Gaganyaan Mission: मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान में जाने वाले चार अंतरिक्ष यात्रियों के नाम की घोषणा कर दी है। ग्रुप कैप्टन प्रशांत कुमार, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्ण और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 4 साल पहले ही शॉर्ट लिस्ट किए गए थे। यह चारों बेंगलुरु में एयरक्राफ्ट और सिस्टम टेस्टिंग एस्टेब्लिश में से भारतीय सेवा के परीक्षण पायलट हैं। समाचार वेबसाइट TOI के मुताबिक, मंगलवार को रिपोर्ट दी गई थी, कि निर्वाचित अंतरिक्ष यात्री प्रशांत नायर, अजीत कृष्ण और अंगद प्रताप है। जिनकी घोषणा पीएम मोदी ने की थी। लेकिन चौथे नाम के बारे में परीक्षण पायलट चौहान चयनित में से नहीं है।
तीन महत्वपूर्ण परियोजनाएं राष्ट्रीय को समर्पित-
इसरो के अध्यक्ष का कहना है कि तीन महत्वपूर्ण परियोजनाएं राष्ट्रीय को समर्पित की जा रही है, जो कि समय पर पूरी हो चुकी है। यह इसरो के बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण वृद्धि का प्रतीक है। हमने इसरो द्वारा विशेष रूप से चंद्रयान-3 और आदित्य एल वन जैसे विष्णु को जबरदस्त प्रगति की है। जिसने दुनिया को भारत की ओर देखने के लिए मजबूर कर दिया है। सार्वजनिक किए गए 2047 के विषय में भारत को विकसित भारत बनाने की महत्वपूर्ण परियोजना है।
इसरो के लिए स्वर्णिम दिन-
सोमनाथ ने जिन परियोजनाओं का उल्लेख किया है वह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी के एकीकरण सुविधा, महेंद्र गिरी में इसरो प्रणव्दान परिसर में अर्थ करायोजेनिक एकीकृत इंजन चरण प्रशिक्षण सुविधा और वीएसएससी में ट्राईसोनिक पवन सुरंग है। उन्होंने कहा इसरो के लिए यह स्वर्णिम दिन है। प्रधानमंत्री हमारे बीच में हैं और यह पहली बार है, जब कोई प्रधानमंत्री 40 वर्षों में इसरो की इस सुविधा का दौरा कर रहा है। पहली बार 2019 में गगनयान के लिए चुने गए, सभी अंतरिक्ष यात्री परीक्षण पायलट होंगे।
भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन-
क्योंकि यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है। उसकी विशेषज्ञता के आधार पर परीक्षण पायलट को हमेशा उन सभी चीजों का गहराई से अध्ययन करने के लिए बुलाया गया है, जो संभावित रुप से गलत हो सकती हैं। किसी ऐसी चीज में जिसे पहले आजमाया नहीं गया। जबकि बड़ी संख्या में परीक्षण पायलटो ने अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए नामांकन किया था। उनमें से 12 ने बेंगलुरु में सितंबर 2019 में पूरे हुए चयन के पहले स्तर को प्राप्त कर लिया। यह चयन भारतीय वायु सेना के तहत एक संस्थान इंस्टीट्यूट आफ एयरोस्पेस मेडिसिन में किया गया था।
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विभिन्न प्रशिक्षण मॉड्यूल-
इस चैन के कई दौर के बाद आईएसएम और इसरो ने अंतिम चार को शॉर्ट लिस्ट किया। 2020 की शुरुआत में इसरो ने चार परीक्षण पायलटो को प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिए भेजा था, जो की कोविड-19 की वजह से कुछ देरी के बाद 2021 में पूरा हुआ। चारों भारत में तब से ही विभिन्न प्रशिक्षण मॉड्यूल से गुजर रहे हैं। इसरो ने इसके लिए सशस्त्र बलों समेत एजेंसियों के साथ समझौता भी किया है। इसरो अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र को प्रशिक्षण के लिए विभिन्न सिम्युलेटरों से लैस करने पर भी काम कर रहा है। वह फिट रहने के लिए भारतीय वायु सेना के साथ अपनी नियमित उड़ान भी जारी रख रहे हैं। जबकि अन्य फिटनेस व्यवस्थाएं भी उनके डेली रुटीन का हिस्सा हैं।
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