Ravi Modi Manyavar: कामयाबी की कहानियां अक्सर चुपचाप लिखी जाती हैं, दूर किसी कोने में जहां शोर-शराबा नहीं होता। रवि मोदी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। एक छोटी सी दुकान से शुरुआत करने वाले रवि आज भारत के सबसे बड़े एथनिक वियर ब्रांड मान्यवर के मालिक हैं। उनकी कहानी सिर्फ पैसों की नहीं, बल्कि हिम्मत, समझदारी और भारतीय ग्राहकों को समझने की है। आइए जानते हैं, कैसे 10,000 रुपये से शुरू हुआ सफर आज अरबों तक पहुंच गया।
13 साल की उम्र में संभाली जिम्मेदारी-
रवि मोदी का बिजनेस से नाता बचपन से ही जुड़ गया था। महज 13 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता की छोटी सी कपड़ों की दुकान में काम करना शुरू कर दिया। वहां उन्होंने कपड़ों की बारीकियां समझीं, ग्राहकों से बात करना सीखा और मार्केट के उतार-चढ़ाव को करीब से देखा। वो दिन उनके लिए स्कूल की तरह थे जहां असली बिजनेस की पढ़ाई हो रही थी।
कपड़े की दुनिया में बिताए उन सालों ने उन्हें वो समझ दी, जो किसी किताब से नहीं मिल सकती थी। जब मन में अपना कुछ करने का जज्बा जागा, तो उन्होंने अपनी मां से 10,000 रुपये उधार लिए और अपना छोटा सा कपड़ों का कारोबार शुरू किया। उस वक्त शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि ये 10,000 रुपये एक दिन करोड़ों के साम्राज्य की नींव बन जाएंगे।
मान्यवर का जन्म और बड़ा सपना-
साल 2002 में रवि मोदी ने कोलकाता में वेदांत फैशन्स की शुरुआत की। कंपनी का नाम उन्होंने अपने बेटे के नाम पर रखा। उनका विजन बिल्कुल साफ था, पारंपरिक भारतीय कपड़ों को मॉडर्न तरीके से पेश करना। इसके बाद उन्होंने मान्यवर ब्रांड लॉन्च किया, जो खासतौर पर मेंस एथनिक वियर पर फोकस करता था। शादी-ब्याह और त्योहारों के लिए परफेक्ट कपड़े – यही था, मान्यवर का यूएसपी। लेकिन मार्केट में जगह बनाना आसान नहीं था। कॉम्पटीशन जबरदस्त था और चुनौतियां हर कदम पर। फिर भी रवि मोदी ने हार नहीं मानी और धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई।
उनकी ग्रोथ स्ट्रैटेजी काफी स्मार्ट थी। उन्होंने समझा, कि ब्रांड को लोगों तक पहुंचाना है, तो उसे हर जगह दिखना होगा। आज वेदांत फैशन्स के भारत में 263 शहरों में 660 से ज्यादा स्टोर हैं। सिर्फ इंडिया ही नहीं, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी उनकी 17 दुकानें हैं। 2011 में दुबई में पहली ओवरसीज आउटलेट खोलकर उन्होंने ग्लोबल बाजार में भी अपनी धाक जमा दी। आज मान्यवर सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि भारतीय पहनावे का एक नाम बन चुका है।
अरबपति बने फिर भी रहे लोकल-
रवि मोदी की मेहनत का फल 2022 में तब मिला, जब फोर्ब्स ने उन्हें दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल किया। उस समय उनकी नेटवर्थ 2.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 20,000 करोड़ रुपये आंकी गई थी। दिसंबर 2025 तक फोर्ब्स के डेटा के मुताबिक उनकी संपत्ति लगभग 1.7 बिलियन डॉलर यानी करीब 14,000 करोड़ रुपये है।
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लेकिन इतनी बड़ी कामयाबी के बावजूद रवि मोदी काफी प्राइवेट इंसान हैं। वे मीडिया में ज्यादा नहीं आते और पब्लिसिटी से दूर रहते हैं। हद तो तब हो गई जब अपनी कंपनी की नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग सेरेमनी में भी वे नहीं पहुंचे। शायद यही उनकी खासियत है, काम से बोलना, शोर से नहीं।
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रवि मोदी की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो छोटी शुरुआत से डरता है। उन्होंने साबित कर दिया, कि अगर हौसला हो, समझदारी हो और मेहनत करने की चाहत हो, तो 10,000 रुपये भी करोड़ों में बदल सकते हैं।



