Congress
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    Congress: सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी के चेहरे वाले मुखौटे पहने, कांग्रेस सांसद मेनिक्कम टैगोर और सप्तगिरि शंकर उलकन समेत विपक्षी नेताओं ने अरबपति उद्योगपति से जुड़े अमेरिकी रिश्वत मामले की जांच की मांग को लेकर संसद में फिर से विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को टैगोर और शंकर उलकन की तस्वीर खींचते हुए देखा जा सकता है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में उनके संबंध के बारे में भी पूछा जा रहा है। राहुल गांधी द्वारा पूछे जाने पर की उनके कारण संसद में कार्यवाही क्यों रुकी है। सांसदों ने कहा, कि वह आज गायब हैं। अमित भाई आज सदन में नहीं आए हैं।

    प्रधानमंत्री मोदी का मुखौटा (Congress)-

    वहीं अडानी बनने का दिखावा करने वाले सांसद ने कहा, कि मैं जो भी कहता हूं, वह वही करते हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का मुखौटा पहने अपने सहयोगी की ओर इशारा किया। 20 नवंबर को सत्र शुरू होने के बाद से दोनों सदनों में लगातार हंगामे की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि विपक्षी अमेरिका में अडानी के खिलाफ रिश्वत के आरोपों पर चर्चा से बचने के लिए केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के सांसद सोमवार को विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और मामले की संयुक्त संसदीय जांच की मांग की।

    न्याय चाहिए के नारे-

    प्रदर्शनकारी सांसद मकर द्वारा के बाहर खड़े होकर मोदी और अडानी एक हैं और हमें न्याय चाहिए के नारे लगा रहे हैं। 6 दिसंबर को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, कि वह अडानी जांच को ना टालें और शीतकालीन सत्र में भाग लें। वहीं पिछले महीने अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी और उनके भतीजे पर सौर ऊर्जा अनुबंध जीतने के लिए भारतीय सरकार के अधिकारियों को 2020 और 2024 के बीच में ढाई सौ मिलियन डॉलर से ज्यादा की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। जिससे संभावित रूप से 2 मिलियन डॉलर से ज्यादा का लाभ हो सकता है।

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    अडानी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन (Congress)-

    अडानी समूह ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। सोमवार को अडानी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के अलावा विपक्षी नेताओं के भाजपा के खिलाफ उनके उस आरोप को लेकर राज्यसभा में प्रदर्शन किया, कि सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज स्वराज फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित एक संगठन से है, जिसने कश्मीर को भारत से अलग करने की विचार का समर्थन किया है। रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट में पार्टी ने कहा, कि सोनिया गांधी का इस मामले से जुड़ना भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दर्शाता है।

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