Vice President Salary: मंगलवार का दिन भारतीय राजनीति के लिए अहम है, क्योंकि आज देश के नए उप-राष्ट्रपति का चुनाव होगा। CP राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी में से कोई एक व्यक्ति देश के इस प्रतिष्ठित पद को संभालेगा। यह चुनाव उस समय हो रहा है, जब जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
नया उप-राष्ट्रपति न केवल संविधान के अनुसार, देश का दूसरा सबसे बड़ा पदाधिकारी होगा, बल्कि राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में भी काम करेगा। यह पद भारतीय लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और संसद की कार्यप्रणाली में केंद्रीय स्थान रखता है।
कोई अलग सैलरी नहीं-
उप-राष्ट्रपति का पद एक दुर्लभ संविधानिक पद है, जिसके लिए कोई अलग से तनख्वाह तय नहीं की गई है। यह बात शायद बहुत से लोगों को आश्चर्यजनक लगे, लेकिन यह सच्चाई है। सरकारी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है, कि उप-राष्ट्रपति के लिए कोई निश्चित वेतन का प्रावधान नहीं है।
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, एक सरकारी अधिकारी ने बताया, कि “उप-राष्ट्रपति के लिए कोई विशिष्ट वेतन का प्रावधान नहीं है, बल्कि उन्हें राज्यसभा के सभापति के रूप में उनकी भूमिका के अनुपात में पारिश्रमिक और लाभ मिलते हैं।”
राज्यसभा के सभापति को प्रति माह 4 लाख रुपये की तनख्वाह मिलती है। यही राशि उप-राष्ट्रपति को भी मिलती है। लेकिन एक दिलचस्प स्थिति यह है, कि अगर उप-राष्ट्रपति को कभी कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करना पड़े, तो वे राष्ट्रपति की तनख्वाह लेते हैं और उस दौरान राज्यसभा सभापति के रूप में काम करना बंद कर देते हैं।
शानदार सुविधाएं और भत्ते-
उप-राष्ट्रपति को सिर्फ वेतन ही नहीं, बल्कि कई शानदार सुविधाएं भी मिलती हैं। इन सुविधाओं में सरकारी आवास, चिकित्सा सुविधा, ट्रेन और हवाई यात्रा, लैंडलाइन और मोबाइल की सुविधा, व्यक्तिगत सुरक्षा और सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। ये सभी सुविधाएं पूरी तरह से मुफ्त होती हैं।
सरकारी आवास का मतलब है, कि उप-राष्ट्रपति को दिल्ली में एक बेहतरीन बंगला मिलता है। जहां वे अपने परिवार के साथ रह सकते हैं। चिकित्सा सुविधा में उन्हें और उनके परिवार को बेहतरीन इलाज मिलता है। यात्रा की सुविधा में वे देश भर में ट्रेन और हवाई जहाज से मुफ्त यात्रा कर सकते हैं।
व्यक्तिगत सुरक्षा का मतलब है, कि उन्हें 24 घंटे सुरक्षा मिलती है। इसके अलावा उनके काम में मदद के लिए सरकारी कर्मचारी भी उपलब्ध रहते हैं, जो उनके सभी ऑफिशियल काम में सहायता करते हैं।
रिटायरमेंट के बाद भी शानदार पेंशन और सुविधाएं-
उप-राष्ट्रपति के पद की सबसे खास बात यह है, कि रिटायरमेंट के बाद भी वे काफी अच्छी सुविधाओं के हकदार होते हैं। पूर्व उप-राष्ट्रपति को हर महीने लगभग 2 लाख रुपये की पेंशन मिलती है। यह राशि आज के समय में काफी अच्छी मानी जाती है।
इसके अलावा उन्हें टाइप-8 श्रेणी का एक बंगला भी मिलता है, जो सरकारी आवास होता है। साथ ही उनके काम में मदद के लिए कई कर्मचारी भी दिए जाते हैं। इनमें व्यक्तिगत सचिव, अतिरिक्त सचिव, निजी सहायक, चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारी और चार अटेंडेंट्स शामिल हैं।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है, कि अगर किसी पूर्व उप-राष्ट्रपति की मृत्यु हो जाए, तो उनकी पत्नी को जीवनभर के लिए टाइप-7 श्रेणी का घर मिल जाता है। यह व्यवस्था दिखाती है, कि सरकार अपने पूर्व उच्च पदाधिकारियों और उनके परिवारों का कितना ख्याल रखती है।
धनखड़ साहब का पेंशन मामला-
जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद एक दिलचस्प बात सामने आई है। उन्होंने राजस्थान में पूर्व विधायक के रूप में पेंशन के लिए आवेदन दिया है। धनखड़ ने 1993 से 1998 तक किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के MLA के रूप में प्रतिनिधित्व किया था।
74 वर्षीय धनखड़ जुलाई 2019 तक पूर्व विधायक के रूप में पेंशन के हकदार थे, लेकिन जब वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने, तो यह पेंशन बंद हो गई थी। अब एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, वे पूर्व विधायक के रूप में प्रति माह 42,000 रुपये की पेंशन के हकदार हैं।
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लोकतंत्र में उप-राष्ट्रपति की भूमिका-
उप-राष्ट्रपति का पद की बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं। राज्यसभा के सभापति के रूप में वे संसद की कार्यप्रणाली में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। वे राज्यसभा की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं और सदन में अनुशासन बनाए रखने की जिम्मेदारी उनकी होती है।
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