Rahul Gandhi
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    Rahul Gandhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है, कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की एक विधानसभा सीट पर बड़े पैमाने पर वोटर फ्रॉड हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया, कि चुनाव आयोग सत्तारूढ़ BJP के साथ मिलकर चुनाव चुराने का काम कर रहा है। राहुल गांधी के इन गंभीर आरोपों पर कर्नाटक के चुनाव आयोग ने तुरंत जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा है, कि वह शपथ लेकर यह घोषणा करें, कि उन्हें वोटर लिस्ट में कोई अनियमितता मिली है, वरना अपने “गढ़े गए सबूत” वापस ले लें।

    महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों में दिखी थी अजीब बात-

    राहुल गांधी ने अपनी बात रखते हुए कहा, कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में INDIA ब्लॉक के नतीजों का अचानक से बदल जाना यह साबित करता है, कि “कुछ तो गड़बड़ है”। उन्होंने बताया, कि INDIA ब्लॉक ने लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 30 सीटें जीती थीं, लेकिन सिर्फ पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव में 50 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके।

    राहुल गांधी का कहना है, कि “BJP को anti-incumbency का नुकसान नहीं होता। ऑपिनियन कुछ और बताते थे, लेकिन नतीजे बिल्कुल उल्टे आए। हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश इसके उदाहरण हैं।” उन्होंने कहा, कि जीत के कारणों को समझाने के लिए एक माहौल बनाया गया, लाडली बहना योजना, पुलवामा, ऑपरेशन सिंदूर जैसे नरेटिव के जरिए।

    चुनाव आयोग के “कोरियोग्राफ्ड शेड्यूल” पर सवाल-

    राहुल गांधी ने आरोप लगाया, कि चुनाव आयोग का विधानसभा चुनावों का “कोरियोग्राफ्ड शेड्यूल” शक को और भी गहरा करता है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में पांच महीने में उतने वोटर जोड़े गए, जितने पांच साल में नहीं जोड़े गए थे। लोकसभा चुनाव में हमारा गठबंधन जीता, विधानसभा चुनाव में हमारी बुरी हार हुई।” राहुल गांधी का दावा है, कि विधानसभा चुनाव में एक करोड़ नए वोटर्स ने वोट डाले। उन्होंने कहा, कि चुनाव आयोग शाम 5:30 बजे तेज वोटिंग का हवाला देता है, लेकिन हमारे बूथ एजेंट्स का कहना है, कि ऐसी कोई तेज वोटिंग नहीं हुई थी।

    कर्नाटक के महादेवपुरा सीट की जांच में मिले चौंकाने वाले तथ्य-

    राहुल गांधी ने बताया, कि उनकी टीम ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा सीट पर फोकस किया था। उन्होंने कहा, “हमारे इंटरनल पोलिंग के मुताबिक, हमें कर्नाटक में 16 लोकसभा सीटें मिलनी चाहिए थीं, लेकिन हमें सिर्फ 9 मिलीं। हमने 7 अप्रत्याशित हारों पर फोकस किया।” बैंगलोर सेंट्रल लोकसभा सीट पर कुल 6.26 लाख वोट पड़े थे। BJP ने 6,58,915 वोट पाकर 32,707 वोट के मार्जिन से जीत हासिल की। महादेवपुरा में कांग्रेस को 1,15,586 वोट मिले, जबकि BJP को 2,29,632 वोट मिले।

    राहुल गांधी का सबसे बड़ा आरोप यह है, कि उन्हें 1,00,250 चुराए गए वोट मिले हैं। उन्होंने कहा, कि ये वोट पांच अलग-अलग तरीकों से चुराए गए हैं – डुप्लीकेट वोटर्स, फर्जी और गलत पते, एक ही पते पर बल्क वॉटर्स। लेकिन जब हमारी टीम वहां गई तो उन लोगों के रहने का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला, सिर्फ एक ही परिवार उस घर में रह रहा था।

    चुनाव आयोग पर लगाया गंभीर आरोप-

    राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा, “वे अब लोकतंत्र की रक्षा के बिज़नेस में नहीं हैं, बल्कि इसे नष्ट करने में मदद कर रहे हैं। अंपायर दूसरी टीम में चला गया है। न्यायपालिका को इस मामले में दखल देना चाहिए, क्योंकि जिस लोकतंत्र से हम बहुत प्यार करते हैं, वह अब एग्ज़िस्ट ही नहीं करता।” राहुल गांधी ने आरोप लगाया, कि चुनाव आयोग विपक्ष के सवालों का जवाब देने के बजाय टाल-मटोल कर रहा है। उन्होंने कहा, कि चुनाव आयोग ने जांच के लिए डिजिटल वोटर रोल देने से मना कर दिया है।

    चुनाव आयोग का करारा जवाब-

    जैसे ही राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी, कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय ने कांग्रेस नेता से राज्य के चुनावी रोल की जांच के लिए एक डिक्लरेशन सबमिट करने को कहा। चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन में कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, चुनावी रोल पारदर्शी तरीके से तैयार किए जाते हैं, Representation of the People Act, 1950, Registration of Electors Rules, 1960 और चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार।”

    चुनाव आयोग के सोर्स का कहना है, कि राहुल गांधी से आज शाम तक डिक्लरेशन का इंतजार है। एक सूत्र ने कहा, “राहुल गांधी को आज इस शपथ पर साइन करना चाहिए और अपने हैंडल पर ट्वीट भी करना चाहिए। अगर नहीं, तो अपने फेबरिकेटिड एविडेंस को वापस ले लेना चाहिए।”

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    BJP नेता रविशंकर प्रसाद-

    इन ताजा आरोपों पर BJP के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने ANI से कहा कि, “राहुल गांधी की आदत बन गई है, बेबुनियाद आरोप लगाना, मानहानि के केस फेस करना और फिर माफी मांगना। इस पूरे मामले में अब देखना यह है, कि राहुल गांधी चुनाव आयोग की चुनौती को एक्सेप्ट करते हैं या नहीं। यह विवाद भारतीय लोकतंत्र की क्रेडिबिलिटि के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।

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