Maha Kumbh Stampede: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर बुधवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई। त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान के लिए उमड़ी भारी भीड़ में भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालु घायल हो गए। ऐसा कहा जा रहा है, कि लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा होने के कारण बैरियर टूट गए और भगदड़ मची। जानकारी के मुताबिक, कम से कम 15 लोगों को मेला ग्राउंड के सेंट्रल हॉस्पिटल में लाया गया है। भगदड़ की स्थिति को देखते हुए मेला प्रशासन को श्रद्धालुओं को वापस भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा। मौनी अमावस्या के दूसरे शाही स्नान के दिन घाटों और त्रिवेणी संगम पर उमड़ी विशाल भीड़ को नियंत्रित करना प्रशासन के लिए मुश्किल हो गया।
लगातार अनाउंसमेंट(Maha Kumbh Stampede)-
पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लगातार अनाउंसमेंट की जा रही है, कि श्रद्धालु स्नान के बाद दूसरों के लिए घाटों को खाली करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर स्थिति की समीक्षा की और तत्काल सहायता उपाय करने के आदेश दिए हैं। आधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और अब तक योगी जी से दो बार बात कर चुके हैं।
सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन(Maha Kumbh Stampede)-
मौनी अमावस्या पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले से ही क्षेत्र में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन व्यवस्था को बढ़ा दिया था। सरकार ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है, कि वे सभी घाटों को संगम के समान मानें और किसी भी तरह की अफवाहों से बचें। प्रशासन हेलीकॉप्टरों से श्रद्धालुओं पर 25 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियां बरसाएगा।
15 करोड़ से ज़्यादा तीर्थयात्री-
पिछले 17 दिनों में, महाकुंभ मेला 2025 में 15 करोड़ से ज़्यादा तीर्थयात्री संगम और घाटों में पवित्र स्नान कर चुके हैं। अकेले मंगलवार को 4.8 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जो मकर संक्रांति के अमृत स्नान के 3.5 करोड़ के आंकड़े से अधिक है। दूसरे अमृत स्नान के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ क्षेत्र में 1,000 से अधिक चिकित्सा पेशेवरों को तैनात किया है और छोटी से बड़ी सर्जरी के लिए आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं स्थापित की हैं। इसके अलावा किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए महाकुंभ नगर के सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल में 300 विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी तैनात किया गया है।
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लक्ष्मी देवी-
जगतगुरु साईं मां लक्ष्मी देवी का कहना है, कि मौनी अमावस्या न केवल संतों के लिए बल्कि सभी हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है। माना जाता है, कि इस दिन पवित्र नदियों का जल अमृत में बदल जाता है। यह दिन आत्मा की बेहतरी और आध्यात्मिक विकास के लिए मौन रखने का विशेष अवसर माना जाता है। 12 साल बाद आयोजित महाकुंभ मेला 2025 की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी और यह 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा।
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