Yamuna Cleaning Campaign: दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने यमुना नदी की सफाई के लिए कठोर कदम उठाने की घोषणा की है। इसमें कार धोने वाले डिटर्जेंट और साबुन पर प्रतिबंध शामिल है जिससे नदी को प्रदूषण से बचाया जा सके। दिल्ली में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है। रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बनी यह सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। यमुना की सफाई दिल्ली चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा था, जिसके कारण भाजपा ने सत्ता में वापसी की थी। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद स्वीकार किया था कि उनकी सरकार यमुना को साफ करने में असफल रही थी।
पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि यमुना की सफाई के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, "यमुना मैया की सफाई हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हम इसके लिए छोटे से छोटे और बड़े से बड़े कदम उठाने को तैयार हैं।"
Yamuna Cleaning Campaign कार वॉश पर लगेगा प्रतिबंध-
प्रवेश वर्मा ने यमुना की सफाई के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए बताया कि सरकार शहर में कार वॉश उत्पादों पर प्रतिबंध लगाएगी। उन्होंने कहा, "कार-वॉश उत्पादों पर प्रतिबंध लगाना उन योजनाओं में से एक है जिसे हम शहर में लागू करना चाहते हैं। प्रतिबंध लागू करने के लिए हम नगर निगम की मदद लेंगे। हम यमुना की सफाई को लेकर बहुत गंभीर हैं और इसके लिए हमें सभी दिल्लीवासियों का सहयोग चाहिए।"
Yamuna Cleaning Campaign डिटर्जेंट से यमुना को हो रहा नुकसान-
दिल्ली सरकार की इस पहल के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। प्रवेश वर्मा ने विस्तार से बताया कि कार धोने के लिए इस्तेमाल होने वाले साबुन और डिटर्जेंट में फॉस्फेट और सर्फेक्टेंट होते हैं। जब कारों को पक्की सड़कों या ड्राइववे पर धोया जाता है, तो यह साबुन का पानी, गंदगी, ग्रीस और तेल के साथ नालियों में बह जाता है। शहरी क्षेत्रों में, ये नाले अक्सर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को बायपास करके सीधे यमुना या उसकी सहायक नदियों में मिल जाते हैं, जिससे नदी प्रदूषित होती है।
उन्होंने बताया, "डिटर्जेंट नदी के पानी में झाग पैदा करते हैं, जो पानी में ऑक्सीजन के स्तर को प्रभावित करते हैं। इसके परिणामस्वरूप मछलियां और अन्य जलीय जीव दम घुटने से मर जाते हैं। साबुन से निकले फॉस्फेट अत्यधिक शैवाल वृद्धि का कारण बन सकते हैं। इन शैवालों के सड़ने से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा और कम हो जाती है, जिससे बदबू आती है, पानी की गुणवत्ता घटती है और मछलियों की आबादी ऑक्सीजन के अभाव में मर जाती है।"
यमुना बचाओ अभियान की रणनीति-
दिल्ली सरकार ने यमुना की सफाई के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की है:-
- सबसे पहले, कारों की सफाई के लिए प्रयोग होने वाले डिटर्जेंट और साबुन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
- वाटर ट्रीटमेंट सेंटर के पास विशेष कार वॉश प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जहां कम कीमत पर एको-फ्रेंडली तरीके से कारें धोई जा सकेंगी।
- नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारी जन जागरूकता अभियान चलाएंगे और लोगों को इन डिटर्जेंटों से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान के बारे में शिक्षित करेंगे।
- बिना ब्रांड वाले या अमानक डिटर्जेंट पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा, क्योंकि इनमें हानिकारक रसायनों की मात्रा अधिक होती है।
"हम शहर में एक बड़ा जागरूकता अभियान चलाएंगे। अधिकारी लोगों के बीच जाकर उन्हें यमुना की सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी समझाएंगे। हम सभी दिल्लीवासियों से अपील करते हैं कि वे यमुना को बचाने के इस प्रयास में हमारा साथ दें," प्रवेश वर्मा ने कहा।
एक स्वच्छ भविष्य की ओर-
यह पहल न केवल यमुना की सेहत को बेहतर करेगी बल्कि दिल्ली के पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाएगी। यमुना नदी दिल्ली के लिए सिर्फ एक जल स्रोत ही नहीं, बल्कि इसका सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। प्रदूषण से मुक्त यमुना दिल्ली की जलवायु और जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ये भी पढ़ें- नायक नहीं खलनायक हूं मैं! RJD ने पटना में लगाए नीतीश कुमार के पोस्टर, जानें क्या है पूरा मामला
सरकार का यह कदम आम नागरिकों के दैनिक जीवन पर कुछ प्रभाव डाल सकता है, लेकिन दीर्घकालीन पर्यावरणीय लाभ इसे आवश्यक बनाते हैं। दिल्ली के नागरिकों को अपनी जीवनशैली में छोटे बदलाव करके इस अभियान का हिस्सा बनने और अपनी प्यारी यमुना मैया को बचाने में योगदान देने का अवसर मिला है। इस पहल के परिणाम जल्द ही दिखने की उम्मीद है। स्वच्छ यमुना न केवल दिल्ली के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण का निर्माण करेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य की गारंटी भी देगी।
ये भी पढ़ें- शराब पर रोक चाहते हैं 8 में से 7 भारतीय! जानिए क्यों फिर भी नहीं लग पाता बैन