Supreme Court
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    Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एक एनआरआई के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है, जिसे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था और देश से बाहर जाने से रोका गया था। अदालत के पास उसका पासपोर्ट था, लेकिन फिर भी वह अमेरिका भाग गया। अब अदालत ने गृह मंत्रालय को उसकी गिरफ्तारी और उसकी मदद करने वालों की जांच के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है। मनीष छोकर के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चल रहा था, क्योंकि उसने अपनी 10 वर्षीय बेटी की कस्टडी अपनी पूर्व पत्नी को सौंपने से इनकार कर दिया था, जो उनके तलाक के मामले में समझौते का हिस्सा था।

    Supreme Court के पास-

    अदालत ने कहा है कि वह हैरान है कि आरोपी कैसे अमेरिका या किसी अन्य देश में बिना पासपोर्ट के गए, जबकि उसका पासपोर्ट अदालत के पास था। अदालत ने कहा है कि अब उसके पास कोई विकल्प नहीं है और उसने आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह आदेश तब आया जब वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने अदालत को बताया कि आरोपी एक विदेशी देश में चला गया है। अदालत ने कहा है कि वह जानना चाहती है कि आरोपी को देश से बाहर जाने की अनुमति कैसे दी गई और किन अधिकारियों ने इसमें मदद की।

    अदालत की अवमानना का मामला (Supreme Court)-

    मनीष छोकर के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चल रहा था, क्योंकि उसने अपनी 10 वर्षीय बेटी की कस्टडी अपनी पूर्व पत्नी को सौंपने से इनकार कर दिया था। दोनों ने 8 फरवरी, 2006 को शादी की थी और अमेरिका में रहने लगे थे, जहां उनकी एक 10 वर्षीय बेटी है। लेकिन शादी के दौरान तनाव के कारण, आदमी ने 12 सितंबर, 2017 को मिशिगन, अमेरिका में एक अदालत से तलाक का फैसला किया। उसकी पत्नी ने भारत में अपने पति के खिलाफ कई कार्यवाही शुरू कीं। 21 अक्टूबर, 2019 को अदालत के सामने एक समझौता हुआ, जिसमें एक शर्त यह थी कि आदमी को बच्चे की कस्टडी अपनी पूर्व पत्नी को सौंपनी होगी। लेकिन जब उसने ऐसा नहीं किया, तो अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू हुई।

    सुनवाई और आदेश-

    अदालत ने 26 सितंबर, 2022 और 10 नवंबर, 2022 को आदेश दिए, जिसमें आदमी को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था। वह 13 दिसंबर, 2022 को वर्चुअल रूप से पेश हुआ। 17 जनवरी, 2024 को अदालत ने उसे सभी कार्यवाही में उपस्थित रहने के लिए कहा, लेकिन वह 22 और 29 जनवरी को हुई सुनवाई में नहीं आया। अदालत ने कहा है कि वह जानना चाहती है कि आदमी को देश से बाहर जाने की अनुमति कैसे दी गई और किन अधिकारियों ने इसमें मदद की। अदालत ने गृह मंत्रालय को उसकी गिरफ्तारी और उसकी मदद करने वालों की जांच के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है।

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    सुप्रीम कोर्ट सख्त-

    सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना के मामले में सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने कहा है कि वह अदालत की अवमानना के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बर्दाश्त करेगी। अदालत ने कहा है कि वह जानना चाहती है कि आदमी को देश से बाहर जाने की अनुमति कैसे दी गई और किन अधिकारियों ने इसमें मदद की। अदालत ने गृह मंत्रालय को उसकी गिरफ्तारी और उसकी मदद करने वालों की जांच के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है।

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