Sambhal Violence: मुगलकालीन जामा मस्जिद को लेकर न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा भड़क गई। जिसमें कम तीन लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हैं। सर्वेक्षण का आदेश वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर की गई याचिका के बाद आया गया है। जिसमें यह दावा किया गया है, कि मस्जिद पहले एक मंदिर थी। संभल जिला मजिस्ट्रेट ने एक अधिसूचना जारी कर, किसी भी बाहरी व्यक्ति, साjakमाजिक संगठन या फिर जनप्रतिनिधि को प्राधिकारियों के आदेश के बिना दंगाग्रस्त जिले में आने पर रोक लगा दी गई है। इसमें यह भी कहा गया है, संख्या 1992 न्यायिक सहायक धारा 163, 2024 दिनांक 1.10.2024 द्वारा जनपद संभल में भारतीय नागरिक संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत लागाई गई है, जो की 30 नवंबर तक रहेगी।
संभल जिले में एंट्री की परमिशन नहीं (Sambhal Violence)-
इसके साथ ही इसमें यह भी कहा गया, कि किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि को अधिकारी की अनुमति के बिना संभल जिले में एंट्री की परमिशन नहीं मिलेगी। यह आदेश तत्काल लागू किया जाएगा, इस आदेश का उल्लंघन करने वलों पर भारतीय दंड संहिता 2023 की धारा 233 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। वहीं एतिआत बरतते हुए पूरे जिले में इंटरनेट सेवाओं को 1 दिन के लिए लंबित किया गया है। हिंसा को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक नोटिस जारी कर नागरिकों को सोडा की बोतलें, पत्थर या किसी भी अन्य ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री अपनी छत पर रखने या फिर खरीदने से मना किया है।
नोटिस में चेतावनी (Sambhal Violence)-
स्थानीय SDM द्वारा जारी किए गए, नोटिस में चेतावनी दी गई है, कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं, की सड़कों पर पड़ी किसी भी निर्माण सामग्री को तुरंत जप्त कर लिया जाए। उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार की सुबह एक मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान कथित तौर पर झड़प और पथराव के बाद 20 लोगों को हिरासत में लिया गया। तनाव रविवार सुबह शुरू हुआ, जब बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के पास इकट्ठे हुए और जैसे ही सर्वेक्षण करने आए लोगों ने जामा मस्जिद में अपना काम शुरू किया, लोगों ने नारे लगाने शुरू कर दिए। प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगाने की कोशिश की और पुलिस पर भी पथराव किया।
आंसू गैस के गोले और लाठियों का इस्तेमाल-
इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तीतर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और लाठियों का इस्तेमाल किया। एक अधिकारी का कहना है, उन पर गोली चलाई गई और कुढ छर्रे हमारे पुलिसकर्मीयों को लगे हैं। हम जांच कर रहे हैं, की गोलियां कहां से चलाई गई। खासकर दीपा सराय इलाके से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव का माहौल बना हुआ है। क्योंकि एक स्थानीय अदालत के आदेश पर पिछले मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। एक याचिका में यह दावा किया गया था, कि उस स्थान पर हरिहर मंदिर हुआ करता था।
ये भी पढ़ें- क्या महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस होंगे अगले सीएम? BJP ने दावेदारी को लेकर…
पुलिस कर्मियों पर पथराव-
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है, कि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव किया और पुलिस ने स्थिति को कंट्रोल में लाने के लिए हल्के बाल का इस्तेमाल, करके आंसू गैस के गोले छोड़े। अधिकारियों ने पुलिस की टीम पर हुए पथराव की निंदा की और कहा, कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन में सभी को कानून और व्यवस्था के मुताबिक रहना होगा। योगेंद्र उपाध्याय ने कहा, कि मैं इस कार्यवाही की निंदा करता हूं। न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश को ना मानना सही नही है। न्यायालय के आदेश का पालन न करना, बहुत बड़ा अपराध है।
ये भी पढ़ें- Maharashtra Election Result: एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने क्यों उठाय EVM पर सवाल, पति फहाद अहमद की हार..