम्ल पाने के लिए अपने भोजन में दाल, चना और अंकुरित अनाज शामिल करें। आहार विशेषज्ञ बताती हैं, कि चाहे आप पौधे आधारित प्रोटीन चुनें, अंडे खाएं या मछली, हर भोजन में प्रोटीन का कोई न कोई स्रोत जरूर शामिल करें ताकि आपका दिमाग स्वस्थ रहे।

    अखरोट और बादाम-

    सूखे मेवे छोटे जरूर हैं, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य के लिए इनके फायदे बहुत बड़े हैं। अखरोट में पौधे आधारित ओमेगा-3 वसा अम्ल होते हैं, जो सूजन कम करने में मदद करते हैं। वहीं बादाम मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं, जो तनाव को संभालने और नींद को बेहतर बनाने में सहायक है। विशेषज्ञ कहती हैं, कि रोजाना दोनों की एक छोटी मुट्ठी आपके मूड को काफी हद तक ऊपर उठा सकती है।

    अलसी और कद्दू के बीज-

    अपने आहार में सिर्फ एक चम्मच अलसी या कद्दू के बीज जोड़ने से आपका पोषक तत्वों का सेवन बढ़ जाता है। विशेषज्ञ बताती हैं, कि अलसी ओमेगा-3 वसा अम्ल का शानदार स्रोत है, जबकि कद्दू के बीज में मैग्नीशियम और जिंक प्रचुर मात्रा में होता है। आप इन्हें सलाद पर छिड़क सकते हैं, दही में मिला सकते हैं या अपनी पसंदीदा व्यंजनों में डाल सकते हैं।

    हरी पत्तेदार सब्जियां-

    पालक, मेथी और सरसों का साग जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों में फोलेट और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। आहार विशेषज्ञ बताती हैं, कि ये पोषक तत्व आपके तंत्रिका तंत्र को शांत रखने में मदद करते हैं। इन साग-सब्जियों को दाल में या आमलेट में मिलाकर आप अपने पोषण को बढ़ा सकते हैं और मानसिक कल्याण को सहारा दे सकते हैं।

    रंगीन फल और सब्जियां-

    अपनी थाली में तरह-तरह के रंगीन फल और सब्जियां शामिल करें जैसे बेर, संतरे जैसे खट्टे फल, आंवला, चुकंदर और टमाटर। ये रंगीन खाद्य पदार्थ पॉलीफेनॉल से भरपूर होते हैं, जो कम मूड से जुड़े ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं। स्वास्थ्य लाभ को अधिकतम करने के लिए हर दोपहर और रात के भोजन में कम से कम दो अलग-अलग रंगों की चीजें जरूर शामिल करें।

    विटामिन डी और बी12-

    ये दोनों पोषक तत्व आपकी ऊर्जा, मूड और सोचने की क्षमता को बहुत प्रभावित करते हैं। कोई भी पूरक लेने से पहले अपने स्तर की जांच करवाना जरूरी है। विटामिन डी के लिए सुबह की सुरक्षित धूप में बैठें ताकि शरीर इसे प्राकृतिक रूप से अवशोषित कर सके। अगर आपमें विटामिन डी की कमी है, तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी3 पूरक लें। अगर आप शाकाहारी भोजन करते हैं, तो आपको संभवतः विटामिन बी12 पूरक की जरूरत होगी। क्योंकि पौधे आधारित खाद्य पदार्थों में यह पर्याप्त मात्रा में नहीं होता।

    डार्क चॉकलेट-

    डार्क चॉकलेट (70 प्रतिशत या उससे ज्यादा कोको वाली) का आनंद भी लिया जा सकता है! इसमें कोको पॉलीफेनॉल और मैग्नीशियम होता है, जो मूड को सुधारने में मदद करता है। बस मात्रा छोटी रखें, करीब 15-20 ग्राम, ताकि फायदा मिले और यह चीनी की रोज की आदत न बन जाए।

    संतुलित भोजन की थाली कैसे बनाएं?

    इन खाद्य पदार्थों का पूरा फायदा उठाने के लिए एक आदर्श मूड-स्थिर थाली बनाना सीखें। आधार के रूप में धीमी कार्बोहाइड्रेट जैसे रोटी, जई या भूरा चावल लें। प्रोटीन के लिए दाल, चना, अंकुरित अनाज, पनीर, टोफू या दही शामिल करें। दो तरह की सब्जियां और एक फल जरूर रखें। स्वस्थ वसा के लिए मेवे, बीज या सरसों या मूंगफली का तेल इस्तेमाल करें।

    यह क्यों काम करता है?

    जब आप रेशे युक्त कार्बोहाइड्रेट को प्रोटीन या स्वस्थ वसा के साथ मिलाते हैं, तो रक्त शर्करा में अचानक उछाल नहीं आती, जिससे ऊर्जा और मूड में झूलें नहीं होतीं। आहार विशेषज्ञ सुझाव देती हैं कि अपने आहार में रंगीन पौधे, मसाले और ओमेगा-3 वसा अम्ल शामिल करने से सूजन कम करने में मदद मिलती है। पुनः गर्म किए गए तेलों और मीठे पेय से बचें। प्रीबायोटिक रेशे और किण्वित खाद्य पदार्थ आपके पेट के रोगाणुओं को विविध बनाते हैं, जो महत्वपूर्ण दिमागी रसायनों के उत्पादन को बढ़ाता है।

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    किन चीजों को करें सीमित-

    अति-प्रसंस्कृत नाश्ते, मीठे पेय और बार-बार गर्म किए गए तेलों को सीमित करना जरूरी है। ये सूजन बढ़ाते हैं और ऊर्जा स्तर में उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं। लवलीन कौर सलाह देती हैं कि घर के बने साफ-सुथरे सामग्री वाले भोजन पर ध्यान दें, लेकिन कभी-कभार संयम से मिठाई का भी आनंद लें।

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