Anurag Thakur: गुरुवार को लोकसभा में एक अप्रत्याशित विवाद सामने आया, जब भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर ने तृणमूल कांग्रेस के सांसदों पर संसद भवन के अंदर ई-सिगरेट पीने का गंभीर आरोप लगाया। अनुराग ठाकुर ने सीधे स्पीकर ओम बिरला से सवाल किया, कि क्या उन्होंने सदन के अंदर ई-सिगरेट की अनुमति दी है। उन्होंने कहा, कि टीएमसी के सांसद लगातार संसद में वेपिंग कर रहे हैं।
ठाकुर ने अपनी बात रखते हुए कहा, कि देश में ई-सिगरेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध है और यह एक गंभीर मामला है। उनके इस आरोप के बाद सदन में हंगामा मच गया और कई बीजेपी सांसदों ने विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान सदन में जोरदार विरोध प्रदर्शन भी हुआ।
स्पीकर ओम बिरला का सख्त रुख-
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस मामले पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया, कि संसद में ई-सिगरेट की किसी भी तरह की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, कि सभी सांसदों से अपेक्षा की जाती है, कि वे नियमों का पालन करें। स्पीकर ने यह भी कहा, कि अगर ऐसी कोई बात सामने आती है, तो वह सख्त कार्रवाई करेंगे। बिरला ने सदन में शांति की अपील करते हुए, सभी सदस्यों को संसदीय मर्यादा बनाए रखने की याद दिलाई।
VIDEO | Speaking in Lok Sabha, BJP MP Anurag Thakur (@ianuragthakur) says, “I just want to request something so that the House knows. E-Cigarettes are banned in the country. Have you (Speaker) allowed it in the House? TMC MPs are using e-cigarettes in the House.”
— Press Trust of India (@PTI_News) December 11, 2025
Speaker Om… pic.twitter.com/cVI4coJtUB
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया, कि अगर इस बारे में कोई लिखित शिकायत दी जाती है, तो वह उचित कार्रवाई करेंगे। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, स्पीकर ने यह भी बताया, कि भारत में ई-सिगरेट कई सालों से प्रतिबंधित है और इसका उपयोग कानूनी रूप से गलत है।
TMC की चुप्पी और आगे की कार्रवाई-
अब तक तृणमूल कांग्रेस ने इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। पार्टी के सांसदों ने भी इन आरोपों पर अपनी सफाई नहीं दी है। यह मामला संसदीय शिष्टाचार और नियमों के उल्लंघन से जुड़ा हुआ है, जो काफी गंभीर माना जा रहा है।
ये भी पढ़ें- Explained: क्या है Tirupati का ‘नकली सिल्क दुपट्टा’ विवाद? जिससे श्रद्धालु हुए नाराज
विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच यह नया विवाद संसद के सुचारू संचालन में बाधा बन सकता है। अब देखना यह होगा, कि क्या इस मामले में कोई लिखित शिकायत दर्ज की जाती है और स्पीकर क्या कार्रवाई करते हैं। यह घटना एक बार फिर संसद में अनुशासन और नियमों के पालन के महत्व को रेखांकित करती है।
ये भी पढ़ें- क्या भारत में महिलाओं के लिए कोई जगह है सुरक्षित? Delhi के वायरल वीडियो ने छेड़ी बहस



