Sonia Gandhi: हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद के संयुक्त सत्र में दिए गए भाषण पर, कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कुछ ऐसा कहा, जिसकी वजह से सियासी गलियारों में हंगामा मचा हुआ है। दरअसल सोनिया गांधी अपने बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ, रविवार को संसद में द्रौपदी मुर्मू के भाषण के दौरान मौजूद थीं। उस समय सोनिया गांधी ने टिप्पणी की, कि राष्ट्रपति "अच्छी तरह से बोल नहीं पा रही थीं, बेचारी।" उनके इस बयान की भाजपा ने कड़ी निंदा की। भाजपा ने इसे एक अवमाननापूर्ण टिप्पणी करार दिया, विशेष रूप से एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता की ओर से, जो पहले पार्टी की अध्यक्ष रह चुकी हैं।
राष्ट्रपति की स्थिति पर सवाल(Sonia Gandhi)-
उनके इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने उनकी टिप्पणी की निंदा की। भाजपा सांसद सुकांता मजूमदार ने कहा, "यह एक अपमानजनक टिप्पणी थी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे नेताओं को ऐसे समय में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, खासकर जब बात राष्ट्रपति की हो। द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी परिवार से हैं और अब वह हमारे देश की पहली नागरिक हैं। यह कांग्रेस का जमींदारी मानसिकता है, जो इस बात को स्वीकार नहीं करती। इसलिए वह उनके भाषण का विरोध कर रहे हैं।"
राष्ट्रपति का भाषण(Sonia Gandhi)-
दरअसल द्रौपदी मुर्मू के भाषण ने बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत की, जिसमें उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया, कि सरकार समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, हमारा एक ही लक्ष्य है, विकसित भारत बनाना। उन्होंने सैचुरेशन एप्रोच पर ज़ोर दिया, जिसका अर्थ है कि किसी को भी विकास के इस सफर में पीछे न छोड़ा जाए।
Addressing a joint sitting of Parliament, President Murmu says, "We have only one aim to become Viksit Bharat." pic.twitter.com/U3GNjls2eS
— ANI (@ANI) January 31, 2025
राष्ट्रपति ने कहा, "मेरी सरकार काम कर रही है, जिससे कोई भी व्यक्ति इस यात्रा में पीछे न रहे। हम अपनी सभी योजनाओं को लागू कर रहे हैं ताकि सभी वर्गों का विकास हो सके।" उन्होंने आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों की भी प्रशंसा की, खासकर रक्षा क्षेत्र में।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनका उद्देश्य हमेशा से एकता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना रहा है। लेकिन अब उनके एक नेता की टिप्पणी ने न केवल पार्टी को बल्कि सभी कांग्रेस समर्थकों को कठिन स्थिति में डाल दिया है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस निर्भरता को दूर करने के लिए एक सार्वजनिक बयान देने की ज़रूरत बताई।
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इस विवाद के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं। समर्थन और विरोध दोनों ही पक्षों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां कुछ सोनिया गांधी की टिप्पणी की निंदा कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे एक सामान्य टिप्पणी मानते हैं।
इकोनॉमिक सर्वे 2024-25-
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 पेश किया। यह सर्वे हर साल केंद्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाता है और यह देश की आर्थिक स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को अब्ज़ोब करता है। इस बार सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है, कि भारत की जीडीपी वित्तीय वर्ष 2026 में 6.3% से 6.8% के बीच बढ़ेगी। बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक दो चरणों में चलेगा। पहला चरण 13 फरवरी को समाप्त होगा, जबकि दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा।
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