Mallikarjun Kharge
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Indian Alliance: लोकसभा चुनाव नजदीक है और इसी बीच मंगलवार को कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडिया ब्लॉक के प्रधानमंत्री पद के चेहरे को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद ही तय किया जाएगा। यह बयान तब आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से ही अगले 5 सालों के लिए अपने कार्यक्रम को लेकर तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें चुनाव जीतना होगा। पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में कर्नाटक के राज्यसभा सांसद ने कहा कि कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में कांग्रेस की विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से ही चीज़ें सकारात्मक और अच्छी नजर आ रही हैं। उनका कहना है कि हमारी को गारंटी योजनाओं साबित कर दिया है। लोग ऐसे कार्यक्रम और योजना चाहते हैं जिनमें चीज़ों की कीमतों में कमी जैसे लाभ है।

आत्मविश्वास और अहंकार-

उन्होंने मतदाताओं का ध्यान खींचा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के 400 सीटें जीतने के मोदी के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने ने कहा कि यह अहंकारी का प्रचार है। यह दर्शाना की सब कुछ मैं ही हूं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका कहना है कि यहां तक कि जिन नेताओं ने को सत्ता में आने का भरोसा है, वह भी इस तरह नहीं बोलेंगे। वह पहले से ही सब लोगों को बुलाकर अगले 5 साल के कार्यक्रमों के रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। इस तरह की आत्मविश्वास और अहंकार देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।

कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार-

वहीं यह देखते हुए साल 2004 में भी ऐसी ही स्थिति थी, जब बीजेपी ने दर्शाया था कि भारत चमक रहा था और अटल बिहारी बाजपेई सबसे उपयुक्त प्रधानमंत्री थे।आईसीसी प्रमुख का कहना है कि तब क्या हुआ, कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनी थी। वहीं एक बेहतर प्रधानमंत्री के रूप में अर्थव्यवस्था में तेजी देखी और उस समय बहुत सारी नीति और कार्यक्रम बने। वह एक बेहतर प्रशासक थे। उनका कहना है कि आपको भारतीय लोकतंत्र को कमजोर नहीं करना चाहिए। भारतीय मतदाता बहुत चतुर है। वह हर किसी को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। किसी गठबंधन में चर्चा और विचार विमर्श के माध्यम से आम सहमति बनाई जाती है।

प्रधानमंत्री कौन बनेगा-

खड़गे का कहना है कि नतीजे आने के बाद भारतीय गठबंधन इस बात पर चर्चा करेगा। किसका नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त व्यक्ति कौन होने वाला है। प्रधानमंत्री कौन बनेगा यह नतीजा आने के बाद ही पता चलेगा। पहले हमें चुनाव जीतना होगा, फिर गठबंधन सहयोगी क्या कहते हैं, उसके आधार पर भी चर्चा की जाएगी। सबसे पहले हमें चुनाव जीतने की जरूरत है। उनका कहना है कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहीं लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में खड़गे के दामाद राधा कृष्ण चुनाव लड़ रहे हैं। जहां पर खड़गे ने सील 2009 और 2014 में लोकसभा में सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था।

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अमेठी और रायबरेली-

लेकिन 2019 में भाजपा से हार गए थे। नेहरू गांधी परिवार के गढ़ अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस उम्मीदवारों के बारे में उन्होंने कहा कि वहां चुनाव बाद के चरणों में होंगे और इसीलिए अभी समय है, देखते हैं क्या होगा। राजनीति में कुछ हैरानी होना जरूरी है, हम चर्चा करेंगे फिर प्रतिक्रिया देंगे, कांग्रेस पार्टी एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है और उचित समय पर हम निर्णय लेंगे। यह भाजपा की तरह नहीं है, जहां हर चीज के लिए अंतिम फैसला मोदी का ही होता है। चुनावी बांड योजना से भाजपा को बहुत ज्यादा फायदा होने का आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा कि हर किसी को हमेशा समान स्वरूप उपलब्ध कराना चाहिए। लेकिन इसी योजना में कुल प्रदर्शित नहीं है, भाजपा ने व्यापारियों को धमकाने के साथ ही पैसे निकालने के लिए कह।

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