Mallikarjun Kharge
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Mallikarjun Kharge: रविवार को भाजपा के नारे मोदी की गारंटी पर आपत्ति जताते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के तानाशाही की और बढ़ने का संकेत है। समाज कल्याण विभाग द्वारा कर्नाटक में आयोजित संविधान और राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब लोगों ने इस वित्त पोषित किया है, तो इसे मोदी की गारंटी कैसे कहा जा सकता है। हम कर चुकाते हैं, यह जनता की गारंटी है। यह मोदी की गारंटी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इसे भारत सरकार की गारंटी भी कहा जा सकता है।

तानाशाही की ओर बढ़ने के संकेत-

प्रधानमंत्री मोदी को मैं, मैं, मैं कहने की आदत हो गई है। यह तानाशाही की ओर बढ़ने के संकेत हैं। जिन देशों में लोग अपने अधिकारों के लिए लड़ते हैं. वहां लोकतंत्र बचा हुआ है। कांग्रेस नेता का कहना है कि अगर अधिकारों की अनदेखी की जाती है तो तानाशाही आसान्न हो जाती है। चुनाव में बीजेपी को कथित तौर पर व्यापक खरीद-फरोक्त से मदद मिलने पर चिंता जताते हुए, उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकतें भारतीय संविधान और लोकतंत्र के लिए नुकसान हैं। जब कोई पार्टी बहुमत में आ जाती है तो विधायकों को खरीद लिया जाता है।

शिविर बदलने के लिए धमकाने का भी आरोप-

कर्नाटक, मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड में हुए ऐसे प्रयोग पर उन्होंने भाजपा पर लोगों को शिविर बदलने के लिए धमकाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा है कि भारत ने कई बार अपनी आजादी खोई है। अंबेडकर ने हमें चेतावनी दी है कि हमने अतीत में कई बार स्वतंत्रता खो दी है और अगर हम इसे फिर से खो देते हैं, तो हम इसे वापस नहीं ले पाएंगे। हमें इसका दृढ़ता पूर्वक बचाव करना होगा। जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग को चुनावी प्रक्रिया में उल्लंघनों पर ध्यान देना चाहिए।

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स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव-

जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव मिल रहा है। नहीं तो एक समय ऐसा आएगा जब संविधान या जिस विविधता का हम आनंद ले रहे हैं, उसके जैसा कुछ नहीं बचेगा। सीपीआई नेता सीताराम का कहना है कि बीजेपी की योजना भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को फासीवादी हिंदुत्व राज्य में बदलने की है। जैसे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कल्पना थी, उन्होंने कहा कि वह मनुस्मृति पर आधारित सरकार चाहते हैं। जिससे कि देश में जातिगत उत्पीड़न और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।

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