Rithala Metro Station Fire
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    Rithala Metro Station Fire: शुक्रवार देर रात राजधानी दिल्ली के रीठाला मेट्रो स्टेशन के पास बंगाली बस्ती में एक भयानक आग लगने से दो लोगों की जान चली गई। यह हादसा एक बार फिर राजधानी की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले गरीब लोगों की असुरक्षित जिंदगी की तरफ इशारा करता है। घटना इतनी भयावह थी, कि फायर ब्रिगेड को स्थिति को काबू में करने के लिए 29 दमकल गाड़ियां भेजनी पड़ीं।

    परिवारों पर टूटा दुख का पहाड़-

    इस दर्दनाक हादसे में अपनी जान गंवाने वालों की पहचान 30 वर्षीय राजेश और 30 वर्षीय मुन्ना के रूप में हुई है। राजेश को गंभीर रूप से झुलसी हालत में सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं, मुन्ना का शव आग लगने वाली जगह से ही बरामद किया गया और स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया। दोनों की मौत से उनके परिवारों पर दुख का पहाड टूट पड़ा है।

    400-500 झुग्गियां जलकर खाक-

    दिल्ली फायर सर्विस के अनुसार, शुक्रवार रात करीब 10:56 बजे दिल्ली जल बोर्ड के स्टाफ क्वार्टर्स के पास, सेक्टर-5, रोहिणी में बनी अस्थायी झुग्गियों में अचानक आग की लपटें उठीं। यह इलाका रीठाला मेट्रो स्टेशन के बिल्कुल नजदीक है। आग की तेजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि करीब 400 से 500 झुग्गियां पूरी तरह से जलकर राख हो गईं। कई परिवारों की छत, सामान और यादें सब कुछ इस आग की भेंट चढ़ गए।

    29 फायर टेंडर्स और रोबोट्स की मदद से काबू में आई आग-

    आग की सूचना मिलते ही दिल्ली फायर सर्विस ने तुरंत कार्रवाई की और मौके पर 29 दमकल गाड़ियां भेज दीं। डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर एसके दुआ समेत कई सीनियर अधिकारियों की निगरानी में फायर फाइटिंग रोबोट्स और स्पेशल व्हीकल्स को भी तैनात किया गया। आग की तेजी को देखते हुए इसे ‘मीडियम’ कैटेगरी का घोषित किया गया।

    डीसीएफओ एसके दुआ ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, “हमें सूचना मिली कि रीठाला मेट्रो स्टेशन और दिल्ली जल बोर्ड के बीच स्थित बंगाली बस्ती की झुग्गियों में आग लग गई है। मौके पर दमकल गाड़ियां भेजी गईं और आग की तीव्रता को देखते हुए इसे मीडियम कैटेगरी का घोषित किया गया।”

    फायरफाइटर्स की मेहनत और समर्पण के बाद शनिवार सुबह जाकर आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि, तब तक नुकसान काफी हो चुका था। सैकड़ों परिवार बेघर हो चुके थे और दो परिवारों ने अपने प्रियजनों को हमेशा के लिए खो दिया।

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    झुग्गी बस्तियों में आग का खतरा क्यों बना रहता है?

    दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में आग लगने की घटनाएं दुर्भाग्य से आम हो गई हैं। इसकी कई वजहें हैं – घनी आबादी, बेहद पास-पास बनी झुग्गियां, कच्चे मकान जो आसानी से आग पकड़ लेते हैं, खुले तारों से बिजली कनेक्शन और गैस सिलेंडर का असुरक्षित इस्तेमाल। एक झुग्गी में आग लगने पर वह तेजी से दूसरी झुग्गियों में फैल जाती है, क्योंकि इनके बीच कोई सेफ्टी गैप नहीं होता।

    इसके अलावा, ठंड के मौसम में लोग अलाव जलाकर या हीटर के जरिए गर्मी लेते हैं, जो कई बार दुर्घटना का कारण बन जाता है। फायर सेफ्टी के इंतजाम न होना और संकरी गलियों में दमकल गाड़ियों का समय पर न पहुंच पाना भी इन हादसों को और भयावह बना देता है।

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