Kansai Airport: जापान के ओसाका बे में स्थित कंसाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIX) एक ऐसी कहानी है जो इंजीनियरिंग की शानदार कामयाबी से शुरू होकर आज एक गंभीर चुनौती बन गई है। कभी दुनिया का अजूबा माना जाने वाला यह एयरपोर्ट अब समुद्र की गहराइयों में समाता जा रहा है, जिससे जापान की सरकार और इंजीनियरों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
Kansai Airport समुद्र के बीच बना सपनों का एयरपोर्ट-
एनडीटीवी के मुताबिक, 1994 में जब कंसाई एयरपोर्ट का उद्घाटन हुआ था, तो इसे इंजीनियरिंग की एक बेमिसाल उपलब्धि माना गया था। ओसाका बे के बीच दो कृत्रिम द्वीपों पर बना यह एयरपोर्ट नरम समुद्री मिट्टी पर तैरने वाले एक शानदार डिज़ाइन के रूप में दुनिया के सामने आया था। लेकिन वक्त के साथ यह सपनों का एयरपोर्ट एक चुनौती बनता गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, एयरपोर्ट का भूतल अब तक साढ़े तीन मीटर से अधिक नीचे धंस गया है। इससे भी ज्यादा चिंताजनक यह है कि इसके बनने के बाद से यह कुल मिलाकर 13.6 मीटर तक बैठ चुका है। शुरुआती दशक में ही यह अनुमान से बहुत तेज़ी से धंसने लगा था। केवल आठ वर्षों में यह लगभग 12 मीटर नीचे चला गया, जिसने तकनीकी विशेषज्ञों को अचंभित कर दिया।
Kansai Airport क्यों धंस रहा है यह अजूबा-
कंसाई एयरपोर्ट की समस्या का मुख्य कारण इसका भारी वजन और समुद्र की नरम मिट्टी है। समुद्री तल की कोमल परत एयरपोर्ट के भारी स्ट्रक्चर को संभाल नहीं पा रही है। इसके अलावा, बढ़ता समुद्री स्तर और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले प्राकृतिक बदलाव इसे धीरे-धीरे समुद्र की गहराइयों की ओर ले जा रहे हैं।
हालिया सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, एयरपोर्ट के मुख्य टर्मिनल वाले हिस्से में हर साल करीब 6 सेंटीमीटर की दर से जमीन धंस रही है, वहीं दूसरे भाग में यह रफ्तार 21 सेंटीमीटर सालाना तक पहुंच गई है। सबसे गंभीर इलाकों में भूमि 17.47 मीटर तक बैठ चुकी है। परिस्थिति इतनी चिंताजनक है कि जापानी अधिकारियों को emergency measures लेने पड़ रहे हैं।
टाइफून जेबी का सबक-
2018 में टाइफून जेबी के दौरान कंसाई एयरपोर्ट को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था। भारी बाढ़ के कारण एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा था, जिससे इसकी भौगोलिक कमजोरी पूरी तरह उजागर हो गई थी। इस घटना ने साफ कर दिया कि समुद्र के बीच बना यह एयरपोर्ट प्राकृतिक आपदाओं के लिए कितना वलनेरेबल है।
इंजीनियरों की लड़ाई-
इस संकट से निपटने के लिए जापानी इंजीनियर दिन-रात काम कर रहे हैं। अब तक $150 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि समुद्री दीवारों को मजबूत करने और पानी के दबाव को कम करने के लिए वर्टिकल सैंड ड्रेन सिस्टम पर खर्च की जा चुकी है। यह सिस्टम पानी के दबाव को कम करके जमीन को और धंसने से रोकने में मदद करता है।
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फिर भी बरकरार है गुणवत्ता-
इन सभी चुनौतियों के बावजूद, कंसाई एयरपोर्ट ने अपनी सर्विस क्वालिटी में कोई कमी नहीं आने दी है। यह एयरपोर्ट 10 वर्षों से भी ज़्यादा समय तक बिना किसी बैगेज लॉस का शानदार रिकॉर्ड बनाए रखा है। 2024 में इसे दुनिया का बेस्ट लगेज हैंडलिंग एयरपोर्ट घोषित किया गया है। आज भी यह एयरपोर्ट 91 शहरों के लिए एक महत्वपूर्ण इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना हुआ है। 2024 में 30.6 मिलियन से अधिक यात्रियों ने यहां से सफर किया है, जो इसकी महत्ता को दर्शाता है।
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