Election Commission: मंगलवार को चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों का जवाब मांगा है। केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग ने केजरीवाल को बुधवार शाम 8 बजे तक अपना जवाब देने के लिए कहा है। इससे पहले, आयोग ने हरियाणा सरकार से भी 28 जनवरी तक एक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। यह रिपोर्ट दिल्ली को आपूर्ति किए जाने वाले पानी में अमोनिया के बढ़े हुए स्तर के संबंध में थी।
केजरीवाल के विवादित बयान(Election Commission)-
27 जनवरी को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा था, "लोगों को पानी से वंचित करने से बड़ा कोई पाप नहीं है। भाजपा अपनी गंदी राजनीति के लिए दिल्ली के लोगों को प्यासा छोड़ने की कोशिश कर रही है। वह हरियाणा से भेजे जाने वाले पानी में जहर मिला रहे हैं।" उन्होंने आरोप लगाया, कि "यह दूषित पानी इतना जहरीला है, कि दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट इसे शुद्ध नहीं कर सकते। भाजपा दिल्ली के निवासियों की सामूहिक हत्या करना चाहती है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।"
AAP National Convener Arvind Kejriwal asked to substantiate with facts his serious and grave allegations of poisoning of Yamuna River and mass genocide. ECI Cites various judicial pronouncements and legal provisions that can lead to up to three years imprisonment for mischievous… pic.twitter.com/ORnyQDVNXA
— ANI (@ANI) January 28, 2025
हरियाणा सरकार का पलटवार-
सूत्रों की मानें, तो हरियाणा सरकार केजरीवाल के इन आरोपों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की योजना बना रही है। सरकार का मानना है कि ऐसे बेबुनियाद आरोप राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस विवाद का सीधा असर दिल्ली के आम नागरिकों पर पड़ रहा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में पानी की गुणवत्ता को लेकर चिंता बढ़ गई है।
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जल संकट-
कई इलाकों में लोग पीने के पानी की गुणवत्ता को लेकर आशंकित हैं। दोनों राज्यों को इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने के बजाय तकनीकी स्तर पर हल करने की जरूरत है। पानी जैसे बुनियादी मुद्दे को लेकर राजनीति करना उचित नहीं है। दिल्ली और हरियाणा दोनों को मिलकर एक स्थायी समाधान निकालना होगा।
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