Women Safety in Train: आज के समय में जब सोशल मीडिया पर रोज महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की खबरें आती रहती हैं, तो यह कहना गलत नहीं होगा, कि भारत में महिलाओं के लिए सुरक्षित महसूस करना आसान नहीं है। खासकर जब बात अकेले सफर करने की आती है, तो डर और सावधानियां कई गुना बढ़ जाती हैं। लेकिन हाल ही में एक महिला के साथ हुआ अनुभव दिखाता है, कि भारतीय रेलवे महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए कितने संजीदा कदम उठा रहा है।
LinkedIn पर पूर्वी जैन नाम की एक महिला ने अपना एक दिलचस्प अनुभव साझा किया है, जो दिखाता है, कि हमारा देश महिला सुरक्षा के मामले में सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। उनकी इस पोस्ट को 4 हजार से ज्यादा लोगों ने देखा है और कई लोगों ने इसकी तारीफ की है।
रात की ट्रेन में अनोखा अनुभव-
टाइम्स नाउ के मुताबिक, पूर्वी जैन जब मुंबई से सूरत जाने वाली रात की ट्रेन में अकेले सफर कर रही थीं, तो उन्हें एक ऐसा अनुभव हुआ, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। रात के करीब 11 बजे जब वे अपनी सीट पर बैठी थीं, तो अचानक दो महिला पुलिस अफसर उनके डिब्बे में आईं। अफसरों ने पूछा, “सीट 38 – पूर्वी?” पहले तो वे थोड़ी परेशान हुईं, कि क्या कोई समस्या है, लेकिन जब उन्होंने अपना नाम बताया, तो अफसरों ने उनसे पूछा, कि क्या वे कमंफर्टेबल हैं और क्या उन्हें किसी तरह की मदद चाहिए। इसके अलावा उन्होंने पूर्वी को एक हेल्पलाइन नंबर भी दिया, जिसे इमरजेंसी में इस्तेमाल किया जा सकता है। बाद में पता चला, कि यह पहल इसलिए की गई थी क्योंकि पूर्वी अकेले सफर कर रही थीं। रेलवे की तरफ से यह विशेष व्यवस्था अकेले सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए की गई है।
बुजुर्ग दंपती भी हुए प्रभावित-
पूर्वी के पास बैठे एक बुजुर्ग दंपती भी इस पहल से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने बताया, कि उनकी पोती भी अक्सर अकेले सफर करती है और ऐसी पहल से उन्हें भी राहत मिलती है। यह दिखाता है, कि रेलवे की यह पहल न सिर्फ यात्रियों को बल्कि उनके परिवारजनों को भी मानसिक शांति देती है। यह घटना दिखाती है, कि छोटे कदम भी कितना बड़ा फर्क ला सकते हैं। जब एक बुजुर्ग दंपती को अपनी पोती की सुरक्षा के बारे में कॉन्फिडेंस मिलता है, तो यह समझ आता है, कि रेलवे की यह पहल कितनी सार्थक है।
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भारतीय रेलवे में हो रहा सुधार-
पूर्वी ने अपनी पोस्ट में लिखा है, कि यह घटना उन्हें एहसास दिलाती है, कि भारतीय रेलवे और पूरा देश कितना आगे बढ़ गया है। उन्होंने बताया, कि पहले से लेकर अब तक उन्होंने कई बार अकेले सफर किया है, लेकिन ऐसा अनुभव पहली बार हुआ है।वंदे भारत ट्रेनों से लेकर ऑनलाइन टिकट बुकिंग तक और यहां तक कि तत्काल टिकट की तेज प्रक्रिया तक, हर चीज में सुधार दिख रहा है। यह बदलाव न सिर्फ टैक्नॉलोजी के स्तर पर है, बल्कि सेवा की गुणवत्ता में भी नजर आ रहा है।
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