Indian Food: भारतीय खाने की बात हो और बिरयानी, समोसा या गुलाब जामुन का जिक्र न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि जिन व्यंजनों को हम पूरी तरह से ‘देसी’ मानते हैं, वे दरअसल विदेशों से भारत आए हैं? जी हां, स्ट्रीट फूड से लेकर रेस्तरां के मशहूर डिशेज तक, कई ऐसे खाने हैं, जिनकी जड़ें दूसरे देशों में हैं। आइए जानते हैं, उन 7 लोकप्रिय व्यंजनों के बारे में, जो भले ही आज भारतीय थाली की शान हैं, लेकिन इनकी असली कहानी कहीं और से शुरू होती है।
बिरयानी फारस का तोहफा-
बिरयानी को लेकर हर भारतीय का अपना प्यार और पसंदीदा स्टाइल है। हैदराबादी बिरयानी हो या लखनवी, कोलकाता की हो या मुंबई की, हर शहर में इसका अपना अंदाज है। लेकिन कई शेफ्स का मानना है, कि बिरयानी की असली उत्पत्ति फारस (आधुनिक ईरान) में हुई थी। यह खुशबूदार और मसालेदार डिश मुगल शासकों के साथ भारत आई और यहां की मिट्टी में इतनी घुल-मिल गई, कि आज इसे पूरी तरह से भारतीय माना जाता है। चावल और मसालों का यह अद्भुत मिश्रण आज देश-विदेश में भारत की पहचान बन चुका है।
दाल-भात नेपाल की धरोहर-
दाल-चावल को तो हर भारतीय घर का सबसे सिंपल और पौष्टिक खाना माना जाता है। दाल-भात खाकर बड़े हुए हम में से कितने लोग जानते हैं, कि यह कॉम्बिनेशन दरअसल नेपाली व्यंजनों का मुख्य हिस्सा है? नेपाल में दाल-भात को राष्ट्रीय व्यंजन का दर्जा प्राप्त है और वहां इसे दिन में दो बार खाया जाता है। भारत में यह इतना लोकप्रिय हो गया, कि आज हर राज्य में इसे अपने-अपने तरीके से बनाया जाता है, लेकिन इसकी जड़ें हिमालयी क्षेत्र में हैं।
चिकन टिक्का मसाला ग्लासगो की देन-
अगर आपको लगता है कि चिकन टिक्का मसाला पंजाब या दिल्ली की किसी रसोई से निकला है, तो आप गलत हैं। यह क्रीमी और लजीज डिश 1971 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर के एक रेस्तरां में बनाई गई थी। कहानी कुछ यूं है कि एक शेफ ने सूखे चिकन टिक्का को बेहतर बनाने के लिए उसमें टमाटर और क्रीम की ग्रेवी मिलाई, और इस तरह चिकन टिक्का मसाला का जन्म हुआ। आज यह डिश ब्रिटेन और भारत दोनों में बेहद पॉपुलर है।
गुलाब जामुन मेडिटेरेनियन का मीठा तोहफा-
दिवाली हो या कोई शादी, गुलाब जामुन के बिना भारतीय मिठाई की थाली अधूरी है। लेकिन यह नरम, मीठा और स्वादिष्ट व्यंजन दरअसल मेडिटेरेनियन क्षेत्र से भारत आया है। दूध के ठोस पदार्थ से बनी और चीनी की चाशनी में डूबी यह मिठाई व्यापारियों और शासकों के जरिए भारत पहुंची। यहां इसे इतना प्यार मिला, कि आज हर मिठाई की दुकान पर गुलाब जामुन मिल जाता है और इसे भारतीय मिठाइयों का किंग कहा जाता है।
जलेबी फारसी मिठास की कहानी-
कुरकुरी, रसीली और नारंगी रंग की जलेबी सुबह के नाश्ते से लेकर शाम की चाय तक हर मौके पर खाई जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि जलेबी की उत्पत्ति मध्य पूर्व में हुई थी? फारसी आक्रमणकारियों के साथ यह मीठा व्यंजन भारत आया। पहले इसे ‘ज़ुलबिया’ या ‘जलबिया’ कहा जाता था। भारत में इसने अपना नाम और स्वाद दोनों बदले और आज यह देश के हर कोने में मिलती है। चांदनी चौक की जलेबी हो या इंदौर की, हर जगह इसका अपना फैन फॉलोइंग है।
नान मुगलों का लाया हुआ खजाना-
तंदूरी नान, बटर नान, गार्लिक नान – ये नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। भारतीय रेस्तरां में नान एक स्टेपल है, लेकिन इसकी जड़ें फारसी और ईरानी व्यंजनों में हैं। मुगल काल में यह ब्रेड भारत आई और यहां की तंदूर संस्कृति के साथ मिलकर इसने एक नया रूप ले लिया। आज नान को किसी भी करी या ग्रेवी के साथ खाया जाता है और यह भारतीय खाने का अहम हिस्सा बन चुका है।
समोसा मध्य पूर्व का स्नैक स्टार-
चाय के साथ समोसा यह कॉम्बिनेशन तो हर भारतीय को पसंद है। बारिश हो या शाम का नाश्ता, समोसे के बिना सब अधूरा लगता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि समोसा भी मूल रूप से भारतीय नहीं है। यह मध्य पूर्व से 13वीं या 14वीं सदी में भारत आया था। शुरुआत में इसे ‘संबूसक’ कहा जाता था। भारत में आलू, मटर और मसालों के साथ इसे देसी अंदाज में बनाया गया और आज यह स्ट्रीट फूड का सबसे फेमस आइटम है।
ये भी पढ़ें- चुकंदर से घर पर बनाएं नेचुरल ब्यूटी प्रोडक्ट्स, 7 आसान तरीके ग्लोइंग स्किन के लिए
स्वाद की कोई सीमा नहीं-
ये सातों व्यंजन हमें यह सिखाते हैं कि खाने की दुनिया में कोई सीमा नहीं होती। विभिन्न संस्कृतियों और देशों के व्यंजन जब भारत आए तो यहां की मिट्टी, मसालों और परंपराओं ने उन्हें नया रूप दिया। आज भले ही हम इन्हें पूरी तरह से भारतीय मानते हैं, लेकिन इनकी असली कहानी हमें याद दिलाती है कि फूड कल्चर हमेशा से ग्लोबल रही है। बिरयानी हो या समोसा, गुलाब जामुन हो या नान, हर डिश में सदियों का इतिहास और कई देशों की संस्कृति छुपी है। और शायद यही भारतीय खाने की खूबसूरती है कि यह हर स्वाद को अपना बना लेता है।
ये भी पढ़ें- 8 साउथ इंडियन स्नैक्स रेसिपी, जो आपको जरूर ट्राई करनी चाहिए
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इसकी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि हम नहीं करते।



