Liquor Ban: शराबबंदी एक अजीब चीज है। एक तरफ राज्य सरकारें शराब से काफी पैसा कमाती हैं, दूसरी तरफ इसे पूरी तरह रोकना चाहती हैं। लेकिन कोई भी राज्य शराब को पूरी तरह रोक नहीं पाया है। इसके बावजूद, नए सर्वे में पता चला है कि ज्यादातर भारतीय चाहते हैं कि शराब की बिक्री पर रोक लग जाए। सर्वे में 82% लोगों ने कहा कि वे शराब पर बैन चाहते हैं।
इस इसमें 9,188 लोगों से 30 सवाल पूछे गए। ये सवाल लोगों के नियम पालन, सुरक्षा, लिंग भेदभाव और जाति-धर्म भेदभाव के बारे में थे। शराबबंदी का सवाल भी इन्हीं में से एक था। सर्वे में पूछा गया था कि क्या बिना टिकट यात्रा करना या रिश्वत देना ठीक है।
Liquor Ban किस राज्य में कितना समर्थन?
पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा लोग शराबबंदी चाहते हैं। वहां 91% लोगों ने कहा कि शराब की बिक्री पूरी तरह बंद होनी चाहिए। आंध्र प्रदेश में 42% लोग शराबबंदी के खिलाफ थे।
भारत में चार राज्य - बिहार, गुजरात, नागालैंड और मिजोरम - और लक्षद्वीप में शराब की बिक्री पर पाबंदी है। हालांकि नागालैंड में बाहर से शराब आ जाती है, इसलिए लोग इसे "सबसे गीला सूखा राज्य" कहते हैं। बिहार में कई लोग जहरीली देसी शराब पीकर मर जाते हैं। इंडिया टुडे के मुताबिक, सर्वे में 17% लोगों ने कहा कि वे शराबबंदी का समर्थन नहीं करते। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, 15 साल से ज्यादा उम्र की 1% महिलाएं और 19% पुरुष शराब पीते हैं।
Liquor Ban संविधान में क्या कहा गया है?
भारत के संविधान में राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों में शराबबंदी का जिक्र है। अनुच्छेद 47 कहता है कि "राज्य चिकित्सा उद्देश्यों के अलावा नशीली पेय और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दवाओं के सेवन पर रोक लगाने का प्रयास करेगा।" हर राज्य में कुछ दिन 'ड्राई डे' होते हैं, जैसे राष्ट्रीय छुट्टी के दिन, जब शराब की बिक्री पर रोक रहती है। ये दिन हर राज्य में अलग-अलग होते हैं।
Liquor Ban शराबबंदी वाले राज्यों में छूट-
शराबबंदी वाले कुछ राज्यों में छूट दी गई है। गुजरात ने 2023 में गांधीनगर के गिफ्ट सिटी में होटल, रेस्तरां और क्लब में शराब पीने की अनुमति दी। गुजरात आने वाले लोग अस्थायी शराब परमिट लेकर अधिकृत दुकानों से शराब खरीद सकते हैं। शराबबंदी एक राजनीतिक मुद्दा भी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब बंद करने का वादा किया था और इससे उन्हें महिला वोटरों का भारी समर्थन मिला।
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शराब की सबसे बड़ी समस्या-
शराब की सबसे बड़ी समस्या इसका गलत इस्तेमाल है। शराब पीकर घरेलू हिंसा होती है जिसका सबसे बुरा शिकार महिलाएं होती हैं। इंडिया टुडे के सर्वे में 82% लोग शराब की बिक्री पर रोक चाहते हैं। लेकिन अनुभव बताता है कि पूरी तरह शराबबंदी वास्तव में काम नहीं करती। कई बार लोग सर्वे में ऐसे जवाब देते हैं जो समाज में अच्छे माने जाते हैं। यही वजह है कि कोविड लॉकडाउन के दो महीने बाद जब शराब की दुकानें खुलीं तो वहां भारी भीड़ थी। सबसे अच्छा तरीका यह है कि लोगों को बताया जाए, कि शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और अगर पीना ही है तो 'जिम्मेदारी से पिएं'।
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