Unnao Rape Case: 2017 के उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे भाजपा के निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबित किए जाने के बाद पीड़िता, उसकी मां और एक महिला एक्टिविस्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने पीड़िता, उसकी मां और एक्टिविस्ट योगिता भयाना को प्रदर्शन स्थल से हटा दिया। यह मामला एक बार फिर न्याय व्यवस्था और पीड़ितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करता है।
हाई कोर्ट ने क्यों निलंबित की सजा-
दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर की सजा तब तक के लिए निलंबित कर दी, जब तक उसकी अपील पर फैसला नहीं हो जाता। उसने दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा और अपराध साबित होने को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने अपने 53 पेज के फैसले में कहा, कि सेंगर को जेल में रखना संविधान के अनुच्छेद 21 यानी जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा का उल्लंघन होगा, क्योंकि वह पहले ही लगभग सात साल पांच महीने जेल में बिता चुका है। हालांकि, सेंगर जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह पीड़िता के पिता की मौत के मामले में भी 10 साल की सजा काट रहा है और उस केस में उसे जमानत नहीं मिली है।
#WATCH | Delhi: Police remove 2017 Unnao rape case victim, her mother, and women activist Yogita Bhayana from the protest site near India Gate.
They were holding a protest against the Delhi High Court's order suspending the sentence of 2017 Unnao rape case accused, Kuldeep… https://t.co/RTtewzObCz pic.twitter.com/Stuv4unBor
— ANI (@ANI) December 23, 2025
कड़ी शर्तों के साथ मिली राहत-
कोर्ट ने सेंगर पर कई शर्तें लगाई हैं। उसे 15 लाख रुपये का व्यक्तिगत बॉन्ड और तीन जमानतदार देने होंगे। कोर्ट ने उसे दिल्ली में पीड़िता के घर की पांच किलोमीटर की परिधि में नहीं आने और उसे या उसकी मां को धमकी न देने का निर्देश दिया है। किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द हो जाएगी। इसके अलावा, सेंगर को अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करना होगा और हर सोमवार सुबह 10 बजे स्थानीय पुलिस स्टेशन में हाजिर होना होगा।
#WATCH | Delhi: 2017 Unnao rape case victim, her mother, and women activist Yogita Bhayana hold a protest at India Gate against the Delhi High Court's order suspending the sentence of 2017 Unnao rape case accused, Kuldeep Singh Sengar. pic.twitter.com/GnaGhZGvM6
— ANI (@ANI) December 23, 2025
पीड़िता की चिंताएं और सुरक्षा का सवाल-
उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, कि वह फैसले से संतुष्ट नहीं है। उसने कहा, कि उसके छोटे बच्चे हैं, घर में बुजुर्ग, दिव्यांग सास और पति हैं और उसके बच्चों की सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता है। उसने आरोप लगाया, कि ट्रायल के दौरान उसके परिवार को बार-बार कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े और सवाल उठाया, कि परिवार के सदस्यों, कानूनी सहायकों और गवाहों को दी गई सुरक्षा कवर क्यों वापस ले ली गई।
#WATCH | Delhi: On Delhi HC suspending the sentence of 2017 Unnao rape case accused, Kuldeep Singh Sengar, the victim says, "I heard the judgement, I felt very bad. I wanted to kill myself then and there, but I stopped after thinking about my family. Injustice has been done to… pic.twitter.com/qXnBDFNa8l
— ANI (@ANI) December 23, 2025
पीड़िता ने कहा, कि आमतौर पर बहस समाप्त होने के दो-तीन दिन में फैसला सुना दिया जाता है, लेकिन इस मामले में तीन महीने बाद फैसला आया। उसने आरोप लगाया, कि फैसले से पहले ही परिवार और गवाहों की सुरक्षा वापस ले ली गई थी। उसने कहा, कि जिस गंभीर अपराध में उसके पिता की हत्या हुई और उसके साथ रेप हुआ, उसमें आरोपी को कुछ साल जेल में बिताने के बाद जमानत मिल जाती है, तो यह सवाल उठता है, कि यह कैसा न्याय है।
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क्या था मामला-
सेंगर ने 2017 में नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ रेप किया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 1 अगस्त 2019 को रेप केस और अन्य संबंधित मामलों को उत्तर प्रदेश की ट्रायल कोर्ट से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने पीड़िता की जान के खतरे की आशंका पर कहा, कि उम्मीद है, कि उसे सीआरपीएफ कवर मिलता रहेगा।
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