Sahara Desert Animals: सहारा डेजर्ट दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है, जहां भयंकर गर्मी के साथ-साथ तेज़ और गर्म हवाएं भी चलती रहती हैं। जो इस रेगिस्तान को और भी ज्यादा खतरनाक बना देती है। आपको बता दें कि सहारा रेगिस्तान में पूरे साल सिर्फ दो से दस इंच तक ही बारिश होती है, जो की बहुत ही कम है। पानी और पेड़ पौधे तो यहां बहुत ही रेयरली दिखाई देते हैं। ऐसे में यहां जिंदगी का पनपना बहुत ही मुश्किल लगता है। मगर हमें जो मुश्किल लगता है, वह बहुत ही आसान नेचर के लिए होता है।
ऑस्ट्रिच (Sahara Desert Animals)-
ऑस्ट्रिच सहारा डेजर्ट में पाए जाने वाले पक्षियों की बात की जाए और उसमें ऑस्ट्रिच का नाम ना लिया जाए, यह तो इंपोसिबल है। ऑस्ट्रिच दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी माना जाता है। इस पक्षी की लंबाई 2.5 मीटर से भी ज्यादा होने के साथ-साथ इनका वजन 70 से 145 किलो तक हो सकता है। वैसे इनके भारी भरकम शरीर के साथ-साथ इनके अंडे भी काफी भारी होता है, जिनका वज़न 2 किलो तक होता है और क्योंकि रेगिस्तान में पानी की किल्लत रहती है, इसी वजह से यह पक्षी सुबह और शाम के समय पत्तियों को खाना पसंद करते हैं। क्योंकि इस वक्त पत्तियों पर नमी होती है। हालांकि यह पक्षी लंबे समय तक बिना पानी पिए भी जिंदा रह सकते हैं। ऐसा नहीं है कि खाने और कम पानी मिलाने की वजह से उनके शरीर की ताकत में कोई कमी होती है। यह पक्षी अपनी जोरदार लात से किसी को भी घायल कर सकते हैं। वहीं अपनी मजबूत टांगों की वजह से यह 70 किलोमीटर पर आवर की रफ्तार से दौड़ भी सकते हैं। हालांकि यह पक्षी उड़ नहीं सकते, लेकिन उनकी तेज रफ्तार दौड़ यह कमी पूरी कर देती है। वहीं अपनी लंबी-लंबी टांगों के साथ ही इन पक्षियों की गर्दन भी काफी ज्यादा लचीली होती है। जिसको यह जैसे चाहे घूम लेते हैं।
डेसर्ट मॉनिटर (Sahara Desert Animals)-
डेसर्ट मॉनिटर, पूरी दुनिया भर में मॉनिटर्स की कई सारी प्रजाति पाई जाती है। जिनमें से एक डेजर्ट मॉनिटर भी है। जिनकी लंबाई 1 मीटर के आसपास होती है। वहीं इनके शरीर की त्वचा रेगिस्तान के गर्म इलाकों में इन्हें ढालने में मदद करती है। हालांकि उनकी त्वचा के अलावा उनके शरीर में कुछ ऐसी ग्रंथियां भी पाई जाती है, जिनकी वजह से इन्हें पानी की कमी नहीं खलती। 45 किलोमीटर पर आवर की रफ्तार से दौड़ने वाले यह जीव भोजन की तलाश में कई किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर सकते हैं। हालांकी यह जीव ज्यादातर दिन के समय भोजन की तलाश करते हैं। जिसमें उनकी जीभ भी अहम किरदार निभाती है। क्योंकि सांपों की तरह यह भी अपनी जीभ हवा में लहराते हैं। जिसके बाद यह शिकार की गंध का पता लगाकर उनका पीछा करते हैं। लेकिन कई मामलों में ऐसा भी पाया गया है, कि इन जीवों के शिकार की तलाश पूरी भी नहीं होती, तो भी यह काफी लंबे समय तक बिना खाए पिए रह सकते हैं।
फेनेक फॉक्स-
सहारा डेसर्ट में पाई जाने वाली यह फॉक्स दुनिया की सबसे छोटी फॉक्स मानी जाती है, जो अपने बड़े कानों की वजह से दूर से ही पहचानी जा सकती है। इस लोमड़ी का रंग कुछ-कुछ लाल और हल्के रंग का होने के साथ-साथ इसकी पूछ पर काले धब्बे होते हैं। वहीं इस लोमड़ी को खाने में छोटे-मोटे कीडे़-मकौड़ों के साथ चिड़ियों के अंडे खाना भी पसंद होता है। इतना ही नहीं यह लोमड़ी अपना जीवन यापन करने के लिए पौधों की पत्तियां भी खा सकती है। वहीं फेनेक फॉक्स की लंबाई 2 से 3 फीट तक और इसका वजन 2.7Kg से लेकर 13.7kg तक हो सकता है। यह फेनेक फॉक्स 32 किलोमीटर पर आवर की तेज रफ्तार से भाग सकती है। हालांकि इतनी रफ्तार से दौड़ने के बाद भी यह फॉक्स कभी-कभी जानवरों का शिकार भी हो जाती हैं। जिनमें हाइना और ईगल से लेकर दूसरे जानवर भी शामिल हैं। वैसे फेनेक फॉक्स देखने में जितनी छोटी होती है, यह उतनी ही खूबसूरत भी होती है।
एडेक्स एंटिलोप (Sahara Desert Animals)-
सहारा रेगिस्तान में पाया जाने वाला यह हिरण विलुप्त होने की कगार पर है। इन हिरणों की संख्या 500 से भी कम है, इन्हें खाने में घास और पत्तियां पसंद होती है। वहीं इनकी खासियत इनके बड़े-बड़े सींग होते हैं, जो पीछे की तरफ मुड़े हुए होते हैं। वैसे इनके सिंह की लंबाई 72 सेंटीमीटर तक हो सकती है। जबकि दूसरे हिरण की प्रजातियों की तुलना में इन हिरण के पैर काफी छोटे होते हैं। वहीं उनके पैरों के नीचे का हिस्सा काफी बड़ा होता है। जिसकी मदद से रेगिस्तान में काफी आसानी से चल सकते हैं। वैसे यह हिरण ज्यादातर दिन के समय एक्टिव होते हैं और भोजन की तलाश करते हैं। क्योंकि इस वक्त मौसम काफी ठंडा रहता है। इनके शरीर का रंग गर्मियों के वक्त रेत की तरह होता है, जिसमें सफेद रंग की भी मिलावट होती है। जबकि सर्दियों में यह रंग बदलकर गहरा भूरा हो जाता है।
Dorcas Gazelle (Sahara Desert Animals)-
रेगिस्तान में रहने वाले हिरण, दुनिया में पाए जाने वाले हिरणों में सबसे छोटे हिरण की प्रजाति होते हैं। इनकी लंबाई 90 से 110 सेंटीमीटर तक हो सकती है। वहीं इनका वजन 15 से 20 किलो तक बढ़ सकता है। इन्हें खाने में पेड़ की पत्तियों के साथ-साथ फूल भी पसंद होते हैं, जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है, कि ज्यादातर रेगिस्तान में पाए जाने वाले जानवर यहां पानी की कमी की वजह से नमी वाले फूल पत्तियों को ही कहते हैं। जिससे खाने के साथ-साथ इनकी पानी की पूर्ति भी पूरी हो जाती है। वैसे यह हिरण पानी पिए बिना भी जिंदा रह सकते हैं। उनकी उम्र 15 वर्ष के आसपास रहती है। अक्सर यह हिरण झुंड में ही रहते हैं और एक झुंड में 100 के आसपास सदस्य हो सकते हैं। किसी शिकारी के हमला करने पर यह जीव तितर-बितर हो जाते हैं। लेकिन खतरे की संभावना कम होते ही एक बार फिर से झूंड में आ मिलते हैं।
कैमल्स (Sahara Desert Animals)-
सहारा डेज़र्ट में पाए जाने वाले यह कैमल 10 से 11.5 फीट तक बढ़ सकते हैं। वहीं इनका वजन 400 से लेकर 600 किलो तक हो सकता है। इन बड़े आकार के कैमल्स को खाने में अनाज पसंद होता है। इसके बाद यह एक दिन में सुखे और बंजर रेगिस्तान में 32 किलोमीटर से भी ज्यादा चल सकते हैं। इसी वजह इन कैमल्स को रेगिस्तान का जहाज के नाम से भी जाना जाता है और इतना चलने के बाद भी यह बिना खाए पिए भी हफ्तों तक जिंदा रह सकते हैं। लेकिन इन सारी खूबियो के बाद भी लोग इनका शिकार मीट के लिए करते हैं और कैमल को बहुत अजीब दिखने वाला जानवर मानते हैं। लेकिन आपको बता दें, कि कैमल एक अरेबिक वर्ड है, जिसका मतलब खूबसूरत होता है। वैसे अगर इनका सिकार ना किया जाए, तो यह 17 साल तक या उससे भी ज़्यादा समय तक ज़िंदा रह सकते हैं।
डेज़र्ट टॉरटॉइज़-
डेज़र्ट टॉरटॉइज़, आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया भर में पाए जाने वाले ज्यादातर कच्छुए पानी के आस-पास पाए जाते हैं। लेकिन यह डेज़र्ट टॉरटॉइज़ रेगिस्तान में पाया जाता है, जो पानी पिए बिना 1 साल या उससे भी ज्यादा समय तक जिंदा रह सकते हैं। हालांकि यह टॉरटॉइज़ पानी की तलाश में खुदाई करते हैं और उनकी यही तकनीक इन्हें गर्मी से निजात दिलाने में भी काम आती है। सहारा डेजर्ट में पाए जाने वाले इन टॉरटॉइज़ की उम्र 50 से 150 सालों तक हो सकती है। वहीं यह 4 से 6 इंच तक बढ़ सकते हैं। जबकि इनका वजन पॉइंट दो से 5 किलो तक हो सकता है। इन कछुआ को खाने में घास के साथ-साथ पत्तियां भी पसंद होती है। दिखने में यह ब्राउन और ग्रे कलर के होते हैं। रेगिस्तान में पाया जाने वाला यह कछुआ अपनी एक अलग पहचान रखता है।
Deathstalker Scorpion-
सहारा डेजर्ट में पाए जाने वाले डेथस्टॉकर स्कॉर्पियन सबसे ज़हरीले स्कॉर्पियन्स में से एक हैं। जिनमें खतरनाक न्यूरोटोक्सीन वेनम पाया जाता है, मतलब अगर यह आपको अगर डंक मार दे, तो आपको वोमिटिंग से लेकर हेडेक जैसी समस्या भी आ सकती है और हो सकता है, कि टाइम पर इलाज ना होने पर जान के लाले पड़ जाएं। सहारा डेजर्ट में पाए जाने वाले इन बिच्छू का रंग कुछ-कुछ पील होता है। इन्हें खाने में छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े के साथ-साथ पतंगे और झींगे भी पसंद होते हैं। वही लंबाई की बात की जाए तो स्कॉर्पियो 5.8 सेमी तक बढ़ सकते हैं। जबकि इनकी उम्र चार से लेकर 25 साल तक हो सकती है।
गोल्डन मोल-
अफ्रीका के रेगिस्तान में पाए जाने वाले यह जीव सुनहरे रंग के होते हैं, जो रेत के ऊपर चलने के साथ-साथ रेत के नीचे भी चलते हुए अपनी तेज़ रफतार को बरकरार रख सकते हैं। इनको देखकर लगता है की यह रेत के अंदर तैर रहे हैं। वैसे इस जीव की खोज 1825 के आसपास हुई थी। इन जीवों के शरीर पर कुछ-कुछ सुनहरे रंग के बाल होते हैं और यह बाल इतने ज्यादा बड़े होते हैं, कि इनसे इनकी आंखें भी ढक जाती है। लेकिन इन जीवों की सुनने की क्षमता काफी तेज होती है, इसी वजह से रेत में होने वाली किसी भी हलचल को यह बहुत ही जल्दी पहचान लेते हैं। जिसके बाद इस शिकार के करीब पहुंचकर उन पर हमला बोल देते हैं। वैसे यह जीव खतरनाक इसलिए भी हैं, क्योंकि रात के साथ-साथ दिन के समय में भी एक्टिव रहकर शिकार करते हैं। यह जीव 7.9 इंच से लेकर 9.4 इंच तक बड़े हो सकते हैं। वहीं इनका वजन 538 ग्राम तक हो सकता है।
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साइड वाइंडर स्नेक-
सहारा डेजर्ट में रहने वाले जीवों की बात की जाए और साइड वाइंडर स्नेक की बात ना हो यह दो असंभव है। क्योंकि यह सांप रेगिस्तान में रहने के साथ-साथ दुनिया का सबसे जहरीला सांप भी है, जो किसी भी इंसान को जान से मारने की काबिलियत रखता है। वैसे इस सांप को हॉम वाइपर्स के नाम से भी जाना जाता है। वैसे यह सांप ज़हरीले होने के साथ-साथ तेज़ रफ्तार से भाग भी सकता है। जहां दूसरे सांप सामने की तरफ आगे बढ़ते हैं, वहीं यह सांप तिरछा भगता है। दूसरे रेतिले जीवों की तरह ये सांप रेत के नीचे रहकर हमला करने के लिए जाना जाता है। जिसमें यह अपने शरीर का पूरा हिस्सा रेत के भीतर छुपा लेता है और सिर्फ अपनी आंखें ही बाहर रखता है।
जिससे की शिकार पर नजर रखी जा सके। जैसे ही कोई शिकारी सांप के करीब पहुंचता है, वैसे यह सांप शिकार को डंक मारने के बाद निगल जाता है। वैसे इस सांप को छिपकली और चूहों के साथ-साथ दूसरे छोटे जीव भी पसंद होते हैं। आप रेगिस्तान में पाए जाने वाले दूसरे जानवरों से तो बच सकते हैं। पर इस सांप के काटे से बचना आसान नहीं है। उम्मीद है आपको वीडियो पसंद आई होगी, तो जाते-जाते हमारे इस वीडियो को लाइक कर दें और हां अगर आपने अभी तक हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है, तो तुरंत कर दें और बैल आइकन को भी प्रेस कर दें ताकि आप तक हमारी वीडियो का नोटिफिकेशन जल्द से जल्द पहुंच जाए।
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